बच्चो की चिंता सताती है पर फर्ज भी पूरा करना है, कोरोना महामारी से निपटने फ्रंट लाईन में कार्य कर रही नर्सेस

बालाघाट. कोरोना वायरस कोविड-19 से निपटने में फ्रंट लाईन पर कार्य कर रही अस्पताल की नर्सेस अपना फर्ज पूरी ईमानदारी से कर रही है वह न केवल संदिग्ध मरीजों के सेंपल की जांच कर रही है अपितु उनके स्वास्थ्य चेकअप से लेकर उन्हें दवाये देने तक का काम कर रही है. पारिवारिक जिम्मेदारियो में घर और बच्चों का ध्यान रखने की जिम्मेदारी के साथ ही वह अस्पताल में पूरी लगन के साथ अपनी सेवायें दे रही है.  

कोरोना वायरस कोविड-19 से निपटने मंे लगी स्वास्थ्य विभाग की कई ऐसे नर्सेस भी है, जिनके बच्चे छोटे है, बावजूद वह उन बच्चों को घर में छोड़कर अपना फर्ज निभा रही है. जिला अस्पताल में कोरोना वायरस के बाद बनाये गये आईशोलेशन सेंटर में निरंतर कार्य कर रही स्टॉफ नर्स श्रीमती वंदना पांडे, श्रीमती रीता निकुरे और श्रीमती पूजा सिल्हारे से चर्चा की. जिन्होंने बताया कि किस प्रकार वह कोरोना वार्ड में ड्युटी कर बच्चों और परिवार का ध्यान रख रही है.  

हालांकि बालाघाट में अब तक कोई कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं आने से कोरोना वार्ड में ड्युटी कर रही स्टॉफ नर्स को घर जाने की अनुमति है, जिससे वह अपनी ड्युटी के साथ ही परिवार की जिम्मेदारी भी बखुबी संभाल रही है. कोराना वायरस महामारी से निपटने फ्रंट लाईन में कार्य कर रही महिला स्टॉफ नर्स का कहना है कि बच्चों की चिंता सताती है किन्तु उन्हें अपना फर्ज भी पूरा करना है.  

बच्चों की चिंता रहती है-श्रीमती वंदना पांडे

जिला चिकित्सालय में स्टॉफ नर्स वंदना पांडे जिले में कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमित मरीजों के लिए बनाये गये आईशोलेशन वार्ड में शुरूआत से कार्य कर रही है. इस दौरान वार्ड में लाये गये संदिग्ध मरीजों के उपचार में भी उन्होंने अपनी महती भूमिका निभाई है. सेवाभाव से कार्य कर रही श्रीमती वंदना पांडे के तीन बच्चे है, सबसे छोटा बच्चा 10 साल का है. उनका कहना है कि डर तो उन्हें भी है लेकिन फर्ज को पूरा करने की जिम्मेदारी डर को खत्म कर देती है. परिवार में पति के अलावा और दो बच्चे है, लेकिन घर जाने के बाद वह परिवार और बच्चों से दूरियां बनाकर पहले अपने कपड़ो को वॉश करने और सेनेटाईज होने के बाद ही घर में प्रवेश करती है, इस दौरान घर पर भी उन्होंने कुछ समय के लिए बच्चो और परिवार से सोशल डिस्टेसिंग को बनाये रखा है, ताकि परिवार सुरक्षित रहे.

डेढ़ साल के बच्चों को घर पर छोड़कर रीता निकुरे दे रही अपनी सेवा

कोरोना वायरस कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों के लिए बनाये गये आईशोलेशन वार्ड में स्टॉफ नर्स श्रीमती रीता निकुरे भी अपनी ड्युटी कर रही है. जिसका डेढ़ वर्ष का बच्चा है जो परिवार के सहारे बच्चों को छोड़कर अस्पताल में आईशोलेशन वार्ड में अपनी ड्युटी दे रही है. यहां आने वाले संदिग्ध मरीजों की जांच के साथ ही उन्हें दवाई देने का काम उनके द्वारा बखुबी किया जा रहा है. उनका कहना है कि मानसिक चिंता स्वभाविक है, छोटे बच्चे की चिंता होती है, वह कैसे होगा. वह भी घर में प्रवेश करने से पूर्व सुरक्षा उपायों का पालन करती है. जिसके बाद ही वह परिवार के अन्य सदस्यों से मिलती है.

नये मरीज के सैंपल लेने के दौरान चिंता होती है कि यह कहीं पॉजिटिव तो नहीं होगा

कोरोना वार्ड में अपनी ड्युटी दे रही स्टॉफ नर्स श्रीमती पूजा सिल्हारे के एक बेटा और एक बेटी है. जो अभी नाबालिग है. जिन्हें वह परिवार के सहारे घर पर छोड़कर आती है, आम दिनो में कार्य और इन दिनो में होने वाले कार्य में वह काफी अंतर महसुस करती है, पहले की अपेक्षा मानसिक चिंता आज है. चूंकि वह अस्पताल आने वाले संदिग्ध मरीज के सैंपल लेती है. उन्हें इस कार्य के दौरान हमेशा डर होता है कि यह मरीज कहीं पॉजिटिव तो नहीं है. हालांकि यह खैरियत है कि अब तक उन्होंने जितने भी लोगों के सैंपल लिये है, वह सभी मरीजो की रिपोर्ट निगेटिव रही है. ड्युटी से अपने घर जाने के बाद वह भी पूरी सावधानी का उपयोग कर परिवार के लोगों से मिलती है.  

कोरोना वार्ड में भर्ती क्वारेंटाईन मरीजो की सेवा में वार्ड ब्याय भी निभा रहा अपनी भूमिका

कोरोना वार्ड में एक निर्धारित अवधि के लिए स्टॉफ नर्स के अलावा ठेकेदारी प्रथा से रखे गये वार्ड ब्याय और सुरक्षा गार्ड भी अपनी ड्युटी दे रहे है. कोरोना वार्ड में कार्यरत वार्ड ब्याय महेन्द्रसिंह राणा भी क्वारेंटाईन मरीजों को नाश्ता और भोजन पहुंचाने का काम करते है. किरनापुर निवासी महेन्द्रसिंह राणा विगत काफी समय से ठेकेदारी प्रथा के तहत यह कार्य कर रहे है लेकिन इसके ऐवज में उन्हें उतना मानदेय नहीं मिल पा रहा है जो मिलना चाहिये. दूसरी समस्या उनके साथ यह है कि कोरोना वार्ड में ड्युटी के दौरान यदि शासकीय चिकित्सीय स्टॉफ को कुछ हो जाता है तो उसके साथ सरकार खड़ी है लेकिन ठेकेदारी प्रथा में कार्य कर रहे वार्ड ब्याय के साथ ऐसी कोई सुविधा नहीं है. जिससे वह मानसिक रूप से चितिंत है.


Web Title : CHILDREN ARE WORRIED, BUT THE DUTY IS ALSO TO BE FULFILLED, NURSES WORKING IN THE FRONT LINE TO DEAL WITH THE CORONA EPIDEMIC