दिन दहाडे़ बाघ ने किया मवेशी का शिकार,घटना से ग्रामीणों में आक्रोश एवं दहशत, बाघ की बढ़ती संख्या को लेकर वन्यप्राणी प्रेमियों में उत्साह

वारासिवनी. कान्हा एवं पेंच कारिडोर कही जाने वाली रिजर्व फारेस्ट सोनेवानी सिलेझरी से लगे लगभग आधा दर्जन ग्राम पंचायतों में इन दिनों बाघ के द्वारा की जा रही घटनाओं से जहां ग्रामीणजन एवं किसान दहशत और आक्रोशित है. वही हिंसक प्राणियों की बढती संख्या को देखकर वन्यप्राणी प्रेमियों मे उत्साह देखा जा रहा है. दक्षिण सामान्य वन मंडल वन परिक्षेत्र वारासिवनी अंतर्गत नांदगांव बीट के कक्ष क्रमांक 494 के समीप ग्राम पंचायत सिर्रा में 14 जुलाई की दोपहर लगभग 12 बजे बाघ ने कृषि कार्य में लगे मवेशी बैल का शिकार कर लिया. घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग मौके पर पहुंचकर आवश्यक कार्यवाही कर प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है.  

प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत सिर्रा के किसान सालिक राम सेन्द्रे, अपनी धर्म पत्नि के साथ कृषि कार्य करने गये थे, जहां से दोपहर लगभग 12 बजे वह बैलों को खेत में बांधकर भोजन करने घर आ गये थे. जबकि पत्नी कौतिका बाई सेन्द्रे खेत में ही रूक गई. कुछ देर बाद उसने देखा कि खेत में बंधे दो बैलों मे एक बैल नही था. जिसकी तलाश खेत से लगे जंगल मे देखने गई, इस दौरान उसे पत्तों की आवाज सुनी, जिसके बाद उसने खेत के करीब अन्य खेत में काम कर रहे पडोसी को आवाज दी. जब दूसरे किसानों के साथ वहां देखा तो झाडियों एवं खरपतवार मे घसीटने का निशान दिखा. साथ ही बाघ के पंजे के निशान भी दिखे. जिसकी खबर लगते ही अन्य ग्रामीणजन भी वहां पहुंचे, जब आसपास देखा तो लगभग 500 मीटर दूर बैल मृत अवस्था में मिला. जिसके गले में गंभीर चोट के निशान थे.  

मौके पर पहुंचे रेंजर यशपाल मेहरा ने बताया कि सालिकराम किसान के खेत मंे बंधे एक बैल का शिकार बाघ द्वारा किया गया है. विभाग ने पंचनामा कार्यवाही कर पशु हानि का प्रकरण पंजीबद्ध किया और घटना की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी है. जिसमें प्राथमिक तौर पर आसपास देखा गया तो बाघ के पंजे के निशान दिखे. वन विभाग ने बाघ की लोकेशन ट्रेस करने मृत बैल के पास कैमरा लगा दिया है.

सिर्रा मे बाघ द्वारा दिन दहाडे बैल का शिकार करने की घटना से गांव में दहशत का माहौल है. चूंकि गत दिनों नांदगांव एवं चिरचिरा में भी दिनदहाडे बाघ द्वारा गायों का षिकार किया गया था. वही ग्रामीणों ने बताया कि ऐसी घटनाओं से ग्राम पंचायत रमरमा, सिर्रा, नाँदगाँव, नगझर, कटंगझरी एवं बोटेझरी सहित आसपास के अन्य ग्रामों के किसानों एवं ग्रामीणों में दहशत का माहौल देखा जा रहा है. आये दिन बाघ द्वारा दिन दहाड़े जंगल के पास में ही बैल और गाय का शिकार किया जाता है. जबकि इस क्षेत्र मंे दिन रात ग्रामीणों का आना जाना लगा रहता है. कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है. वन विभाग के अमले के द्वारा क्षेत्र में नजर बना कर रखी गई है ताकि किसी प्रकार की अनहोनी ना हो और जरूरी रूप से आवश्यक कदम विभाग के द्वारा उठाए जा रहे हैं.

