बालाघाट. जिले में सीएम राइज स्कूल को लेकर माहौल और चर्चाओं का बाजार गर्म है, लगभग 25 करोड़ की लागत से बनने वाले इस स्कूल में विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्वक और सर्वसुविधायुक्त शिक्षा का प्रावधान है, जहां लालबर्रा, लांजी और किरनापुर के स्कूलों को भाजपा जनप्रतिनिधियों के विधानसभा और गृहग्राम में परिवर्तित करने को लेकर राजनीतिक माहौल गर्म है तो सीएम राइज स्कूल को लेकर एक बड़ी प्रशासनिक लापरवाही ने बालाघाट मुख्यालय में खुलने वाले सीएम राइज स्कूल को चर्चा में ला दिया है.
बालाघाट जिले में सीएम राइज स्कूल खोलने के लिए ब्लॉक स्तर पर अधिकृत रूप से जिला शिक्षा अधिकारी के मार्गदर्शन में बीआरसी, बीईओ, संकुल प्राचार्य, जनपद सीईओ, जनपद अध्यक्ष एवं जनपद उपाध्यक्ष को अधिकृत किया गया. जिनकी टीम द्वारा विकासखंड क्षेत्र में स्कूलों का निरीक्षण कर स्कूल में जगह की उपलब्धता, दर्ज संख्या, आवागमन का उचित मार्ग, अधिकत्तम खुला परिसर सहित अन्य मापदंडो का निरीक्षण करना था. अनुमानित जिले में सभी विकासखंडो में जनवरी-फरवरी 2021 में अधिकृत टीम द्वारा इसका निरीक्षण किया गया और स्कूलो का चयन कर प्रस्ताव जिला शिक्षा अधिकारी को भेजा गया. एक जानकारी के अनुसार उस दौरान जिले के सभी 10 विकासखंडो में 235 स्कूलों का सीएम राइज स्कूल के रूप में चयन किया गया था. जिस सूची के प्रस्ताव पर जिला पंचायत सीईओ, सहायक आयुक्त, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला पंचायत अध्यक्ष, जिला पंचायत उपाध्यक्ष, जिला परियोजना समन्वयक तथा जिला पंचायत की समिति के सदस्यों ने हस्ताक्षर किये थे. जिसका मूल्यांकन बाद में जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा ऑनलाईन किया गया. जहां तक भी दूर-दूर तक सीएम राइज स्कूल के लिए बालाघाट विकासखंड में चयनित वीरांगना रानी दुर्गावती स्कूल का नाम नहीं था.
लेकिन तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी एवं अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक द्वारा जो सूची सीएम राइज स्कूल के लिए भोपाल भेजी गई. उसमें एकाएक वीरांगना रानी दुर्गावती स्कूल का नाम जुड़ गया, जो अपने-आप में एक बड़ा आश्चर्य और सवाल है, जबकि निरीक्षण सूची से लेकर सूची प्रस्ताव में भी स्कूल का नाम नहीं था. जिससे प्रतित होता है कि एक सुनियोचित तरीके से सीएम राइज स्कूल जैसी बड़ी योजना को मुख्यालय में फेल करने या फिर इसकी जिम्मेदारी से बचने के लिए उन बड़ो स्कूलों को संरक्षण प्रदान किया गया, जिनका नाम इस स्कूल के निरीक्षण और प्रस्ताव सूची में शामिल था.
एक जानकारी के अनुसार सीएम राइज स्कूल के लिए सबसे बड़ी उपलब्धता जगह की है, जिसके लिए 3 एकड़ से अधिक जमीन होना अनिवार्य है, जबकि स्कूल के नाम को लेकर भेजी गई सूची में अधिकारी ही दर्शाते है कि स्कूल के पास केवल 2. 5 एकड़ जमीन है, जबकि राजस्व प्रलेखो में स्कूल के पास दो एकड़ से भी कम शासकीय भूमि है. वहीं इस स्कूल के साथ एक बड़ी समस्या स्कूल के प्रवेश द्वार को लेकर भी है, वर्तमान में जिस प्रवेश द्वार से स्कूली बच्चों आते है, वह जगह मध्यप्रदेश सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा शासन की अनुपयोगी जगह मानते हुए शासन के निर्देशानुसार खुली नीलामी में निलाम कर दिया गया है, जिससे उसे खरीदने वाले निजी जमीन मालिक उस रास्ते को भविष्य में बंद कर देगा. जिससे बच्चों को स्कूल में प्रवेश करने का मार्ग पूरी तरह से अवरूद्ध हो जायेगा. यदि मान भी लिया जायें कि स्कूल के दूसरे प्रवेश द्वार उत्कृष्ट विद्यालय के मैदान की ओर से बच्चें स्कूल में प्रवेश करेंगे तो इससे एक बड़ी समस्या शहर के चुनिंदा खेल मैदान के खत्म हो जाने की है, जबकि साल भर उस मैदान में विभिन्न गतिविधियां संचालित होती है.
स्कूल चयन में लापरवाही इतनी की, स्कूल प्रबंधन को इसकी कोई जानकारी नही. सूत्रों की मानें तो स्कूल को सीएम राइज स्कूल में चयन के लिए स्कूल प्रबंधन प्राचार्य को कोई जानकारी नहीं दी गई और न ही प्राचार्य से कुछ पूछा गया. जिससे साफ होता है कि कुछ स्कूलों को बचाकर वीरांगना रानी दुर्गावती स्कूल को सुनियोचित तरीके से सीएम राइज स्कूल बना दिया गया. यदि ऐसा होता है तो सीएम राइज स्कूल की मूल अवधारणा के विपरित होगा. जिससे कई समस्यायें खड़ी हो जायेगी. उचित हो कि बालाघाट मुख्यालय में ऐसे स्कूलों का चयन किया जायें, जिसके पास पर्याप्त भूमि और जगह हो, ताकि सीएम राइज स्कूल की अवधारणा साकार हो सके और इसका लाभ छात्र, छात्राओं को मिल सके.
इनका कहना है
यह सही है कि सीएम राइज स्कूल के चयन के दौरान यह सूची में शामिल नहीं था, लेकिन वरिष्ठ स्तर के आदेश के बाद विकासखंड मुख्यालय में स्कूल का चयन किया जाना था, इसलिए वीरांगना रानी दुर्गावती का नाम चयनित किया गया होगा.
नरेन्द्र राणा, बीआरसी
यह सही है कि सीएम राइज स्कूल के चयन के दौरान चयनित सूची में वीरांगना रानी दुर्गावती स्कूल का नाम नहीं था. जिसके बाद स्कूल का चयन वरिष्ठ स्तर पर किया गया होगा, तो इसकी जानकारी मुझे नहीं है.
एन. पी. मलगाम, बीईओ
शासन स्तर पर सीएम राइज स्कूल का चयन किया गया है. शासन स्तर पर चयनित किये गये 235 स्कूलो मंे वीरांगना रानी दुर्गावती स्कूल का नाम है. इस पर जो भी निर्णय लेना है, वह शासन को लेना है.
अश्विनी उपाध्याय, जिला शिक्षा अधिकारी
इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी से चर्चा की जायेगी.
विवेक कुमार, सीईओ, जिला पंचायत