पाक ने भारतीय उच्चायुक्त को गुरुद्वारा ना जाने देने के आरोपों का किया खंडन, कहा उच्चायुक्त थे सहमत

पाकिस्तान ने उन आरोपों को रविवार को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि भारतीय उच्चायुक्त को इस्लामाबाद के निकट स्थित एक प्रसिद्ध गुरुद्वारा में जाने की अनुमति नहीं दी गई. पाकिस्तान ने कहा कि राजनयिक भारत में विवादास्पद फिल्मों को प्रदर्शित किये जाने के खिलाफ सिख तीर्थयात्रियों के प्रदर्शन के मद्देनजर अपनी यात्रा रद्द करने के लिये सहमत हो गए थे.

भारत ने शनिवार को नई दिल्ली में पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त सैयद हैदर शाह को तलब किया था और इस्लामाबाद में तैनात अपने उच्चायुक्त और वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों के गुरुद्वारा पंजा साहिब जाने और भारतीय तीर्थयात्रियों से मिलने की अनुमति नहीं देने पर कड़ा विरोध दर्ज कराया था. पाकिस्तानी पक्ष को बताया गया कि भारतीय उच्चायोग के अधिकारी को वाणिज्य दूतावास की जिम्मेदारियों का निर्वहन करने से रोकना राजनयिक संबंधों पर 1961 की वियना संधि और धार्मिक स्थलों की यात्रा पर द्विपक्षीय प्रोटोकॉल का उल्लंघन है.  

पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद फैसल ने रविवार को अपने ट्वीट में कहा कि सिख तीर्थयात्री ´भारत में बुरे बर्ताव और विवादास्पद फिल्मों को प्रदर्शित किये जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. ´ उन्होंने कहा कि भारतीय उच्चायुक्त को तीर्थयात्रियों की भावनाओं से अवगत करा दिया गया था और उन्होंने इस चिंता की वजह से अपनी यात्रा रद्द करने पर सहमति जता दी.  

साथ ही फैसल ने कहा कि 300 से अधिक भारतीय सिख महाराजा रणजीत सिंह की पुण्यतिथि पर पाकिस्तान की यात्रा कर रहे हैं. सिख यात्रियों के लिए अटारी से वाघा के लिए एक विशेष ट्रेन की व्यवस्था की गई है. सिख यात्रियों का ´उनके धार्मिक और सांस्कृतिक जलसों के लिये पाकिस्तान में हमेशा स्वागत है. ´ इससे पहले, मीडिया में आई खबरों में कहा गया था कि बिसारिया और उनकी पत्नी को सिखों ने प्रवेश नहीं करने दिया. सिख समुदाय के लोग विवादास्पद फिल्म ´नानक शाह फकीर´ के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. भारत के उच्चतम न्यायालय ने गत 13 अप्रैल को फिल्म के अखिल भारतीय प्रदर्शन का रास्ता साफ कर दिया था.



Web Title : PAK HAS AGREED TO REFUTE INDIAN HIGH COMMISSIONER CHARGES OF NOT GIVING GURUDWARAS, SAID HIGH COMMISSIONER