रांची : कोरोना संकट के दौर में दूसरे राज्यों में फंसे झारखंड के मजदूरों को वापस लाने के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार मुहैया कराने की रणनीति पर भी राज्य सरकार ने अमल शुरू कर दिया है. सोमवार को प्रोजेक्ट भवन सचिवालय में ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़ी तीन अहम योजनाओं का शुभारंभ किया गया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ग्रामीण विकास विभाग की इन योजनाओं का उदघाटन किया. पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण और खेल विकास से जुड़ी इन योजनाओं के नाम राज्य के शहीदों के नाम पर रखे गए हैं.
बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत बड़े पैमाने पर फलदार पेड़ लगा रोजगार का सृजन किया जाएगा. वही, नीलाम्बर-पीताम्बर योजना के तहत रोजगार सृजन के साथ-साथ जल संरक्षण के उपाय किए जाएंगे. शहीद पोटो हो खेल विकास योजना राज्य में खेल प्रतिभा तराशने के लिए शुरू की गई है. इस योजना के तहत पंचायत स्तर पर खेल के मैदान बनाएं जाएंगे. इन योजनाओं पर अगले 5 वर्षों में 20000 करोड़ की राशि व्यय किए जाने का अनुमान लगाया गया है.
सरकार का मानना है कि तीनों योजनाओं पर अमल से करीब 25 करोड़ मानव कार्य दिवस रोजगार का सृजन किया जा सकता है. इस मौके पर ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, ग्रामीण विकास वुभग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित थे.
इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि संकट की इस घड़ी में हमें अपने मजदूरों को लाना भी है और उनके लिए रोजगार के संसाधन भी मुहैया कराने हैं. उन्होंने कहा ऐसी परिस्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों में भुखमरी की स्थिति ना हो इसीलिए सरकार ने तीन नई योजनाओं की शुरुआत की है. कहा, बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत हमारी कोशिश होगी कि ग्रामीण क्षेत्रों में पांच लाख परिवारों को 100-100 पेड़ों का पट्टा दिया जाए. जहां यह पेड़ लगाए जाएंगे वह जमीन सरकारी भी हो सकती है और व्यक्तिगत भी. सड़कों के किनारे भी पेड़ लगाए जाएंगे.