पठार क्षेत्र में भीषण गर्मी के बढ़ते ही गहराया जलसंकट, राजीव सागर बांध का पानी बावनथड़ी नदी में छोड़ने की मांग

बालाघाट. मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र राज्य के बीच से बहने वाली जीवनदायिनी बावनथड़ी नदी की प्रवाहित जलधारा लगभग 4 माह पहले ही सुख गई है, जिसके कारण नदी एवं नदी किनारों पर स्थित खेतों के सभी प्रकार के जलस्त्रोंत जैसे कुआं, बोरवेल पूरी तरह से सुखने की कगार पर है, जिसकें कारण दोनो राज्यों के बावनथड़ी नदीे के किनारों पर स्थित लगभग आधा सैकड़ा गांवों के खेतो मंे लगी हरी-भरी गन्ने एवं सब्जी-भाजी की फसल पानी की कमी कारण बर्बाद होती दिखाई दे रही है.

विदित हो कि कुछ वर्ष पूर्व में बावनथड़ी नदी पर मध्यप्रदेश एंव महाराष्ट्र राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रुप से अति-महत्वाकांक्षी राजीव सागर परियोजना (बांध) का निर्माण कराकर वर्ष 2012 से जलसंचय कराना प्रारंभ किया गया था. जिसका पानी दोनों राज्यों के लगभग लाखों किसानों के लिये वरदान साबित होकर समय-समय पर खेतों की सिंचाई के लिए छोड़ा जाता है, लेकिन जब से राजीव सागर परियोजना का निर्माण होकर बावनथड़ी नदी के पानी को बांध मंे जलसंचय के लिए रोका गया है, तब से बावनथडी नदी के किनारों के आसपास का जलस्तर दिनों-दिन लगातार निचे गिर रहा है, क्योंकि बांध के नीचे से 50 किमी. दूर ग्राम मोवाड़ तक बहने वाली बावनथड़ी नदी, बांध में पानी रोकने के कारण समय से पहले ही सुख जाती है, परिणाम स्वरूप वर्ष 2015 से प्रतिवर्ष पठार संघर्ष समिति की मांग के आधार पर शासन-प्रशासन द्वारा भीषण गर्मी में राजीव सागर बांध का पानी बावनथड़ी नदी मंे मांग एवं जरुरत के आधार पर छोड़ा जाता है.

वर्ष 2020 की शुरूआज ही बेमौसम बरसात से हुई, जो की 8-15 दिन के अंतराल मे लगातार मई माह तक बिच-बिच  में बादल बरसते रहे, जिसे देखकर ऐसा प्रतित हो रहा था की प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष चिलचिलाती भीषण गर्मी मे भू-जलस्तर मंे गिरावट नही आयेगी और इस वर्ष राजीव सागर बांध का पानी बावनथड़ी नदी में छोड़ने की जरुरत नही पड़ेगी, लेकिन जैसे ही मई माह के अंत में नवतपा प्रारंभ हुआ, वैसे ही पीने एवं सिंचाई के लिए पानी की दिक्कत महसुस होने लगी है. पठार क्षेत्र के तकरीबन 1 दर्जन गांवों की नल-जल योंजनाये भी बंद पड़ी है, जंगली-जानवर पानी की कमी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों मे प्रवेश कर रहे है. यदि मानसुन जून माह में नहीं आया तो सभी प्रकार की फसलें चौपट हो जायेगी.

पठार क्षेत्र के अलावा महाराष्ट्र राज्य के मुख्य किसान साथियों एवं जनप्रतिनिधियों ने भी निवेदन कर नदी में पानी छोड़ने का मांग की है, अतः प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी पुनः एक बार राजीव सागर बांध का पानी, बावनथड़ी नदी मे छोड़कर ग्राम मोवाड़ तक पानी पहुंचाने की मांग पठार संघर्ष समिति द्वारा शासन-प्रशासन से की गई है. जिससे की नदी क्षेत्र के कुओं, बोरवेलों का जलस्तर बना रहे और किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल सके.


Web Title : WATER CRISIS DEEPENS AS SCORCHING HEAT RISES IN PLATEAU REGION, RAJIV SAGAR DAM DEMANDS RELEASE OF WATER INTO BAWANTHADI RIVER