भीख मांगने के मामले में हाईकोर्ट ने अपनाया सख्त रवैया, राज्य सरकार से पुछे सवाल

पटना : राजधानी पटना की सड़कों पर बच्चों को भीख मांगने के मामले में हाईकोर्ट ने सख्त रवैया अपना लिया है. गुरुवार को कोर्ट ने राज्य सरकार पूछा कि बच्चों के भीख मांगने से रोकने और उनके पुनर्वास के मामले में अब तक क्या कदम उठाए गए हैं. कोर्ट ने सरकार को इस मामले में कार्रवाई की पूरी रिपोर्ट तलब की है. इसके लिए राज्य सरकार को चार सप्ताह का समय दिया गया है.

मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन की खंडपीठ ने 14 नवम्बर 2017 को पटना शहर की सड़कों पर भीख मांगते बच्चों की रिपोर्ट पर स्वतः दायर हुई जनहित याचिका को सुनते हुए यह आदेश दिया.

राज्य सरकार की तरफ से इस मामले में दायर हुए जवाब पर असन्तोष जाहिर करते हुए मुख्य न्यायाधीध ने कहा कि बच्चों को भिखमंगी से बचाने और उनके पुनर्वास की सरकारी नीति/निर्णय या नियम-कानून दर्शाने से समाधान नही होगा. हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा कि बच्चों को भिक्षाटन से बचाने के लिए उन नियम-कानून और सरकारी नीतियों को अब तक कितना लागू किया गया है. अगर वे नियम कानून लागू हुए हैं तो उनकी धज्जी उड़ाते हुए बच्चे सड़कों पर कैसे भीख मांगते दिख रहे हैं? सरकार बताए कि इन मामलों में सरकारी नियम की अनदेखी करने वाले कितने लोगों पर कारवाही हुई है?


Web Title : THE STRICT ATTITUDE ADOPTED BY THE HIGH COURT IN THE CASE OF BEGGING, ASK QUESTIONS FROM THE STATE GOVERNMENT