शिक्षा विभाग में पदभार पाने भटक रहा सहायक संचालक अधिकारी, कार्यालय से नदारद डीईओ, उपस्थिति पंजी पास रखने से उपस्थिति दर्ज नहीं करा पा रहे कर्मचारी

बालाघाट. कलेक्ट्रेट कार्यालय में संचालित शिक्षा विभाग में स्थानांतरण के बाद सहायक संचालक पद पर अपना पदभार पाने यदि अधिकारी को भटकना पड़ रहा है तो समझा जा सकता है कि जिले में प्रशासनिक काम किस तरह से चल रहा है. शासन के आदेश के आदेश के तहत शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में प्राचार्य गिरधारी नाईक का विगत 3 अगस्त को शिक्षा विभाग कार्यालय बालाघाट में सहायक संचालक के पद पर पदांकन आदेश जारी किया गया था. जिस आदेश के तहत सहायक संचालक के पद का प्रभार लेने 5 अगस्त को गिरधारी नाईक जिला शिक्षा कार्यालय पहुंचे, लेकिन वह उन्हें आदेश के तहत प्रभार देने जिला शिक्षा अधिकारी मौजूद नहीं थे. जिसके बाद 6 अगस्त को उन्होंने कलेक्टर दिपक आर्य से मुलाकात की और उन्हें अपने पदांकन आदेश की जानकारी दी.  

जिसके बाद आज 13 अगस्त तक वे पदभार लेने भटक रहे है. बताया जाता है कि 5 अगस्त से जिला शिक्षा अधिकारी का कार्यालय का ताला बंद है जो आज तक नहीं खुला है. जिससे न केवल सहायक संचालक गिरधारी नाईक अपना पदभार लेने के लिए भटक रहे है अपितु अन्यत्र जिलो से बालाघाट स्थानांतरित होकर आये अध्यापको भी कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे है, लेकिन उन्हें जिला शिक्षा अधिकारी नहीं मिल रहे है.  

दूसरी ओर उपस्थिति पंजी को जिला शिक्षा अधिकारी राजेन्द्र लटारे द्वारा साथ ले जाने पर भी कई सवाल खड़े हो रहे है. शिक्षा विभाग से मिली जानकारी अनुसार 5 अगस्त से अपने कक्ष में ताला बंद कर गायब हुए जिला शिक्षा अधिकारी राजेन्द्र लटारे अपने साथ कार्यालय की उपस्थिति पंजी भी साथ लेकर गये है. जिससे विभागीय कर्मचारियों की विगत 5 अगस्त से उपस्थिति पंजी में उपस्थिति दर्ज नहीं हो सकी है, जिससे कौन कर्मचारी कार्यालय आ रहा है और कौन अनुपस्थित है, इसका कोई पता नही चल पा रहा है, कार्यालय की उपस्थिति पंजी को ले जाने से कार्यालय आने वाले कर्मचारी भी हतप्रभ है उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि उपस्थिति पंजी ले जाने के पीछे क्या कारण है. गौरतलब हो कि हाल ही में उनके खिलाफ लिपिक संघ ने नियमविरूद्ध और पद विरूद्ध लिपिको के स्थानांतरण का गंभीर आरोप लगाया है.  

सहायक संचालक के पद पद पदोन्नत होकर जिला शिक्षा कार्यालय में कार्यभार लेने भटक रहे गिरधारी नाईक ने प्रेस को बताया कि 5 अगस्त को कार्यालय में अपना पदभार लेने पहुंचे थे. जिस दिन से वह कार्यालय दिवस पर लगातार कार्यालय आ रहे है लेकिन उन्हें जिला शिक्षा अधिकारी नहीं मिल रहे है. जिससे वह मानसिक रूप से परेशान है कि आखिर उन्हें पदभार क्यों नहीं दिया जा रहा है. वहीं कार्यालय की उपस्थिति पंजी नहीं होने से भी वह कार्यालय में अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करा पा रहे है, उन्होंने बताया कि यहां बैठने के लिए कोई उपयुक्त स्थान भी नहीं है. जिससे विभाग के प्रशासकीय कार्य के सथ ही अकादमिक और कार्यालयीन कार्य प्रभावित हो रहे है.  

बताया जाता है कि जिला शिक्षा अधिकारी तीन दिन की छुट्टी पर थे, जिसके बाद वह जबलपुर विभागीय काम से गये है. संभवतः आज वह जिला शिक्षा कार्यालय पहुंच सकते है. जिसके बाद शायद सहायक संचालक के पदभार का मामला सुलझ सकता है. बहरहाल कलेक्ट्रेट में संचालित जिला शिक्षा विभाग कार्यालय में जिला शिक्षा अधिकारी के बाद माने जाने वाले बड़े पद सहायक संचालक का पदभार के लिए अधिकारी का भटकना प्रशासनिक कार्यप्रणाली को उजागर करता है और वह भी तब आश्चर्यजनक हो जाता है जब यह सब कलेक्टर कार्यालय के पास संचालित विभाग में हो रहा हो.  


Web Title : ASSISTANT OPERATING OFFICER, WHO IS ON HIS WAY TO THE DEPARTMENT OF EDUCATION, DEO FROM OFFICE, STAFF NOT ABLE TO REGISTER ATTENDANCE BY PASSING ATTENDANCE REGISTER