अनोखी घटना: पिता ने खोये बेटे को मृत मान लिया था, जेल में बंद था बेटा, सामाजिक कार्यकर्ता ने मिलाया 


पटना : जमुई के पोखन मांझी के पुत्र लूटन मांझी जो ग्राम केवाली के रहने वाले है, वो महीनों से पटना के बेउर जेल मे बंद थे, जानकारी अनुसार लूटन मांझी के परिवार को ये तक जानकारी नहीं थी की उनके परिवार का कमाऊ अंग जीवित. है या नहीं.


पिता अपने पुत्र को ढूढ़ कर हार चुके थे यहाँ तक की उन्होंने ये तक सोच लिया था की मेरा पुत्र अब इस दुनिया मे नहीं रहा, जमुई के सामाजिक कार्यकर्ता सुमन सौरव को लूटन के बारे मे जानकारी मिलने के बाद जब उनके पिता पोखन मांझी से साथियों के सहयोग से बात हुई, तो उन्हें पहले तो ये पता नहीं था. मै क्या बोलने को लेकर उन से बात करने  वाला हूं. कुछ समय के पूछ-ताछ से जरुरी जानकारी इकट्ठी कर बताया गया,  आपका खोया पुत्र जीवित है.

वो सुन बिलकुल से चुप से हो गए और कुछ देर बाद लड़खड़ाते हुए लब्ज से कहते है.. . कहाँ है. उनकी लडखडाहट सुन मै खुद भावुक हो गया. मै समझ नहीं पा रहा आखिर इतनी बड़ी गलती प्रशासन कैसे कर सकती है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार गिरफ़्तार किये गए व्यक्ति की सुचना परिवार तक पहुंचाने की जिम्मेदारी एक समय सीमा के अंदर  प्रशासन की होती है पर प्रशासनिक लापरवाही के कारण परिजन तक ये जानकारी नहीं पहुंचाई गयी..
आज भी कई लूटन मांझी की ही तरह कई जेलों मे कैद है,  जिनके परिवार को सुचना तक नहीं है की वो जीवित है या नहीं ?

 लूटन मांझी विवाहित है, उनकी पत्नी पति के जीवित होने के बाद भी विधवा जैसी जिंदगी जी रही है. उनके दो बच्चे अनाथ की तरह रहने को मजबूर है. ये छोटी घटना नहीं बल्कि बहुत बड़ी घटना है इसकी गंभीरता को समझने का प्रयास करें.

वैसे अब लूटन मांझी जेल से बाहर आ चुके है. सुमन सौरभ, संतोष,  प्रवीण जी जिन्हें पटना के जेलों में लंबित वादों में बंद बंदियों को सामाजिक न्याय दिलाने के लिए माननीय पटना उच्च न्यायालय से आदेश प्राप्त है तथा जमुई से सार्थक सहयोग हेतु दयानन्द साव, सामाजिक कार्यकर्त्ता हरे राम कुणाल जिन्होंने परिजन को ढूढ़ निकालने मे सार्थक प्रयास किया है.
Web Title : UNIQUE INCIDENT: FATHER HAD ASSUMED LOST SON DEAD, WAS JAILED BY SON, SOCIAL WORKER

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