वनरक्षकों से वसूली मामले पर रोक लगाने वन मंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन, कहा कोर्ट जाने है मजबूर

बालाघाट. जिले के वनरक्षकों ने मध्य प्रदेश वन एवं वन्य प्राणी संरक्षण कर्मचारी संघ के बैनर तले मध्य प्रदेश के माननीय वन मंत्री के नाम जिले के वन विभाग के मुखिया मुख्य वन संरक्षक के माध्यम से अपनी समस्या का निराकरण कराने के लिए कर्मचारियों ने ज्ञापन सौंपा.  जिसमें मध्यप्रदेश वन विभाग के वनरक्षकों को ग्रेड-पे के हिसाब से ज्यादा वेतन दिए जाने के मामले में अब वनरक्षकों से वसूली की तैयारी पर रोक लगाई जाने की मांग की गई. चूंकि अधिक पेमेंट दिए जाने के मामले में जांच के बाद अब अधिक वेतन पा चुके वनरक्षकों से करीब 165 करोड़ रुपए वसूली की जानी है. इससे वन विभाग में पदस्थ कर्मचारियों में हड़कंप मचा है. वन कर्मचारी का कहना है कि छठवें वेतन आयोग के समय से वेतन विसंगति बनी है जिसे ठीक करने के लिए संगठन लगातार मांग करते आया है. वनरक्षकों को वेतन बैंड 5680-1900 मध्य प्रदेश में जिलेवार वन मंडल अधिकारियों द्वारा कोष एवं लेखा से अनुमोदन पश्चात कर्मचारियों को भुगतान किया गया. वन विभाग में एक ही पद के लिए दो-दो वेतनमान यह बड़ी विसंगति है. जिसका खामियाजा वनरक्षकों को मजबूरन भुगतना पड़ रहा है वन एवं वन्य प्राणी संरक्षण कर्मचारी संघ के अध्यक्ष श्रीराम घरते का कहना है कि मध्य प्रदेश से अलग हुए राज्य छत्तीसगढ़ में यह वेतन विसंगति ठीक कर ली गई है. उसी के तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी वनरक्षकों के वेतन विसंगति ठीक कर वसूली पर रोक लगाई जाए अन्यथा संघ माननीय न्यायालय की शरण में जाने के लिए बाध्य होगा.


Web Title : A MEMORANDUM HAS BEEN SUBMITTED TO THE FOREST MINISTER TO STOP THE RECOVERY CASE FROM FOREST GUARDS, SAID THAT IT IS FORCED TO GO TO COURT