हालात बिगड़े तो गुजरात व बिहार की अर्थव्यवस्था को लगेगा झटका

पटना : गुजरात से बिहार के लोगों का लौटना अगर ऐसा ही चलता रहा तो दोनों ही राज्यों  की अर्थव्यवस्था को झटका लग सकता है. जानकार की माने तो  बिहारी मजदूरों का पलायन दोनों राज्यों की अर्थव्यवस्था को हिला कर रख देगा. सस्ते श्रम की दम पर विकसित राज्यों की पहली पंक्ति में खड़े गुजरात में औद्योगिक उत्पादन की लागत कई गुना बढ़ जायेगी. वहीं, बिहार जो कई दशकों से डिस्ट्रेस माइग्रेशन (कष्ट प्रद/मजबूरी में पलायन) को झेल रहा है, उसकी प्रति व्यक्ति आय घट जायेगी. प्रदेश में  बाहरी आय का प्रवाह रुक जायेगा.

गुजरात में 70 लाख मजदूर अन्य राज्य से

 एसोचेम के अनुसार  गुजरात  में करीब एक करोड़ से अधिक मजदूर कारखानों में  काम कर रहे हैं. इसके अलावा कई असंगठित क्षेत्रों में  भी काम कर रहे हैं. जिनमे  70 लाख मजदूर गैर गुजराती हैं.

 

इनमें करीब पचास लाख मजदूर बिहार और पूर्वोत्तर  के हैं. विश्लेषकों के मुताबिक इनमें से बिहार के मजदूरों की संख्या तीस लाख अनुमानित है. अगर इन मजदूरों में प्रति  मजदूर अपने मूल घर बिहार के लिए  पांच हजार रुपये प्रतिमाह भी भेजता होगा, तब भी हर माह करीब 15 अरब रुपये बिहार आते हैं. जानकारों के मुताबिक ये रकम ही वर्तमान में बिहार की इकोनॉमी और बाजार की रौनक को बहाल रखे हुए हैं. अगर गुजरात में पलायन नहीं रुका, तो खेती पर भी बोझ बढ़ सकता है. क्योंकि, पलायनकर्ता खेती से हारे हुए लोग ही हैं. ये सभी लोग मजबूरी  में पलायन करते हैं.  

क्या कहते विशेषज्ञ

 विशेषज्ञों के अनुसार मजदूरों के पलायन का सीधा असर दोनों राज्यों पर पड़ेगा. गुजरात के उद्योग धंधों की रफ्तार घटनी तय है. दरअसल बिहार के सस्ते श्रम की दम पर गुजरात की अर्थ व्यवस्था टिकी है. बिहारी मजदूर घर  लौटकर सुरक्षित महसूस तो कर रहे हो. लेकिन सच्चाई है कि उनके सामने अपने परिवार के पोषण के लिए समस्या हो गई  है. ऐसे में बिहार सरकार को भी इंडस्ट्रियल इन्फ्रा को सुधारना चाहिए.   

दोनों राज्यों की अर्थव्यवस्था का अपने-अपने तरीके से कचूमर निकलेगा. इस घटनाक्रम से बिहार काे सबक लेना चाहिए. उसे अपने लोगों की आर्थिक बेहतरी के लिए अपने यहां के मानव श्रम को सर्विस सेक्टरों में खपाने की रणनीति बनानी चाहिए. इसके लिए उन्हें धरातल पर स्किल प्रोग्राम चलाने चाहिए. क्योंकि, हमारी खेती ओवरलोडेड है.   -डॉ  कुमुदनी सिन्हा,  अर्थशास्त्री, रिटायर्ड  हेड ऑफ डिपार्टमेंट, पीयू

 


Web Title : THINGS WORSENED THE ECONOMY OF GUJARAT AND BIHAR WILL BLOW