पुरातत्व संग्रहालय में मनाया हिन्दी दिवस और स्थापना दिवस

बालाघाट. इतिहास एवं पुरातत्व शोध संस्थान संग्रहालय बालाघाट में 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस और संस्थान का 37 वां स्थापना दिवस मनाया गया. इस अवसर पर विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया है. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व नपा अध्यक्ष रमेश रंगलानी, कार्यक्रम अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार प्रेमप्रकाश त्रिपाठी एवं प्रमुख अतिथि के रूप में कुलदीप सिंह बिल्थरे उपस्थित थे. इस दौरान उपस्थितजनों ने हिन्दी भाषा का प्रयोग करने लोगों को प्रेरित करने का आव्हान किया. पुरातत्व संग्रहालय में आयोजित गतिविधियों पर चर्चा की गई. पुरातत्व संग्रहालय के अध्यक्ष डॉ. वीरेन्द्रसिंह गहरवार ने बताया कि पुरातत्व संग्रहालय में हर वर्ष हिन्दी दिवस एवं संस्था का स्थापना दिवस मनाया जाता है. इस वर्ष कोरोना संक्रमण को देखते हुए सादगीपूर्वक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान उपस्थित साहित्यकारों व कवियों ने हिन्दी दिवस पर अपनी कविता पाठ के माध्यम से हिन्दी बोलने एवं हिन्दी का उपयोग करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि हमारी मातृ भाषा हिन्दी है. लेकिन वर्तमान समय में बच्चे हिन्दी में कम रूचि लेकर अंग्रेजी भाषा का अधिक उपयोग कर रहे है. कार्यक्रम में प्रो. एल. सी जैन, प्रो. संतोष सक्सेना, मो. यूनूस खान, कंचनसिंह ठाकुर, निशांतसिंह बैस, बाबूलाल गोमासे, मिश्रीलाल साहू, अमरेश सिंह परिहार, हिमांशु जैन, नीता बैस, प्रमिला विजेवार, करुणा सतीश सिंह ठाकुर, सतीश भारद्वाज, अखिलेश कुमार पटले, वेंकटेश गेडाम, सौरभ उइके, शुभम बोपचे, अंकित उपाध्याय, सुभाष गुप्ता उपस्थित थे. उक्त अवसर पर उपस्थित प्रबुद्ध जनों ने हिन्दी और शिक्षा, संस्थान की स्थापना के उपदेशों का बखान करते हुए कहा आज घर संसार में शिशु को भी मां-पिता जी की जगह मम्मी-डैडी सिखाया जाता हैं, जब प्रारंभ ही ऐसा होगा, तो सोच लीजिये हिन्दी और शिक्षा का क्या होगा. स्कूलों में क से कल्याण पढ़ाया जाता था, अब क से कुछ नहीं पढ़ाया जाता हैं? समय परिवर्तित हो चुका और कम्प्यूटर, मोबाईलों, व्हाट्अप, फेसबुक में व्यस्त हो गये हैं इस दौरान संग्राहलय में पर्यावरण संरक्षण के भाव से करंज का पौधा रमेश रंगलानी द्वारा रोपित किया गया.


Web Title : HINDI DAY AND FOUNDATION DAY CELEBRATED AT ARCHAEOLOGICAL MUSEUM