यूपी : उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत मिलने वाले फ्लैटों की कीमत 4. 5 लाख रुपए से बढ़ाकर 6. 5 लाख रुपए करने की सैद्धांतिक मंजूरी दी है. सरकार की घोषणा के बाद लाभर्थियों पर इसका सीधा असर पड़ेगा. गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) की उपाध्यक्ष कंचन वर्मा ने सरकार के इस फैसले की पुष्टि करते हुए कहा, ‘हालांकि, जब तक हमें सरकार का आदेश नहीं मिलता, तब तक निर्णायक रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता. ’इस समय योजना के तहत मिलने वाले फ्लैटों की कीमत 4. 5 लाख रुपए हैं. इसमें लाभार्थी को केंद्र सरकार 1. 5 लाख और राज्य सरकार 1 लाख रुपए की मदद करती है. बचे हुए दो लाख रुपए लाभार्थी को देने होते हैं. GDA के चीफ इंजीनियर वीएन सिंह ने कहा, ‘नए दरें लागू हो जाती हैं तब भी केंद्र और राज्य सरकारें लाभार्थी की मदद करती रहेंगी. हालांकि फ्लैट खरीदार को दो के बजाय चार लाख रुपए देने होंगे. ’जिन लोगों की वार्षिक आमदनी तीन लाख रुपए से कम होती है वो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाले फ्लैटों खरीदने के योग्य हो सकते हैं. इस योजना के तहत 30 sqm या 322 sp ft मिलते हैं. सिंह ने बताया कि नई दरें उन लाभार्थियों पर लागू नहीं होंगी जिनकी निविदाएं (टेंडर) पहले ही मंगाई जा चुकी हैं. इसमें मधुबन-बापूधाम (856), निवारी (288), डासना (432) और 1,152 फ्लैट मसूरी में शामिल हैं. अधिकारियों के मुताबिक बिल्डर्स असोसिएशन ने PMAY के योजना के तहत बनने वाले सस्ते फ्लैटों की कीमतों पर बढ़ोतरी की मांग की थी. सरकार इससे सहमत हो गई थी मगर जब राज्य भर के विकास प्राधिकरणों ने इसी तरह की वृद्धि की मांग की, क्योंकि वे भी निजी डेवलपर्स की तरह इस योजना के तहत फ्लैटों का निर्माण कर रहे हैं. इस पर सरकार ने मंजूरी पर पुनर्विचार किया. इसके बाद इस मामले को देखने के लिए गाजियाबाद, लखनऊ और कानपुर और आवास विकास परिषद के विकास प्राधिकरण के अधिकारियों वाली एक समिति का गठन किया गया था. इस समिति के सदस्य वीएन सिंह भी हैं. उन्होंने कहा, ‘पैनल ने यूपी सरकार को कई अन्य राज्यों में ऐसे फ्लैटों की दरों का हवाला देते हुए 2 लाख रुपए की बढ़ोतरी की सिफारिश की थी, जो कि 5. 5 लाख रुपए से 10 तक की सीमा में हैं. सिंह के मुताबिक एक फ्लैट की मूल कीमत सात लाख रुपए से अधिक बैठती हैं जिसमें जमीन मुफ्त में मुहैया कराई जाती है. इसमें जमीन खरीदने के लिए भी दस लाख रुपए चाहिए.