परसवाड़ा के कुरेंडा में होली पर होता है अनूठा आयोजन, यहां 25 फीट लकड़ी के खंबे पर नारियल तोड़ने की निभाई जाती है परंपरा, 65 वर्षो से हो रहा आयोजन

बालाघाट. विगत 65 वर्ष से परसवाड़ा के कुरेंडा में आज भी होली के तीसरे दिन एक अनूठी प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है. गांव के खेल मैदान में लगभग 25 फीट के लकड़ी के खंबे को गाड़ा जाता है और उसके शीर्ष पर लाल कपड़े में नारियल बांधा जाता है, जिसे तोड़कर लाने वाले को पुरस्कृत किया जाता है. जिसमें आसपास के लोगों को इस अनूठे आयोजन से जोड़ने के लिए मेला भी आयोजित किया जाता है, जिसमें प्रतिवर्ष, क्षेत्र सहित आसपास के लोग बड़ी संख्या में पहुंचते है.

लोग, इस प्रतियोगिता को मलखम से भी जोड़कर देखते है. इसमें खास यह है कि इस खंबे पर ग्रीस और आईल लगा होता है और जो भी इस खंबे पर चढ़ता है, उस पर महिलाएं लाठी बरसाती है.  इस प्रतियोगिता को ग्राम के बुजुर्ग टेकराम राणा, प्रहलाद के जीवन चरित्र और लट्ठमार होली से जोड़कर बताते है. वह बताते है कि जिस तरह से खंब से भगवान नरसिंह ने अवतरित होकर हिरण्यकश्यप का वद्य किया था. उसी तरह इस खंब को उसी का स्वरूप समझा जाता है और बरसाणा की लट्ठमार होली की तरह महिलाएं, यहां खंब पर चढ़ने वाले को लट्ठ मारती है. वह बताते है कि 64 सालों से लगातार जारी है, हमारे पूर्वज वृंदावन से लट्ठमार होली का स्वरूप यहां लेकर आए थे और उसी की तर्ज पर यहां यह आयोजन शुरू किया जो, तब से लगातार 64 वर्षों से यह आयोजन जारी है. इससे आपसी प्रेम भाईचारे और सामाजिक समरसता का संदेश देते है.


Web Title : A UNIQUE EVENT IS HELD ON HOLI IN KURENDA, PARASWADA, WHERE THE TRADITION OF BREAKING COCONUTS ON A 25 FEET WOODEN POLE IS PERFORMED, THE EVENT IS BEING HELD FOR 65 YEAR.