लद्दाख बॉर्डर पर चीन की हिमाकत, 14 दिन में 14 बार की घुसपैठ

नई दिल्ली : पिछले महीने में चीन ने लद्दाख के अलग-अलग सेक्टर में 14 दिनों में 14 बार घुसपैठ की. आईटीबीपी  रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की सेना ने लद्दाख के ट्रिग हाईट और ट्रैक जंक्शन में 7 अगस्त और 16 अगस्त को 6 किलोमीटर तक अंदर आ गए थे. आईटीबीपी और सेना के विरोध के बाद चीनी सैनिक वापस चले गए. ये घटना सुबह करीब 8 बजकर 30 मिनट पर हुई.


यही नहीं, चीन के सैनिकों ने अगस्त के महीने में डेपसांग प्लेन्स में ताबड़तोड़ 6 बार घुसपैठ की. आईटीबीपी  रिपोर्ट के अनुसार चीन की सेना सबसे पहले 4 अगस्त को डेपसांग के इलाके में 18 किलोमीटर तक अंदर चले आये थे. उसके बाद भारतीय सुरक्षाबलों के विरोध के बाद वापस तो चले गए, लेकिन दोबारा चीनी सैनिक ताबड़तोड़ तरीके से 12,13,17 और 19 अगस्त को भारतीय क्ष्रेत्र में घुसे.


सूत्रों के मुताबिक, लद्दाख के ट्रिग हाईट और डेपसांग का ये इलाका भारत के लिए स्ट्रैटिजिक महत्व की जगह है. इसलिए चीन यहां अपना प्रभुत्व कायम करने की कोशिश में रहता है और बार-बार घुसपैठ करता है. इसी इलाके में भारत का महत्वपूर्ण दौलत बेग ओल्डी एयरफील्ड भी है. इस पर चीन घुसपैठ के जरिये नजर रखने की फिराक में रहता है.


चीनी सैनिकों ने भारतीय सुरक्षाबलों पर की पत्थरबाजी


चीनी सैनिकों के पेंगोंग सो लेक के इलाके में भी अगस्त के महीने में 5 बार घुसपैठ का खुलासा हुआ है. पैंगोंग सो लेक ऐसी जगह है, जहां पर चीन बार-बार घुसपैठ करने की कोशिश करता है. पिछले साल इसी अगस्त के महीने इसी इलाके में चीनी सैनिकों ने भारतीय सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी की थी. हालांकि, सुरक्षाबलों ने मुंहतोड़ जवाब दिया था.


´जुलाई में भी घुसे चीनी सैनिक´


भारत चीन सरहद पर चीन की घुसपैठ वाली चाल का पर्दाफाश एक बार फिर हुआ है. सरहद के अलग-अलग सेक्टर में चीनी सैनिक यानी पीएलए ने ताबड़तोड़ घुसपैठ कर यह जताने की कोशिश की है, कि वह अपनी हरकतों से बाज आने वाला नहीं है. आईटीबीपी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चीनी सैनिकों ने लद्दाख के अलग-अलग सेक्टर में जुलाई के महीने में कई बार घुसपैठ तो की ही है, साथ ही उत्तराखंड के बाराहोती इलाके में भी चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की है.


सूत्रों ने आजतक को ये जानकारी दी है कि 20 जुलाई को करीब 9 बजकर 50 मिनट पर चीनी सैनिकों का एक दल उत्तरी लद्दाख के डेपसांग प्लेन में करीब 19 किलोमीटर भारतीय सीमा के अंदर घुस आया था. आईटीबीपी के जवानों के विरोध के बाद चीनी सैनिक वापस चले गए. पर चीन है कि मानता नहीं, दूसरे दिन यानी 21 जुलाई को फिर चीनी सेना ने वही हरकत की और भारतीय सीमा के डेपसांग के इलाके में करीब 18 किलोमीटर तक घुसपैठ की.


जानकारों की मानें तो ये इलाका भारत के लिए सामरिक रूप से बहुत ही महत्त्वपूर्ण है, इसीलिए चीन इस इलाके में बार बार घुसपैठ करता है. सूत्रों ने जानकारी है कि उत्तरी लद्दाख के डेपसांग प्लेन में 28 जुलाई और 31 जुलाई को चीनी सेना पीएलए  ने 17 से 18 किलोमीटर अंदर तक घुसपैठ की जिसका भारतीय सुरक्षा बलों ने जमकर विरोध किया.


बता दें कि चीनी सैनिकों ने सिर्फ लद्दाख के डेपसांग में ही घुसपैठ नहीं की बल्कि लद्दाख के ही ट्रिग हाइट और ट्रेक्ट जंक्शन में भी चीनी सैनिकों ने ताबड़तोड़ 21 जुलाई 28 जुलाई और 29 जुलाई को घुसपैठ की यह घुसपैठ 1 किलोमीटर से लेकर 5 किलोमीटर अंदर तक की थी. यही नहीं चीनी सैनिकों ने थाकुंग पोस्ट के पास पैंगोंग झील के नजदीक तक गाड़ी के जरिये 22 जुलाई को सुबह 8 बजे 2 किलोमीटर अंदर तक घुसपैठ की.


पेंगोंग हिमालय में एक झील है, जिसकी ऊंचाई लगभग 4500 मीटर है. यह 134 किमी लंबी है और भारत के लद्दाख से तिब्बत पहुंचती है. इस झील का करीब 60 फीसदी हिस्सा चीन में है. इस झील का 45 किलोमीटर का हिस्सा भारत में है, जबकि 90 किलोमीटर हिस्सा चीनी क्षेत्र में पड़ता है. पैंगोंग का ये वही इलाका है जहां पर पिछले साल अगस्त (2017) के महीने में चीनी सैनिकों ने भारतीय सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी की थी. इस इलाके में भी चीनी सेना ने पिछले महीने में घुसपैठ की है.



Web Title : CHINAS INFANTRY ON LADAKH BORDER, 14 TIMES IN 14 DAYS INFILTRATED

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