सीधी बस हादसे के बाद जागा परिवहन विभाग,15 बसों से 36 हजार का जुर्माना और 60 हजार का वसूला टैक्स, नियमों को ताक पर रखकर हो रहा बसांे का संचालन

वारासिवनी. सीधी बस हादसे के बाद जागे जिले के परिवहन विभाग ने गुरूवार 18 फरवरी को बसों के चेकिंग की तो पता चला कि बसों में कई खामियां है वहीं बिना टेक्स दिये बसों का संचालन किया जा रहा है. जिसके बाद परिवहन विभाग ने 15 बसों से 36 हजार रूपये का जुर्माना और 60 हजार रूपये टैक्स वसुला. जिले में नियमों को ताक पर रखकर बसों का संचालन किया जा रहा है. सिधी में हुए हादसे के बाद अब परिवहन विभाग ने नींद से जागते हुए सड़क पर उतरा और वाहनों की जांच की. परिवहन विभगा हमेशा कार्यवाही को लेकर कर्मचारियों की कमी का रोना रोते रहता है. जिले से

सैकड़ों छोटी-बड़ी बसें चल रही हैं. इनमें अधिकांश बस ऑपरेटरों द्वारा परिवहन विभाग के नियमों का बेखौफ खुला उल्लंघन करते हुए चलाया जा रहा है. बावजूद इसके जिला परिवहन विभाग मौन साधे बैठा है. जबकि अधिकांश बसो में नियमों के तहत न तो फास्टेड और न ही अग्निशमन यंत्र लगा है. सड़कों पर 15 वर्ष पुरानी बसों को नहीं चलाने, बसों में डबल गेट, इमरजेंसी गेट, अग्निशमन यंत्र, किराया सूची, फिटनेस जांच, पिछले कांच से जाली हटाना, फस्ट एड बाक्स लगाना सहित बस का रूट, फिटनेस, बीमा और परमिट की तारीख़ फ्रंट कांच पर लिखना आदि मापदंड तय किये हैं, ताकि यात्रियों को परेशानी न हो और किसी अप्रिय घटना के समय फस्टेड और अग्निशमन का उपयोग कर सकें, लेकिन परिवहन विभाग के आदेश के बावजूद न तो बस संचालक नियम का पालन कर रहे हैं और न ही जिला परिवहन अधिकारी इन नियमों को पालन करवा पा रहे हैं. जिसका खामियाजा समय समय पर होने वाली दुर्घनाओं के माध्यम से आमजन को भुगतना पड़ता है.

कई बस मालिकों द्वारा अपने बसों के अंदर चालक केबिन के साथ भीतरी गैलेरी सवारियों से खचाखच भरकर जा रही है लेकिन परिवहन विभाग द्वारा इस ओर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है. जिसके चलते बस मालिकों के हौसले दिनों दिन बुलंद होते जा रहे है. वहीं बस की छत पर लगे कैरियर उसके आगे और कुछ सवारियां पीछे सीढ़ी पर भी टंगी है, जिससे कभी भी हादसा घटित हो सकता है.  

जानकारों की मानें तो कई ग्रामीण क्षेत्रों में जाने वाली बसे बिना परमिट की चलती है लेकिन परिवहन विभाग द्वारा मात्र अभियान चलाकर आदेशों की इतिश्री कर देते है तथा बिना परमिट वाले बस चालकों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है. जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों में बिना परमिट वाले बसों का संचालन हो रहा है. जबकि रूट पर अन्य बस अवैध रूप से सवारियां परिवहन करती है. इन बसों का तो रूट परमिट है और ही फिटनेस इंश्योरेंस ऐसे में कभी किसी अनहोनी की स्थिति में यात्रियों को मुआवजे का कोई विकल्प नहीं है.  

नेशनल हाईवे से लेकर स्टेट हाईवे, शहरो, कस्बों और गांवों तक पहुंच मार्गो पर दर्जनों यात्री बसें चल रही हैं. जिनमें से अधिकांश बसें खटारा और बगैर परमिट एवं फिटनेस की चलाई जा रही है. दलालों के माध्यम से फर्जी तरीके से फिटनेस प्रमाण पत्र हासिल कर कई खटारा बसें चलाई जा रही है. जिनमें कांच फूटे हैं, तो खिड़कियां टूटी हैं. जिन्हें देखकर लगता नहीं है कि जिला परिवहन विभाग का बस ऑपरेटरों को किसी प्रकार की कार्यवाही का डर एवं भय हो.

बसों में चालक, परिचालक वर्दी नहीं पहनते हैं. कई बार क्लीनर को ही चालक की सीट पर बैठा दिया जाता है. बसों में कही भी परमिट, फिटनेस, हेल्पलाइन नं. की जानकारी नहीं मिल रही है. जानकारों की माने तो मोटर व्हीकल एक्ट में स्पष्ट प्रावधान है कि बस की छतों पर कैरियर होना ही नहीं चाहिये. यात्रियों के सामान के लिए बस में डिकी होना चाहिए. इसके बाद भी सभी बसों की छत पर कैरियर लगे हैं. सामान तो ठीक कई बार भीड़ ज्यादा होने पर यात्रियों को ही छत पर बैठा रहे हैं.

क्या कहते हैं नियम

बसों में यात्रियों के लिए दो गेट एवं एक इमरजेंसी निकासी होना चाहिये, चालक-परिचालक वर्दी में होने चाहिये, वर्दी पर नेम प्लेट लगी होनी चाहिये, बस में फर्स्ट एड बॉक्स और अग्निशमन यंत्र होने चाहिये, चालक के पास लाइसेंस एवं पांच वर्षों का अनुभव होना चाहिये, बस की विंड स्क्रीन पर परमिट, फिटनेस, हेल्प लाइन नं. की जानकारी होनी चाहिये, इसके अलावा और कई नियम है, लेकिन वह अधिकारियों की अनदेखी के चलते नजर नहीं आते है.

इनका कहना है

बालाघाट वारासिवनी, कटंगी नागपुर, कटंगी सिवनी मार्ग पर चलने वाली बसों की जांच की गई. इस दौरान 15 बसों से नियमों का पालन न करने के एवज में लगभग 36 हजार रूपये का जुर्माना एवं 3 बसों से लगभग 60 हजार रूपये का टैक्स जमा करवाया गया. सभी बस संचालकों को नियमों का कड़ाई से पालन करने निर्देशित किया गया है.

अनिमेष गढपाल, जिला परिवहन अधिकारी 

Web Title : AFTER THE DIRECT BUS ACCIDENT, THE JAIGA TRANSPORT DEPARTMENT, 36 THOUSAND FINES FROM 15 BUSES AND 60 THOUSAND TAX LEVIED, ARE BEING OPERATED BY KEEPING THE RULES ON THE LOOKOUT.