जीएसटी काउंसिल की 21 जून को बैठक, टैक्स चोरी होगा कड़ा प्रहार

जीएसटी काउंसिल की 21 जून को प्रस्तावित बैठक है. इस बैठक में बड़ा फैसला लिया जा सकता है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, 50 करोड़ से ज्यादा के B2B (बिजनेस-टू-बिजनेस) ट्रांजेक्शन पर ई-बिल को अनिवार्य किया जा सकता है. सरकार को उम्मीद है कि B2B ट्रांजेक्शन पर ई बिल को अनिवार्य कर देने से टैक्स चोरी में बड़ी कामयाबी हासिल हो सकती है. इसके अलावा इस बैठक में एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल को भी GST के दायरे में 18 फीसदी टैक्स स्लैब में लाने पर फैसला हो सकता है.  

एजेंडे को अंतिम रूप देने पर चल रहा काम 

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ´जीएसटी परिषद के एजेंडे को अंतिम रूप देने पर काम चल रहा है. कारोबार की थ्रेसहोल्ड बढ़ाने और मुनाफारोधी निकाय के कार्यकाल को बढ़ाने पर निश्चित रूप से चर्चा होगी. ´ जीएसटी परिषद की आगामी बैठक काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि मोदी सरकार के पिछले महीने सत्ता में लौटने के बाद परिषद की यह पहली बैठक होगी. मोदी सरकार दूसरी बार भारी बहुमत से सत्ता में लौटी है. परिषद की बैठक में सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था और मई में उम्मीद से कम जीएसटी संग्रह पर भी चर्चा होगी.

पहली बार बैठक की अध्यक्षता करेंगी निर्मला सीतारमण

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण पहली बार इस बैठक की अध्यक्षता करेंगी, जिसमें सभी राज्यों के वित्तमंत्री शामिल होंगे. बी 2 बी बिक्री के लिए ई-चालान जेनरेट करने के लिए कारोबार सीमा को तय करने का प्रस्ताव कर चोरी पर अंकुश लगाने के लिए है. आधिकारिक विश्लेषण में पाया गया है कि जीएसटी भुगतान करनेवाले 50 करोड़ रुपये या अधिक के सालाना कारोबार लगभग 30 फीसदी बी2बी चालान बनाते हैं, जबकि करदाताओं में इनकी संख्या केवल 1. 02 फीसदी है.

Web Title : GST COUNCIL MEETING ON 21 JUNE MAY COMPULSION E BILL FOR B2B TRANSACTIONS MORE THAN 50 CRORES

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