नई दिल्ली: सरकार इकोनॉमी में सुस्ती दूर करने के लिए एक बाद एक कदम उठा रही है. अब सरकार की नजर जीएसटी पर है. दरअसल 20 सितंबर 2019 को जीएसटी काउंसिल की महत्वपूर्ण बैठक गोवा में होने जा रही है. ये काउंसिल की 37वीं बैठक होगी. एक रिपोर्ट के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. मंत्रालय ये अनुमान लगाने में जुटा है कि फेस्टिवल सीजन के दौरान मांग बढ़ाने के लिए अगर जीएसटी दरों में कटौती की जाती है तो कितना नुकसान हो सकता है. फेस्टिवल सीजन में कार, इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट टीवी, फ्रिज एसी जैसे कई सामानों की बिक्री होती है. इस दौरान लोग मकान भी खरीदते हैं. फिलहाल ऑटोमोबाइल, टायर, सीमेंट, एसी और बड़े एलसीडी टीवी पर 28 फीसदी टैक्स लगता है. ऑटो सेक्टर पर वाहन की साइज के हिसाब से सेस भी लगता है. एक अधिकारी ने कहा कि मुद्दों को गहराई से जांचा जा रहा है, आंकडो़ं को भी देखा जा रहा है. कुछ राज्यों ने पहले ही केंद्र को ऑटो और सीमेंट पर जीएसटी घटाने के लिए पत्र लिख चुके हैं. कुछ जानकारों का मानना है कि 12 और 18 फीसदी के स्लैब को मिलाकर एक कर दिया जाना चाहिए. पीडब्लूसी में इनडायरेक्ट टैक्स के नेशनल लीडर प्रतीक जैन के मुताबिक आर्थिक सुस्ती को देखते हुए ऑटो सेक्टर के लिए जीएसटी घटाने का केस बनता है. उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट और रेलवे जहां इनपुट टैक्स क्रेडिट पर रोक है वहां इनपुट पर जीएसटी घटने का केस बनता है. जैन के मुताबिक 12 और 18 फीसदी के स्लैब को मिलाकर एक स्लैब 15 या 16 फीसदी करने को भी जीएसटी काउंसिल चर्चा में ला सकती है. गोवा में जीएसटी काउंसिल की होने वाली बैठक में ऑटो सेक्टर पर जीएसटी घटाने पर बातचीत हो सकती है. हालांकि राज्यों में इस पर मतभेद है. ऑटो सेक्टर पर जीएसटी की दर 28 फीसदी से 18 फीसदी करने की मांग हो रही है.