सुशील मोदी ने राम मंदिर निर्माण की वकालत की, कहा- राम मंदिर फैसले को कोर्ट टाल रही

पटना : बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने राम मंदिर निर्माण की वकालत की है. उन्होंने इसे करोड़ों हिंदुओं की भावना बताया. सुशील मोदी ने कहा कि 2010 में ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया था. साथ ही उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश दुर्भाग्यपूर्ण है. अदालतों ने राम मंदिर को लटकाकर रखने का उन्होंने आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि का मामला जब आता है तो कोर्ट के पास समय नहीं होता है.

सुशील मोदी ने कहा कि मस्जिद कहीं भी बन सकता है, लेकिन राम मंदिर अयोध्या में ही बनेगा. कोर्ट पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि समलैंगिकता और अर्बन नक्सल पर सुप्रीम कोर्ट फैसला दे सकती है तो राम मंदिर पर क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि हम राम मंदिर को छोड़ नहीं सकते हैं, केंद्र सरकार भव्य राम मंदिर के पक्ष में है.

सोमनाथ मंदिर के पक्ष में नहीं थे नेहरू

सुशील मोदी ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के बहाने कांग्रेस पार्टी पर भी हमला किया. उन्होंने कहा कि नेहरू सोमनाथ मंदिर के पक्ष में नहीं थे. वह मंदिर के पुनर्निर्माण के घोर विरोधी थे. साथ ही उन्होंने कहा कि नेहरू, राजेन्द्र बाबू का राष्ट्रपति भी बनाना नहीं चाहते थे. सुशील मोदी ने कहा कि नेहरू ने खत लिखकर सोमनाथ मंदिर नहीं जाने के लिए कहा था.

डिप्टी सीएम सुशील मोदी के बयान पर बोली जेडीयू ने भी प्रतिक्रिया दिया है. पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि देश संविधान से चलता है, जिसे बाबा साहब भीम राव आंबेडकर ने बनाया है. राम मंदिर का मसला कोर्ट में है, वहां से फैसला होगा. अगर दोनों पक्षों में आपसी सहमति से हाल निकलता है तो भी ठीक है. संसद में अध्यादेश आने पर पार्टी फैसला लेगी. अध्यादेश आने पर पार्टी का रुख केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा.


Web Title : SUSHIL MODI SLAMS SUPREME COURT ON RAM MANDIR ISSUE