बन्दर के नाम कर दी करोडो की संपत्ति, अलग धर्म के बावजूद घर में बनवाया मंदिर

रायबरेली : यह जानवरों के प्रति अनूठे प्यार की दिलचस्प कहानी है! एक महिला ने अपने पालतू बंदर के नाम सारी प्रॉपर्टी कर दी. पिछले साल जब उसकी मौत हुई, तो अपने घर में उसका मंदिर बनवा दिया. इसी मंगलवार को मंदिर में राम-लक्षण और सीता के साथ बंदर की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की गई. इस मौके पर भंडारा भी कराया गया. महिला ने अपने घर का नाम भी बंदर के नाम पर ´चुनमुन´ रखा है.  

-रायबरेली के शक्तिनगर निवासी कवियित्री सबिस्ता बृजेश के घर में मंगलवार को उनके चहेते बंदर चुनमुन की मूर्ति स्थापित कर दी गई. सबिस्ता को यह बंदर करीब 13 साल पहले मिला था. सबिस्ता मानती हैं कि चुनमुन के आने के बाद मानों उनकी जिंदगी बदल गई थी. चुनमुन उनके लिए भाग्यशाली साबित हुआ था.  

-सबिस्ता मुस्लिम हैं, बावजूद उन्होंने अपने घर में मंदिर बनवाया. उन्होंने 1998 में ब्रजेश श्रीवास्तव से लव मैरिज की थी. दोनों की कोई संतान नहीं है.  

सबिस्ता बताती हैं,´जब हमने बृजेश से लव मैरिज की, तो समाज में जीना दूभर हो गया था. कामकाज ठप्प होने से हमारे ऊपर कर्ज भी लदता चला गया. मन की शांति के लिए हम हिंदू धर्म ग्रंथों को पढ़ने लगे. साधू-संतों की शरण में जाने लगे. इसी बीच एक जनवरी 2005 को चुनमुन हमारे घर का नन्हा मेहमान बना. जब हमने एक मदारी से उसे लिया, तब उसकी उम्र तीन महीने थी. चुनमुन हमारे लिए भाग्यशाली साबित हुआ. न सिर्फ हमारा सारा कर्ज उतर गया, बल्कि धन-दौलत सबकुछ हासिल हुआ. ´

-साबिस्ता ने बंदर की अच्छे-से परवरिश की. घर के तीन कमरे उसके लिए स्पेशल रखे गए थे. चुनमुन के कमरे में एसी और हीटर भी लगा हुआ था. 2010 में शहर के पास ही छजलापुर निवासी अशोक यादव के यहां पल रही बंदरिया से उसका विवाह भी कराया गया.  

-सबिस्ता के मुताबिक, उनकी कोई संतान नहीं थी. इसलिए उन्होंने चुनमुन को ही अपना बेटा मान लिया. चुनमुन के नाम से एक संस्था बनाई और सारी प्रॉपर्टी उसके नाम कर दी.  

-सबिस्ता बंदर की शादी की सालगिरह भी धूमधाम से मनाती हैं. इस दिन भंडारा आयोजित करती हैं.



Web Title : PROPERTY OF CRORES GIVEN TO MONKEY, IN SPITE OF DIFFERENT RELIGION HOUSE ERECTED TEMPLE