प्रवर्तन निदेशालय ने झारखंड के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एक करोड़ 80 लाख रुपये की चल व अचल संपत्ति को जब्त कर लिया है. ईडी का कहना है कि डॉ. प्रदीप कुमार के खिलाफ अभी जांच चल रही है. ऐसे में आने वाले दिनों में कुछ और संपत्तियों को जब्त किया जा सकता है.
ईडी ने डॉ. प्रदीप कुमार के खिलाफ पीएमएलए एक्ट के तहत यह कार्रवाई की है. ईडी ने प्रदीप कुमार के खिलाफ दाखिल सीबीआई की चार्जशीट के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी. जांच के दौरान पता चला कि 1991 बैच के आईएएस अधिकारी ने पटना के डीएम रहते हुए काफी संपत्तियां अर्जित की थी.
कुमार झारखंड के निर्माण तक बिहार में कार्यरत थे. इस वक्त वह झारखंड में संथाल परगना के डिविजनल कमीश्नर है. ईडी का कहना है कि प्रदीप कुमार अपने भाई राजेंद्र कुमार, कारोबारी श्यामलाल चक्रवर्ती और धमेंद्र कुमार धीरज के साथ मिलकर संपत्ति खरीदते थे. इनमें चार्टेड एकाउंटेट नरेश केजरीवाल भी शामिल था.
इस पूरे मामले में श्यामलाल चक्रवर्ती की भूमिका काफी अहम थी. वह डॉ. प्रदीप कुमार के नाम पर रिश्वत वसूल करता था. इसके साथ डॉ. प्रदीप कुमार ने नंदलाल के नाम से एक अविभाजित हिंदू परिवार (एचयूएफ) भी बना लिया था. इसके कर्ताधर्ता राजेंद्र कुमार थे. प्रदीप कुमार ने बड़ी संख्या में इंदिरा विकास पत्र और किसान विकास पत्र खरीदे. इसके साथ भाई के नाम पर भी संपत्ति खरीदी.
- डॉ प्रदीप कुमार के नाम पर रांची में एक फ्लैट
- डॉ प्रदीप कुमार के नाम पर उदयपुर में एक फ्लैट
- राजेंद्र कुमार के नाम पर बेंगलुरु में एक प्लॉट
- राजेंद्र कुमार के नाम पर उदयपुर में एक फ्लैट
- कोलकाता में नंदलाल एचयूएफ के नाम पर फ्लैट
इसके साथ प्रवर्तन निदेशालय ने 42. 97 लाख रुपये की नंदलाल एचयूएफ के नाम पर फिक्स डिपोजिट, डॉ. प्रदीप कुमार और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर विभिन्न बैंक खातों में जमा 39. 85 लाख रुपये भी जब्त किए हैं.