सुखी नहर, सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलने से 9 गांवो की फसल पर संकट, हजारो ऐकड़ में लगी फसल के लिए पानी की मांग, किसानों ने कलेक्टर से की मुलाकात, कलेक्टर ने पानी दिलाने किया आश्वस्त

बालाघाट. नहर सुख गई है, खेतो में लगी फसल को पानी नहीं मिल रहा है, जिससे किसान परेशान है, किसानो को अब यह चिंता सता रही है कि वह अपनी फसल को कैस बचाए. यह हाल है, परसवाड़ा क्षेत्र के खुटिया, कटंगी, बोरी, लोहारा, परसपानी, गढ़दा, बुढैना, तिवड़ी और केशलेवाड़ा के किसानों का, जहां अपनी आंखो के सामने, खेत में लहलहाती फसल को सुखता देखकर किसान परेशान और व्यथित है. किसानों की केवल इतनी मांग है कि नहर से उन्हें फसल पकाने के लिए पानी दे दिया जाए.  आपको बताते चले कि जिले के पठार और वारासिवनी क्षेत्र में खेतो में लगी फसल की सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलने से परेशान है तो अब परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के 9 गांवो में भी बनिस्मत ऐसे ही हालत है. जिससे किसानों की निगाहे, प्रशासन की ओर है, उन्हें प्रशासन पर भरोसा है कि उनके खेतो में लगी फसल को बचाने, प्रशासन, पानी उपलब्ध कराएगा.  

दरअसल, सोमवार को परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 03 के आधा दर्जन से ज्यादा किसानो ने जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि मुकेश माहुले के नेतृत्व में कलेक्टर मृणाल मीणा को किसानों ने ज्ञापन सौंपकर, खेतो में सूख रही फसल को बचाने नहर में पानी छोड़े जाने की मांग की.  लोहारा ओमप्रकाश ठाकरे, किसान ने बताया कि लोहारा पंचायत क्षेत्र में 500 एकड़ में फसल लगी है, जो पानी के अभाव में सुख रही है. जिसको लेकर प्रशासन से मांग है कि जल्द से जल्द नहर में पानी छोड़ा जाए, ताकि फसल को बचाया जा सके. उन्होंने ऐसे तकरीबन, हजार किसान है, जिनकी फसल पर पानी नहीं मिलने से खराब होने का संकट पैदा हो गया है.

जिला पंचायत प्रतिनिधि मुकेश माहुले ने बताया कि जिला पंचायत क्षेत्र के हजारों किसानों की फसल के लिए पानी की आवश्यकता है. यही नहीं बल्कि क्षेत्र, जंगली क्षेत्र से भी लगा है, जहां से आने वाले वन्यजीव, गर्मी के दिनो में जंगलों के जलस्त्रोत सुखने से प्यास बुझाने नहर की ओर आते है. चूंकि नहर में पानी नहीं होने से किसानो के साथ ही वन्यजीवों को भी परेशान होना पड़ रहा है. हमारी मांग है कि संजय सरोवर बांध की ढूटी बांयी तट की मुख्य नहर में जल संसाधन विभाग, पानी छोड़े, ताकि किसान, फसल की सिंचाई कर सके और वन्यजीवों की भी प्यास बुझ सके.  पानी की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे किसान और पंचायत प्रतिनिधियों को कलेक्टर मृणाल मीणा ने आश्वस्त किया है कि उनकी मांग को गंभीरता से लेकर, जल्द ही नहरो में पानी देने की व्यवस्था बनाई जाएगी.  गौरतलब हो कि धान उत्पादक जिले में इस वर्ष रबी की फसल में किसानों ने गेंहू से ज्यादा धान लगाया है. जिससे धान की फसल को पानी की आवश्यकता पड़ रही है, असिंचित क्षेत्र में धान के लिए नदी और नहरे ही, एकमात्र सिंचाई का जरिया है, ऐसे में नदी और नहरो के सुखने से किसानों को फसल की सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. यही कारण है कि जिले में धान की फसल के लिए पानी की मांग, पूरे जिले से उठ रही है.  


Web Title : DRY CANAL, CROP CRISIS IN 9 VILLAGES DUE TO LACK OF WATER FOR IRRIGATION, DEMAND FOR WATER FOR THOUSANDS OF ACRES OF CROP, FARMERS MEET COLLECTOR, COLLECTOR ASSURES WATER