काल और जाल दोनो से लड़ रही भाजपा : संजय पासवान

धनबाद. पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान ने रविवार को यहाँ हाउसिंग कॉलोनी में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि झारखण्ड विधानसभा के चुनाव में भाजपा काल और जाल से लड़ रही है. एक तरफ काल के रूप में महागठबन्धन दल से कांग्रेस, राजद और अहंकारी शिबू सोरेन की पार्टी जेएमएम है तो वही जाल के रूप में जदयू, आजसू और लोजपा खड़ी है.

उन्होंने कहा सहयोगी दल रह चुकी जदयू, आजसू और लोजपा झारखण्ड में अपना कुछ बना भले नही पाएगी पर खुद का नुकसान जरूर करा लेगी. उन्होंने कहा सहयोगी उपयोगी होने के बजाय कब विरोधी हो जाय महाराष्ट में बनी सरकार इसका ताजा उदाहरण बनी है.

बागी मंत्री सरयू राय पर उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सरयू जिस सीट से चुनाव लड़ रहे है वहाँ भाजपा 50 हजार के अंतर से जीत दर्ज करेगी. भाजपा से अलग होते हुए सरयू राय की राजनीतिक करियर भी खत्म हो चुकी है.

प्रेस वार्ता में उपस्थित भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता विजय स्वर्णकर शास्त्री ने सरयू राय पर कटाक्ष करते हुए कहा की सरयू राय सरकार में रहते हुए भी विपक्ष की भूमिका में थे. आज पार्टी से अलग है और विपक्ष में रहने का उन्हें पूरा पूरा अवसर मिल गया है. उंन्होने बगैर नाम लिए कहा कांग्रेस अध्यक्ष का अपने ही लोगो से नही बनती है. माँ बेटा में नही पटता भाई बहन में नही पटता है.

कांग्रेस पार्टी शुरू से इस देश के अंदर छल, धोखा किया है. कांग्रेस के ज्यादातर नेता बेल पर है और कई जेल की भी हवा खा चुके है. झारखण्ड अलग राज्य के विरोधी रहे लोग आज वोट मांग रहे है. जिन्होंने कभी कहा था झारखण्ड अलग राज्य मेरी लाश पर बनेगा आज वह जेल में है. जेल में अपना अंतिम समय बिता रहे है. प्रकृति न्याय करती है यह उदाहरण है.

उन्होंने कहा कि झारखण्ड अलग राज्य बनाने का निर्णय बीजेपी के समय मे हुआ. उस वक्त झारखण्ड प्रदेश की दलित, आदिवासी, मजदूर वर्ग की दयनीय स्थिति थी. झारखण्ड अलग राज्य बनने के बाद पहली सरकार भाजपा की बनी. झारखण्ड में गठबंधन के साथ दूसरी पार्टी ने टेकओवर किया और विकास ठप पड़ गया.  

पिछले पांच सालों में भाजपा बहुमत की सरकार में यहाँ स्थिर सरकार दी. पांच सालों में राज्य सरकार ने यहाँ डिलवरी की. केंद्र सरकार ने डिलेवरी की. उसमे झारखण्ड का एक एक व्यक्ति प्रभावित है. दोनो सरकार की डिलिवरी ने 68 लाख परिवार को छुआ.

शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, बीमा के साथ खदान के मजदूरों को केंद्रीय सरकार की योजना का सीधा लाभ मिला. यूपीए सरकार में 13वे वित्त आयोग में झारखण्ड के विकास में महज 55 हजार करोड़ रु दिए. नरेंद्र मोदी की सरकार 14वे वित्त आयोग में झारखण्ड को छह गुणा राशि मिली जो 3 लाख 8 हजार 4 सौ 87 करोड़ है.