किसान सालिक राम की पत्नी कौतिका बाई ने बताया कि जब वह बैल बांध कर नित्य क्रिया के लिए गई थी, थोड़ी देर मंे वापस आई तो इतने देर मे ही एक बैल लापता हो चुका था. बहुत ढूंढने पर जब बैल नही मिला और कुछ खीच कर ले जाने के चिन्ह मिले तब मैने चिल्लाकर पडोसी किसानों को बुलाया. तब ढूंढने के बाद कुछ दूरी पर बैल मरा मिला. जिसके गले मंे बडे़-बडे़ घाव थे और बाघ के पंजे के निशान भी दिखे. एक बैल के बाघ द्वारा शिकार कर लिये जाने से अब हमारे सामने खेती करने की समस्या पैदा हो गई है. यदि हमें जल्दी मुआवजा मिलेगा तो बैल लाकर खेती करेंगे नही तो हमारी खेती पड़त रह जायेगी.  

लगातार बढ़ रही हिंसक प्राणियों की संख्या-यशपाल मेहरा

वन परिक्षेत्र अधिकारी यशपाल मेहरा ने बताया कि आज ग्राम सिर्रा के अलावा पूर्व भी नांदगांव एवं चिरचिरा बीट में बाघ द्वारा गायों का षिकार किया गया था. वन विभाग द्वारा बाघ द्वारा मारे गये पषुओं का उचित मुआवजा पषुमालिक को दिये जाने का प्रकरण तैयार कर उच्चाधिकारी को प्रस्तूत कर दिया जायेगा. यह सच है कि वन विभाग के द्वारा लगातार की जा रही मॉनिटिरिंग के कारण इन वनों में बाघ सहित दुर्लभ हिंसक प्राणियों की संख्या बढ़ रही है.

घटनाओं को संज्ञान में ले उच्चाधिकारी-राजेन्द्र बिसेन

ग्राम पंचायत के जागरूक ग्रामीण राजेन्द्र ने बताया कि ग्राम पंचायत रमरमा, सिर्रा, नाँदगाँव, नगझर, कटंगझरी एवं बोटेझरी सहित आसपास के अन्य ग्रामों मे हिंसक प्राणियों द्वारा लगातार किसानों के पषुओं का षिकार किया जा रहा है. वही इन ग्रामीणों मे हमेषा हिंसक प्राणियों के हमले का डर बना रहता है. वन विभाग द्वारा वन्य प्राणियों द्वारा मारे पषुओं का मुआवजा दे दिया जाता है जो नाकाफी होता है. ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए वन विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा स्थाई समाधान खोजना चाहिये.  

दुर्लभ वन्यप्राणियों से भरा है क्षेत्र का जंगल-सिकंदर मिश्रा

वन्यप्राणी प्रेमी एवं सोनेवानी अभ्यारण संघर्ष समिति अध्यक्ष सिंकन्दर मिश्रा ने बताया कि वन विभाग के द्वारा किये जा रहे सार्थक प्रयासों का ही परिणाम है कि क्षेत्र में दुर्लभ वन्यप्राणियों की संख्या में काफी ईजाफा हो रहा है. ग्राम सिर्रा मे एक वयस्क बाघ ने अपनी उदर पूर्ति के लिए बैल को अपना निवाला बना लिया. हालांकि वन विभाग ने मौके पर कार्यवाही की है, लेकिन हिंसक प्राणियों द्वारा लगातार की जा रही ऐसी घटनाओं पर वन विभाग मात्र मुआवजा देकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेता है. जबकि आये दिन हो रहे इंसानी और वन्यप्राणियों के टकराव के कारण स्थिति और गंभीर हो रही है. वन विभाग को ऐसे क्षेत्र जहां हिंसक प्राणियों की संख्या बढ़ी है उस क्षेत्र को आरक्षित किया जाना चाहिये और ऐसे क्षेत्रों में वन्यप्राणी विशेषज्ञों की नियुक्ति भी की जानी चाहिये. हमारे क्षेत्र के जंगलों में संरक्षित प्राणियों की संख्या बढ़ने के संकेत बेहद सुखद है. सिलेझरी एवं सोनेवानी के 185 वर्ग किलोमीटर के इन वनों में लगभग डेढ़ दर्जन बाघ के अलावा दर्जनों तेंदुए, बायसन, सांभर, भालू, पेगोंलिन, जंगली सूअर, जंगली कुत्ते, लकडबग्गे सहित अनेक दुर्लभ प्रजाति के वन्यप्राणी एवं पक्षी बहुतायत पाये जाते है. इस वन को अभ्यारण घोषित किये जाना वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए जरूरी है.


Web Title : DAY TO DAY TIGER HUNTS CATTLE, ANGER AND PANIC AMONG VILLAGERS OVER INCIDENT, ENTHUSIASM AMONG WILDLIFE LOVERS OVER INCREASING TIGER POPULATION