झारखंड चुनाव: सिल्ली सीट पर टिकी सभी की निगाहें, चौथी बार मैदान में हैं सुदेश महतो

रांची: झारखंड में हो रहे विधानसभा चुनाव को लेकर यूं तो सभी सीटों पर लोगों की नजर है, मगर इस चुनाव में ´हाई प्रोफाइल´ सीटों में सिल्ली विधानसभा क्षेत्र भी बना हुआ है, जहां आजसू प्रमुख सुदेश महतो चौथी बार मैदान में हैं.  

बीजेपी से अलग होकर चुनावी मैदान में उतरे ऑल आजसू के प्रमुख सुदेश महतो अपनी इस परंपरागत सीट से एक बार फिर से चुनावी मैदान में उतरे हैं. महतो का मुख्य मुकाबला जेएमएम की प्रत्याशी सीमा देवी के बीच माना जा रहा है. बीजेपी ने यहां अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है.  

इस चुनाव में क्षेत्र का विकास एकबार फिर मुख्य मुद्दा बना हुआ है. रांची जिले के सिल्ली विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुदेश महतो राज्य के मंत्री से लेकर उपमुख्यमंत्री का पद संभाल चुके हैं, इसके बावजूद अब तक इस क्षेत्र का संपूर्ण विकास नहीं हो सका.  

सोनाहातू प्रखंड के दुलमी गांव के रहने वाले ब्रजनंदन सिंह कहते हैं कि इस पंचायत के 80 प्रतिशत लोग खेती के सहारे हैं, मगर इस गांव में सिंचाई की कोई खास सुविधा नहीं है. मनरेगा के तहत कुछ कुएं जरूर बने हैं, लेकिन उसमें खेती के लायक पर्याप्त पानी नहीं होता जिससे पूरे गांव के खेतों में पटवन हो जाए.  

स्थानीय लोग कहते हैं कि झारखंड बनने के बाद यहां सरकार बनाने के लिए कई बार ऐसे मौके आए कि सिल्ली पर दिल्ली की भी नजर रही. इस चुनाव में आजसू का नेतृत्व करनेवाले सुदेश महतो को झामुमो की चुनौती मिल रही है. वर्ष 2000 में सुदेश महतो कांग्रेस प्रत्याशी केशव महतो को हरा कर पहली बार विधायक बने. इसके बाद वे 2004 और 2009 के चुनाव में जीतकर लगातार तीन बार विधायक चुने गए.  

वर्ष 2014 के चुनाव में झामुमो के टिकट पर मैदान में उतरे अमित कुमार महतो, सुदेश महतो को 29 हजार से अधिक वोटों से हराकर विधायक बने थे. उसके बाद अमित को एक मामले में सजा होने के कारण 2018 में कराए गए उपचुनाव में भी अमित महतो की पत्नी सीमा देवी झामुमो के ही टिकट पर सुदेश महतो को हराकर विधायक बनीं. इस सीट पर कुल 15 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. बीजेपी ने आजसू से गठबंधन नहीं होने के बावजूद यहां से अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है, ताकि झामुमो को शिकस्त दिया जा सके.  

दुलमी गांव के सब्जी खेत में काम कर रहे किसान सुखदेव महतो कहते हैं कि सिंचाई के अभाव में इस क्षेत्र में सही तरीके से खेती नहीं हो पाती है. उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि पांच-सात साल पहले कई क्षेत्रों में नदियों पर पुल बन जाने से आवागमन की सुविधा तो हो गई है, मगर स्कूलों की स्थिति और स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल हैं.  


क्षेत्र में इस बार ´चूल्हा प्रमुख´ बनाकर कार्यकर्ताओं को मतदान केंद्र स्तर पर मजबूत किए जाने का लाभ सुदेश महतो को मिलना तय माना जा रहा है, लेकिन जानकारों का कहना है कि जो प्रत्याशी पिछड़े वर्ग और आदिवासी मतदाताओं को लुभा लेगा, उनकी जीत निश्चित है.  

इस बीच, सुदेश महतो ने कहा कि वह विकास के मुद्दे को लेकर गांव से लेकर कस्बों तक पहुंच रहे हैं. उन्होंने कहा, पिछले पांच वर्षो से सिल्ली का विकास ठप है. सिल्ली की पहचान राष्ट्रीय फलक पर थी, जो थम सा गया है, अगर जनता का आशीर्वाद मिला तो एक बार फिर क्षेत्र में विकास की गंगा बहेगी.  

वहीं, झामुमो प्रत्याशी सीमा कहती हैं कि उन्होंने जनता को विश्वास में लेकर विकास का काम करवाया है. बहुत कुछ किया है और बहुत कुछ किया जाना बाकी है. इस क्षेत्र में मतदान तीसरे चरण में 12 दिसंबर को होना है. मतदाता किस प्रत्याशी की बातों पर भरोसा करते हैं, यह 23 दिसंबर को परिणाम आने पर ही पता चलेगा.  

Web Title : JHARKHAND ELECTIONS: ALL EYES ON SILLI SEAT, SUDESH MAHATO IN FRAY FOR 4TH TIME

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