पटना : बिहार में छठ महापर्व की रौनक देखते ही बन रही है. कल अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के बाद आज सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. पटना सहित बिहार के सभी घाटों पर व्रतियां सूर्य भगवान को अर्घ्य देने पहुंची. पूरा बिहार अभी छठी मैया की भक्ति में डूब गया. सिर्फ बिहार नहीं बल्कि देश के कई शहरों में और विदेशों में भी छठ पर्व धूमधाम से मनाया गया और इस तरह से छठ व्रत संपन्न हो गया.
चार दिनों तक चलने वाले इस त्योहार में रविवार को नहाय खाय था जिसके बाद सोमवार को व्रतियों ने खरना किया. खरना के बाद अगले दिन प्रसाद बनाए जाते हैं. प्रसाद में ठेकुआ, चावल का बना लड्डू, केला, नारियल, गन्ना प्रमुख है. छठ का प्रसाद बनाते समय स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता है. ठेकुआ और चावल के लड्डू के लिए गेंहू और चावल को काफी नियम-निष्ठा से धोकर पिसवाया जाता है.
अनाज सुखाते छठ पूजा के प्रसाद में गन्ना और केला का भी विशेष महत्व है. अर्घ्य देते वक्त पूजा की सामग्री में गन्ने का होना जरूरी है. छठ प्रकृति की अराधना का महापर्व है, जो पर्यावरण को स्वच्छ बनाने का संदेश देता है. अनादि काल से मनाए जाने वाले इस पर्व में धरती पर ऊर्जा का संचार करने वाले भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना की जाती है. त्योहार से पहले नदी, तालाब, पोखर आदि जलाशयों की सफाई का काम शुरू हो जाता है.
प्रशासन की मुस्तैदी से प्रदेश में छठ महापर्व पूरे हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ. पुलिस जगह-जगह पर घाटों पर मौजूद थी और पुलिस की चप्पे-चप्पे पर नजर थी. लगभग 2000 अतिरिक्त पुलिस बल छठ के मद्देनजर तैनात किए गए थे. 12 QRT टीम की भी तैनाती की गई. घाटों पर 6 अस्थाई थाने बनाए गए हैं. प्रशासन ने शांतिपूर्ण छठ संपन्न कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी.