गांधी जयंती से क्रमिक भुख हड़ताल करेंगे मंडी अधिकारी, कर्मचारी,शासन से वेतन, भत्ते और पेंशन की मांग को लेकर आंदोलन जारी

बालाघाट. कृषि उपज मंडी के अधिकारी, कर्मचारी द्वारा अपनी वेतन, भत्ते और पेंशन की मांग को लेकर विगत 3 से 6 सितंबर तक की गई हड़ताल के बाद सरकार द्वारा मांगो के निराकरण का भरोसा दिलाये जाने के बाद भी मांगो को लेकर सरकार से कोई सकारात्मक हल नहीं निकलने पर 25 सितंबर से संयुक्त संघर्ष मोर्चा मध्यप्रदेश मंडी बोर्ड भोपाल के आव्हान पर पूरे प्रदेश सहित जिले की सभी 7 कृषि उपज मंडियो में कार्यरत अधिकारी, कर्मचारियों ने मंडी में तालाबंदी और कामकाज बंद कर हड़ताल शुरू कर दी थी.

अपनी न्यायोचित मांगो को लेकर हड़ताल पर बैठे मंडी अधिकारी, कर्मचारियों की मांगो पर सरकार द्वारा कोई गंभीरता नहीं दिखाये जाने से आक्रोशित मंडी अधिकारी, कर्मचारियों ने अब आंदोलन को महात्मागांधी की तरह भुख हड़ताल की तरह गांधी जयंती से भुख हड़ताल के आंदोलन का ऐलान किया है, जिसके बाद भी मंडी अधिकारी, कर्मचारियों की मांगो का सरकार कोई निराकरण नहीं करती है तो कर्मचारियों ने आमरण अनशन की भी चेतावनी दी है.

सरकार से अपनी न्यायोचित मांगो के लिए संघर्ष कर रहे संयुक्त संघर्ष मोर्चा मध्यप्रदेश मंडी बोर्ड भोपाल के आव्हान पर जिले में हड़ताली मंडी अधिकारी, कर्मचारियों ने गांधी जयंती 2 अक्टूबर से भुख हड़ताल किये जाने का ऐलान करते हुए एकजुटता के साथ जिला प्रशासन को ज्ञापन के माध्यम से इसकी सूचना दी, साथ ही एक बार फिर मंडी अधिकारी, कर्मचारियों की मांगो के निराकरण की मांग की.

संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने सरकार के समक्ष अपने ज्ञापन के माध्यम से प्रस्ताव के रूप में सुझाव सुझाये है, जिसके तहत संयुक्त संघर्ष मोर्चा का कहना है कि इससे सरकार पर मंडी अधिकारी, कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित करने में कोई अतिरिक्त भार नहीं आयेगा. संयुक्त संघर्ष मोर्चा द्वारा 11 सूत्रीय ज्ञापन में बताया गया कि मंडी समिति और मंडी बोर्ड के अधिकारी, कर्मचारियों को संचालनालय, कृषि विपणन में वर्तमान स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए पूर्व में प्रावधानित राज्य विपणन संघ के अनुसार ही उपरोक्त मामले को शामिल किये जाने में शासन स्तर पर आर्थिक व्यय भार अधिक नहीं होगा. उपरोक्त स्थिति में मंडी समितियों एवं मंडी बोर्ड की सभी प्रकार की राशियों को शासन स्तर पर लिया जाकर तथा वार्षिक बजट अनुसार कोषालय के माध्यम से राशियों को जमा करना एवं वेतन, पेंशन भुगतान की व्यवस्था किये जाने में कोई वैधानिक कठिनाई नहीं होगी और मंडी कर्मचारी भी यही चाहते है और संयुक्त संघर्ष मोर्चा की मुख्य मांग भी यही है.

मंडी अधिकारी, कर्मचारियों ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश की सभी मंडी में आवक शून्य हो गई है. जिसके कारण कर्मचारियों का वेतन भुगतान करने में पेरशानी हो रही है. वेतन न लिने से चिंता के कारण जहां कुछ कर्मचारियों का आकस्मिक निधन हो गया है, वहीं अधिकांश कर्मचारी अपने एवं अपने परिवार के भविष्य को लेकर चितिंत ओर निराशाजनक स्थिति में जीवनयापन कर रहे है. अगर सरकार कर्मचारियों के वेतन, भत्ते एवं पेंशन की व्यवस्था नहीं करती है तो 2 अक्टूबर गांधी जयंती से पूरे प्रदेश सहित जिले की सभी 7 मंडियों के अधिकारी, कर्मचारी क्रमिक भुख हड़ताल करेंगे और जब तक हमारी मांगो को सरकार मान नहीं लेती है तब तक अनिश्चिकालीन सत्याग्रह करते हुए आगामी दिनो में आमरण-अनशन करेंगे और यदि अगर किसी कर्मचारी, अधिकारी के साथ कोई अप्रिय घटना घटित होती है तो उसकी संपूर्ण जवाबदारी मध्यप्रदेश एवं मंडी बोर्ड की होगी.


Web Title : GANDHI JAYANTI TO STRIKE A GRADUAL HUNGER STRIKE, MANDI OFFICIALS, EMPLOYEES, AGITATION AGAINST GOVERNMENT DEMANDING SALARIES, ALLOWANCES AND PENSIONS