HDFC बैंक ने पासबुक पर लिखा, खाते में एक लाख से ज्यादा हुए तो जिम्मेदारी नहीं

नई दिल्ली : पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (PMC Bank) में हुए 4500 करोड़ रुपये से भी ज्यादा के घोटाले के सामने आने के बाद बैंक के दो खाताधारकों की मौत हो गई है. इसके बाद अब प्राइवेट बैंक भी चौकस हो गए हैं. बैंकों ने ग्राहकों की पासबुक पर इस बारे में जानकारी चस्पा करनी शुरू कर दी है.

बैंकों की तरफ से खाताधारकों की पासबुक पर डीआईसीजीसी के नियम का हवाला देकर अकाउंट में एक लाख से ज्यादा की रकम की जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया गया है. इस नियम के बारे में ग्राहकों को जानकारी दिए जाने की शुरुआत एचडीएफसी बैंक की तरफ से कर दी गई है.

बैंक ने खाताधारकों की पासबुक पर डिसक्लेमर के रूप में लिखा है खाताधारकों द्वारा जमा की गई रकम की डीआईसीजीसी के पास बीमाकृत है. ऐसे में यदि बैंक का लिक्विडेशन होता है तो डीआईसीजीसी खाताधारकों का पैसा देने के लिए जिम्मेदार है. खाताधारकों के 1 लाख रुपये तक के लिए बैंक जिम्मेदार है.

गौरतलब है कि पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक में घोटाला सामने आने के बाद खाताधारक पैसे के लिए परेशान घूम रहे हैं. एक समय तो बैंक के खाताधारकों को बैंक से एक हजार रुपये से ज्यादा की राशि निकालने पर रोक भी लगा दी गई थी. हालांकि बाद में इस रकम को 40 हजार रुपये तक बढ़ा दिया गया है लेकिन घोटाले के बाद हजारों खाताधारकों का पैसा फंसा हुआ है.

आपको बता दें कि डीआईसीजीसी (डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कार्पोरेशन) रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की सहयोगी संस्था है और देश के सभी कमर्शियल बैंक और को-ऑपरेटिव बैंकों में जमा होने वाले पैसे का डीआईसीजीसी के पास बीमा होता है.


Web Title : HDFC BANK WRITES ON PASSBOOK, NO RESPONSIBILITY IF ACCOUNT EXCEEDS ONE LAKH

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