कुम्हार प्रजापति समाज का आरक्षण सहित विभिन्न मांगों को लेकर जिला समाहरणालय के सामने आक्रोशपूर्ण धरना प्रदर्शन

समस्तीपुर : कुम्हार प्रजापति समाज का आरक्षण सहित विभिन्न मांगों को ले जिला समाहरणालय के सामने सरकारी बस स्टैंड में बिहार सरकार के खिलाफ आक्रोशपूर्ण धरना प्रदर्शन किया गया. बिहार कुम्हार समन्वय समिति ने मुख्य मांगे की, कुम्हार समाज को अनुसूचित जाति का दर्जा एवं माटी कला बोर्ड की स्थापना बिहार में खाली हो रहे राज्यसभा और विधान परिषद की जगह में कम से कम एक कुम्हार को सीट दिया जाए क्योंकि राजनीति में कुम्हार समाज की भागीदारी नगण्य है.

इस धरना प्रदर्शन के बाद बिहार सरकार हमारी मांगे पूरी नहीं करती है तो बिहार के प्रत्येक जिले में आक्रोशपूर्ण आंदोलन किया जाएगा, इस घरना प्रदर्शन में जिलेभर से आए अनेकों कुम्हार समाज के लोगों ने भाग लिया, बिहार कुम्हार प्रजापति समन्वय समिति समस्तीपुर के जिला अध्यक्ष प्रमोद कुमार पंडित ने कहा बिहार सरकार द्वारा माला नोनिया समाज को अनुसूचित जाति का अनुशंसा कर दिया है. लेकिन कुम्हार प्रजापति समाज को छोड़ दिया गया है.

जबकि कुम्हार प्रजापति की लड़ाई लंबी है इसी के खिलाफ आज हम लोग आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन करने को विवश हुए हम बता दें कि बिहार में हमारे समाज की 9000000 वोटर होने के बावजूद भी एक भी सांसद व विधायक नहीं है और ना ही राज्यसभा सदस्य विधान परिषद की किसी भी वार्ड का आयोग का अध्यक्ष या सदस्य नहीं है. बिहार छोड़कर अन्य सभी राज्यों में कुम्हार प्रजापति के विकास के लिए माटी कला बोर्ड का गठन किया गया है.

सभी जगह बोर्ड का अध्यक्ष और सदस्य बनाया गया है बिहार राज्य सरकार के द्वारा क्यों नहीं वहीं जिला प्रवक्ता सुरेश पंडित ने कहा की अनुसूचित जाति का दर्जा कुम्हार जाति को मिलना चाहिए. बिहार सरकार द्वारा मुंगेरीलाल आयोग और साइमन कमीशन के द्वारा कुम्हार प्रजापति का सर्वे हो चुका है. फिर भी बिहार सरकार अनुसूचित जाति का दर्जा देने में विलंब कर रही है.

जिससे कुम्हार समाज में आक्रोश व्याप्त है. मुख्य सभी राजनीतिक दल को गुहार लगाते लगाते कुम्हार समाज थक गया है इसलिए आप लोगों के माध्यम से बिहार सरकार को जानकारी देना चाहता हूँ कि कुम्हार प्रजापति समाज के साथ भेदभाव ना करें वह अधिकार देकर के हमारे समाज को मजबूत बनाने की कृपा करें. वही महिला जिला अध्यक्ष रीता सुमन ने कही की हमारे समाज का 1990 में संगठन बना 1993 में रजिस्ट्रेशन हुआ 1995 में बिहार सरकार द्वारा कुमार प्रजापति को पिछड़ा वर्ग एवं अतिपिछड़ा कि श्रेणी में किया गया.

वही जिला सचिव रामप्रकाश पंडित ने कहा कि कुम्हार समुदाय का रहन-सहन का स्तर भी निम्न है ज्यादातर पड़ोसी एवं मिट्टी के मकान में रहते हैं गुड़िया की तरह कपड़े की बंदी गोरैया राम ठाकुर का पूजा किया जाता है. जो दलित संवर्ग में भी होता है पैसों के अभाव में अपने आप को लाचार पाते हैं. जिसके कारण बच्चे ठीक ढंग से नहीं पढ़ पाते हैं और शिक्षा के प्रति काफी उदासीनता है. लगभग सभी जिलों की स्थिति इसी प्रकार है. हमारा समाज में नृजातीय अध्ययन में छुआछूत की जो बातें कही गई है उसका संबंध में समिति प्रतिकार करती है.


Web Title : RAMPANT DEMONSTRATION DEMONSTRATION IN FRONT OF THE DISTRICT COLLECTORATE REGARDING VARIOUS DEMANDS INCLUDING THE RESERVATION OF THE POTTER PRAJAPATI SOCIETY