बाबा मंडी भौरगढ़ का वनाधिकार के तहत पट्टा प्रदान किये जाने की मांग, कोयतूर भीमाल पेन संगठन ने सौंपा ज्ञापन, आदिवासी धार्मिक स्थलों को चिहिन्त करें प्रशासन-कोर्राम

बालाघाट. आदिवासी क्षेत्र बैहर के ग्राम बाकल में आदिवासी समुदाय के धार्मिक एवं तीर्थ स्थान बाबा मंडी भौरगढ़ के विकास के लिए निर्माण कार्य और सौन्द्रयीकरण के लिए कोयतूर भीमाल पेन संगठन के नाम से वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत वन अधिका पट्टा प्रदान किये जाने की मांग को लेकर आदिवासी क्षेत्र से पहुंचे आदिवासी लोगों ने सर्व आदिवासी समाज संगठन जिलाध्यक्ष इंजी. भुवनसिंह कोर्राम के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा.

सामाजिक जागरूक युवा ने बताया कि बाबा मंडी भौरगढ़, आदिवासी समाज का धार्मिक एवं तीर्थ स्थान है, जहां हमारे पूर्वज गोंगो (पूजापाठ) किया करते थे. जहां कई पीढ़ियों से हमारे आदिवासी भूमका (पुजारी) ने गोंगो का काम संभाला है. जिसके चलते प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा, महाशिवरात्रि, मकर संक्राति, नवरात्रि, बैसाख पूर्णिमा के दिन मेला का आयोजन पारंपरिक वेशभूषा में पारंपरिक रूढ़ि एवं प्रथा के साथ किया जाता है और पर्यावरण एवं वन्यप्राणी संरक्षण का कार्य किया जाता है, उन्होंने बताया कि कोयतूर भीमाल पेन संगठन न केवल पर्यावरण बल्कि जल, जंगल और जमीन के संरक्षण में जुटा है. जो अब अपने धार्मिक और तीर्थ स्थल बाबा मंडी में वनाधिकार के तहत सड़क, बिजली, पानी के विकास और पास से बहने वाली नदी पर डेम बनाने और आसपास सौन्द्रयीकरण की मांग करने आज पहुंचा है. अतः आदिवासी समाज के धार्मिक आस्था और विश्वास को ध्यान में रखते हुए बाबा मंडी स्थल का वनाधिकार अधिनियम के तहत समिति को पट्टा प्रदान किया जाये.

सर्व आदिवासी समाज संगठन जिलाध्यक्ष इंजी. भुवनसिंह कोर्राम ने कहा कि सरकार ने आदिवासियों के धार्मिक स्थलों को चिन्हित कर राजस्व में दर्ज कराने के निर्देश दिये गये है लेकिन दुख की बात यह है कि जिले में इस मामले को लेकर राजस्व विभाग ने कभी संवेदनशीलता नहीं दिखाई. हमारी मांग है कि सरकार के आदेश का पालन करते हुए जिले में आदिवासियों के धार्मिक स्थलों को चिन्हित कर उसे राजस्व में दर्ज किया जायें और वनाधिकार अधिनियम के तहत धार्मिक स्थलों में सुविधा प्रदान की जायें.   


Web Title : DEMAND FOR GRANT OF LEASE UNDER FOREST RIGHTS OF BABA MANDI BHOORGARH, MEMORANDUM SUBMITTED BY KOYTUR BHIMAL PEN SANGATHAN, IDENTIFY TRIBAL SHRINES ADMINISTRATION KORRAM