जानलेवा हमले करने वालो पर हत्या का प्रयास का मामला दर्ज किये जाने की मांग, किरनापुर पुलिस की कार्यवाही से असंतुष्ट परिवार ने एसपी को की शिकायत

बालाघाट. हाल ही में विगत कुछ थानों की कार्यवाही से शिकायतकर्ताओं ने असंतोष जाहिर करते हुए पुलिस अधीक्षक से  मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है. कोतवाली पुलिस में दर्ज मामले के बावजूद सामंत बंधुओं पर कार्यवाही नहीं होने से पीड़ित लोगों ने गत दिवस ही पुलिस अधीक्षक को शिकायत कर निष्पक्ष कार्यवाही की मांग की तो 17 नवंबर को किरनापुर पुलिस की कार्यवाही से असंतुष्ट परिवार ने पुलिस अधीक्षक को आवेदन कर मामले की निष्पक्ष जांच किये जाने और जानलेवा हमले करने वालों पर हत्या का प्रयास करने की धाराओं के तहत मामला कायम किये जाने की मांग की. भीम आर्मी सेना के साथ पीड़ित युवक के परिवार ने पुलिस अधीक्षक के नाम ज्ञापन सौंपकर किरनापुर थाने में दर्ज मामले में निष्पक्षता से कार्यवाही की मांग की है.

हमले में घायल सुमित मासुरकर ने बताया कि गत 5 नवंबर को वह अपने भाई के साथ बस स्टैंड आया था. जहां उसने अपने दोस्त रितेश को मामा के घर वास्तु कार्यक्रम में चलने की बात कही थी. जब वह उसे चलने कहा तो वहां मौजूद राकेश शर्मा ने कहा कि वह मेरे साथ आयेगा, लेकिन रितेश मेरे साथ चलना चाहता था. जिसे राकेश शर्मा ने गाली, गल्लौज कर वहां से भगा दिया और एक पुराने घर की बिक्री को लेकर मां के बारे में और मुझे अपशब्द कहने लगा. जिसका विरोध करने पर राकेश शर्मा उसके साथी युगल उर्फ बड्डो बोहरे और रोहित पिता देवा हुमने ने जान से मारने की नियत से मेरे सिर के पास ईट, पत्थरों से मारपीट की. जिसके बाद मुझे जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया. जिसकी पुलिस में शिकायत करने के बाद पुलिस ने मामले में आरोपियो के खिलाफ धारा 294, 323, 324, 506, 34 भादंवि. एवं अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत 3(1)द, 3(1)ध एवं 3(2)(5)ए के तहत अपराध दर्ज किया है.  

बेटे पर जानलेवा हमले के बावजूद पुलिस द्वारा आरोपियो के खिलाफ हत्या का प्रयास का मामला दर्ज नहंीं किये जाने पर पीड़ित बेटे को लेकर शिकायत करने पहुंची मां शुभ्रकांता मासुरकर ने बताया कि बेटे का जिला चिकित्सालय में ईलाज की सुविधाओं की कमी को देखते हुए घायल बेटे के सिर पर आई चोटों को देखते हुए उसे नागपुर ईलाज के लिए ले जाया गया था. जहां 11 नवंबर को की गई बेटे सुमित की एमआईआई ब्रेन और एमआरआई ब्रेनोग्राफी जांच करवाई गई तो पता चला कि बेटे के दिमाग में उक्त लोगों द्वारा की गई मारपीट से खून का थक्का जमा गया है. जिसका तत्काल उपचार नहीं करवाया जाता तो उसकी मृत्यु भी हो सकती थी. जिस रिपोर्ट को किरनापुर पुलिस को सौंपे जाने के बावजूद किरनापुर पुलिस रिपोर्ट को अनदेखा कर आरोपियों के खिलाफ हत्या का प्रयास की धारा का इजाफा नहीं किया गया. जिससे प्रतित होता है कि किरनापुर पुलिस आरोपियों को संरक्षण प्रदान कर रही है.  

भीम आर्मी सेना पदाधिकारी रितेश बोरकर ने कहा कि किरनापुर पुलिस द्वारा आरोपियों पर जो कार्यवाही की जानी चाहिये थी, वह पुलिस नहीं कर रही है, जिससे लगता है कि पुलिस आरोपियों के खिलाफ निष्पक्ष कार्यवाही करने में असमर्थ है, जिससे पीड़ित परिवार के साथ भीम आर्मी सेना ने पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर मामले में निष्पक्ष कार्यवाही करने और विशेषज्ञ चिकित्सकों की रिपोर्ट के आधार पर आरोपियो के खिलाफ हत्या का प्रयास का मामला दर्ज करने की मांग की है. यदि मांग पूरी नहीं होती तो पीड़ित को न्याय दिलाने संवैधानिक कदम उठाये जायेंगे.  


Web Title : FAMILY DISSATISFIED WITH KIRNAPUR POLICE ACTION COMPLAINS TO SP DEMANDING REGISTRATION OF ATTEMPT TO MURDER CASE AGAINST THOSE WHO CARRIED OUT DEADLY ATTACKS