बालाघाट-इतवारी ट्रेन के बंद होने पर ब्रासंस ने जताया आक्रोश, ट्रेन को समय परिवर्तन कर चलाये जाने की मांग, रेल महाप्रबंधक के नाम सौंपा ज्ञापन

बालाघाट. 22 फरवरी 2019 को बालाघाट से इतवारी ट्रेन को तत्कालीन सांसद बोधसिंह भगत द्वारा बड़े ही उत्साह के साथ प्रारंभ कर जमकर वाहवाही बटोरी थी लेकिन 5 महिने बाद ही रेलवे विभाग ने तकनीकि खामियां बताकर 14 जुलाई को पहले 10 दिन के लिए बंद कर दिया गया और गत दिवस फिर एक नये आदेश के तहत एक माह के लिए बालाघाट से ट्रेन के संचालन को बंद कर दिया गया है. जिसके पीछे रेलवे विभाग तकनीकि खामियां बता रहा है, वहीं यह बात भी सामने आ रही है कि बालाघाट से इतवारी के बीच चलने वाली बालाघाट से इतवारी ट्रेन में पर्याप्त सवारी नहीं मिलने से रेलवे को हो रहे नुकसान भी यह कारण बताया जा रहा है. हालांकि रेलवे अधिकारी इससे इत्तेफाक नहीं रखते, उनका कहना है कि तकनीकि खामियांे के कारण ट्रेन के संचालन को बंद किया गया है. जिसको लेकर आज 23 जुलाई को ब्रासंस ने आक्रोश जाहिर करते हुए बालाघाट वासियों को बालाघाट से इतवारी ट्रेन की मिली सुविधा को समय परिवर्तन कर यथावत बनाये रखने की प्रमुख मांग के साथ ही सरेखा में ओवर ब्रिज के लिए रेलवे विभाग द्वारा स्वीकृति देने, बालाघाट से गोंदिया के बीच चलने वाली ट्रेन को गोंदिया में स्टेशन होने के बावजूद आउटर में रोक जाने की समस्या को खत्म कर ट्रेन को सीधे स्टेशन ले जाने, बालाघाट-नैनपुर और कटंगी-तिरोड़ी ब्राडगेज कार्य को तत्काल तेजी से प्रारंभ कर ब्राडगेज मार्ग को पूर्ण करने तथा कटंगी, बालाघाट से रायपुर, भोपाल के लिए सीधी रेलसेवा करने की मांग को लेकर ब्रासंस राष्ट्रीय अध्यक्ष अनूपसिंह बैस के नेतृत्व में रेलवे महाप्रबंधक के नाम स्टेशन मास्टर एच. एल. कुशवाहा को ज्ञापन सौंपा.  

ज्ञापन सौंपने के बाद प्रेस से चर्चा करते हुए ब्रासंस राष्ट्रीय अध्यक्ष अनूपसिंह बैस ने कहा कि ब्रासंस के लंबे संघर्ष के बाद जिलेवासियों को बालाघाट से इतवारी के बीच सीधी रेलसेवा मिली थी, लेकिन उसके प्रारंभ होने के कुछ महिने बाद ही रेलवे विभाग द्वारा उसे बंद करने का निर्णय ले लिया गया. हालांकि अभी तकनीकि खामियों के कारण उसे बंद करने की बात रेलवे विभाग कर रहा है लेकिन जिस तरह से इस ट्रेन को लेकर रेलवे विभाग की कार्यवाही नजर आ रही है उससे आशंका है कि जिलेवासियों को मिली इस सुविधा को छिनने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन ब्रासंस ऐसा होने नहीं देगा. ब्रासंस की मांग है कि इस ट्रेन का समय परिवर्तन कर इस ट्रेन को सुबह 6 बजे छोड़ा जायें और इतवारी से शाम 7 बजे इसे बालाघाट के लिए रवाना किया जायें, ताकि इसका फायदा जिले के उन लोगों को मिल सकें, जो ईलाज, शिक्षा और व्यापार की मंशा से नागपुर जाते है. जिससे रेलवे को अच्छा राजस्व भी मिलेगा. उन्होंने कहा कि यदि इस ट्रेन को बंद किया जाता है तो  ब्रॉडगेज संघर्ष समिति चरणबद्ध आंदोलन करेगी और ठीक 15 दिन बाद नगर के हनुमान चौक में गांधी जी की प्रतिमा के समक्ष रेल मंत्री को खून से पत्र लिखने के साथ ही बालाघाट बंद जैसे आंदोलन किये जायेंगे.

बालाघाट स्टेशन प्रबंधक एच. एल. कुशवाहा ने बताया कि ट्रेन के संचालन को तकनीकि खामियों से बंद किये जाने के आदेश मिले है. जिसके कारण अभी एक माह तक ट्रेन का संचालन नहीं किया जायेगा. ब्रासंस ने जो मांगो का ज्ञापन सौंपा है, उस मांग पत्र को वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा दिया जायेगा. जहां से ही ट्रेन को प्रारंभ करने को लेकर कोई निर्णय हो सकता है. ज्ञापन सौपने के दौरान ब्रासंस अध्यक्ष अनूपसिंह बैस के अलावा समाजसेवी त्रिलोकचंद कोचर, रहीम खान, संतोष जैन, शमीम सिद्धीकी, जिला पंचायत सदस्य डाली कावरे, अल्लारक्खा, जनपद सदस्य असीम चौहान, सुनील पटले, शब्बीर पटेल, हेमेन्द्र पटले, प्रवीण मदनकर, हेमराज शाव, राहुल सिंग, वैभव सिंग, उदय राम मात्रे, श्यामा मात्रे, मोतीराम कुशम, बखरसिंग पन्द्रे सहित अन्य ब्रासंस कार्यकर्ता मौजूद थे.


Web Title : BRASAN EXPRESSES OUTRAGE OVER CLOSURE OF BALAGHAT ITWARI TRAIN, DEMAND FOR PUNCTUAL CHANGE OF TRAIN, MEMORANDUM SUBMITTED TO RAILWAY GENERAL MANAGER