पूर्व विधायक किशोर समरिते की जिला एवं सत्र न्यायालय से जमानत याचिका निरस्त,सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं होने का कोर्ट ने दिया हवाला, भोपाल के विशेष अदालत में होगी सुनवाई

बालाघाट. जिले के समाजसेवी, खेल संगठनों के अध्यक्ष और सर्व ब्राम्हण समाज अध्यक्ष राजेश पाठक पर कथित तौर से दो लाख गायों को कटवाने और पुलिसकर्मियों की हत्या के झूठे आरोप लगाकर उनसे प्रतिमाह 20 हजार रूपये की डिमांड करने वाले पूर्व विधायक किशोर समरिते के खिलाफ दर्ज किये गये मामले में 12 जून को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. जिसके बाद से पूर्व विधायक किशोर समरिते जेल में है, जहां 13 जून को बालाघाट के माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी नगीना मेरावी की अदालत ने पूर्व विधायक किशोर समरिते की जमानत खारिज कर दी थी. वहीं जिला एवं सत्र न्यायालय में लगाई गई उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने जमानत सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं होने की बात कहकर उनकी जमानत याचिका निरस्त कर दी.

जिसके बाद अब पूर्व विधायक किशोर समरिते की जमानत याचिका पर सुनवाई भोपाल स्थित पूर्व एवं वर्तमान विधायक एवं सांसद के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत सुनवाई करेगी. जिससे विशेष न्यायालय मंे सुनवाई तक अभी और कुछ दिन पूर्व विधायक किशोर समरिते को जेल में बिताने होंगे.

गौरतलब हो कि जिले के समाजसेवी, खेल संगठनों के अध्यक्ष और सर्व ब्राम्हण समाज अध्यक्ष राजेश पाठक द्वारा दो लाख गायों को कटवाने और पुलिसकर्मियों की हत्या के झूठे आरोप लगाकर उनसे प्रतिमाह 20 हजार रूपये की डिमांड करने की शिकायत पुलिस में की गई थी. जिसमें पुलिस ने धारा 389,386,452 के तहत अपराध दर्ज करने के उपरांत भोपाल से पूर्व विधायक किशोर समरिते को गिरफ्तार किया था.  

जिनकी जमानत को लेकर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी नगीना मेरावी की अदालत से जमानत याचिका निरस्त होने के बाद उनकी जमानत याचिका जिला एवं सत्र न्यायालय में पेश की गई थी. जहां भी माननीय न्यायालय के न्यायाधिपति अमरनाथ केशरवानी की अदालत ने मामले की सुनवाई में क्षेत्राधिकार नहीं होने से जमानत याचिका को निरस्त कर और भोपाल स्थित विशेष अदालत में मामले को भेजे जाने के आदेश पारित किया.

मामले में शासन की ओर से पैरवी कर रहे लोक अभियोजक अधिवक्ता मदन मोहन द्धिवेदी ने बताया कि पूर्व विधायक किशोर समरिते द्वारा आरक्षी केन्द्र भरवेली में दर्ज मामले में गिरफ्तार किये जाने के बाद जमानत के लिए जिला एवं सत्र न्यायालय में जमानत की याचिका प्रस्तुत की गई थी. जिसमें 16 जून को सुनवाई करते हुए माननीय न्यायालय के न्यायाधिपति अमरनाथ केशरवानी द्वारा अमानत आवेदन वापस कर गया है और सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है कि 27 सितंबर 2018 को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर के द्वारा सभी जिला न्यायालयों को एक मेमोरेंडम भेजा गया था. जिसमें यह उल्लेख था कि मध्यप्रदेश के सभी पूर्व एवं वर्तमान विधायक एवं सांसद के खिलाफ दर्ज मामलो की सुनवाई भोपाल स्थित 21 वें अपर सत्र न्यायाधीश के प्रवेन्द्र कुमार सिंह के न्यायालय में सुनवाई के लिए भेजा जाना चाहिये. इसी आदेश के परिपालन में माननीय जिला सत्र न्यायाधीश अमरनाथ केशरवानी द्वारा किशोर समरिते के द्वारा प्रस्तुत जमानत आवेदन इस न्यायालय के सुनवाई योग्य न होने से क्षेत्राधिकार के अभाव में निरस्त किया जाता है तथा प्रकरण को 21 वें अपर सत्र न्यायाधीश प्रवेन्द्रसिंह के तत्काल भेजे जाने का आदेश पारित किया है.  


Web Title : FORMER MLA KISHORE SAMRITAS BAIL PLEA REJECTED BY DISTRICT AND SESSIONS COURT, COURT CITES NON JURISDICTION OF HEARING, BHOPAL SPECIAL COURT TO HEAR