आर्ट ऑफ लिविंग ने गुरू पूर्णिमा पर किया गुरू पुजा, भजन एवं ध्यान, नामित सदस्यों को भेंट किये पौधे

बालाघाट. आर्ट ऑफ लिविंग संस्था बालाघाट द्वारा गुरूपूर्णिमा के अवसर पर महासत्संग सुमेरू भजन संध्या का आयोजन एक निजी लॉन मंे किया गया था. आर्ट ऑफ लिविंग स्वयंसेवकों द्वारा गुरूपूर्णिमा की रात्रि 8. 00 बजे से गुरूपूर्णिमा महोत्सव मनाया गया. इस अवसर पर बैंगलुरू अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र से पधारे प्रशिक्षक एवं सुमधुर भजन गायक अरविन्द बालपाण्डे द्वारा गुरू पूजा कर महासत्संग में भजनों की मनमोहक प्रस्तुतियाँ दी गई. जिसमंे साधकों ने झूमकर भजनों का आनंद लिया.   तत्पश्चात् गुरूदेव श्री श्री रविशंकर जी द्वारा निर्देशित गुरू पूर्णिमा ध्यान करवाया गया.  

अरविन्द बालपाण्डे ने गुरू पूर्णिमा का महत्व बताते हुए कहा कि गुरू पूर्णिमा वही पर्व है जबकि हम ज्ञान के साथ अपने संबंध का उत्सव मनाते हैं. गुरू अर्थात जो ज्ञानवान है. पूर्णिमा का अर्थ है पूर्णता. ज्ञान के कारण पैदा होने वाला पूर्णता का भाव ही गुरू पूर्णिमा पर्व है. , यह ज्ञान व गुरूजनों के प्रति आभारी होने का पर्व है. इसलिए हमारी गुरू परम्परा में हुए सभी गुरूजनों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिये हम गुरूपूर्णिमा का उत्सव मनाते है.  

आर्ट ऑफ लिविंग के नामित सदस्यों को किया गया पौधा भेंट

आर्ट ऑफ लिविंग संस्था द्वारा चलाये जाने वाले सेवा कार्यों एवं शिविरों के साथ ही संस्था के कार्यों के विस्तार करने के उद्देश्य से अंर्तराष्ट्रीय केन्द्र बैंगलोर द्वारा जिला विकास समिति का गठन किया गया है. जिसमें इस बार बालाघाट जिले से नामित सदस्य अतुल वैध एवं डॉ. सिद्धार्थ दुबे को बनाया गया है. जिनका गुरू पूर्णिमा कार्यक्रम के अवसर पर लक्ष्मी-तरू पौधे भेंट कर अभिवादन संरक्षक रमेश रंगलानी, विकास सोनेकर, सुशीला बोरीकर, ऋतु मोहारे, गीता रंगलानी, कुमुद राहंगडाले, नितिन हरिनखेरे, सुरजीत सिह द्वारा किया गया. इस अवसर यह ज़िम्मेदारी मिलने पर अतुल वैध ने कहा कि यह हमारे लिये सौभाग्य की बात है कि आर्ट ऑफ लिविंग संस्था एवं परम पूज्य गुरूदेव श्री श्री ने अपने चलाये जाने वाले सेवा कार्यों के लिये हमें अवसर दिया है और उन्होंने संस्था को आश्वस्त किया कि हम से जो भी अच्छा बन पड़ेगा, हम हर तरह का सहयोग करेंगे और उन्होंने अपने द्वारा पूर्व में किये गये आर्ट आँफ लिविंग शिविर के अनुभव साझा करते हुए बताया कि किस तरह हम ज्ञान एवं योग को अपने जीवन में उतारकर विषम परिस्थितियों का भी सामना अन्दर से शांत रहकर कर सकते है. इस अवसर पर दूसरे नामित सदस्य डॉ. सिध्दार्थ दुबे ने भी इस अवसर पर गुरूदेव श्री श्री के सेवा कार्यों एवं संस्था के विकास को बालाघाट में आगे बढ़ाने में अपना सहयोग देने की बात कही.   इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य नागरिक एवं साधकों ने भजन, ज्ञान चर्चा, ध्यान और महाप्रसाद का आनंद लिया.


Web Title : ART OF LIVING PRESENTED GURU PUJA, BHAJAN ANDAMP; MEDITATION ON GURU PURNIMA, PLANTS PRESENTED TO NOMINATED MEMBERS