सुबह मिली डोंगरबाड़ी जलाशय फूटने की खबर, शाम तक सिंचाई विभाग ने वस्तुस्थिति की स्पष्ट

बालाघाट. बालाघाट तहसील के अंतर्गत डोंगरबोड़ी जलाशय के फूटने एवं उससे नुकसान होने के संबंध में सुबह मीडिया तक खबरे आने लगी. जिसे बाद जब मीडिया ने मामले में खबरों का प्रकाशन किया तो शाम तक सिंचाई विभाग ने डोंगरबोड़ी जलाशय के फूटने को लेकर वस्तुस्थिति स्पष्ट की.  

शाम को जिला जनसंपर्क के माध्यम से जल संसाधन सर्वेक्षण संभाग के कार्यपालन यंत्री एन. एस. ठाकुर ने बताया कि डोंगरबोड़ी जलाशय का निर्माण वर्ष 1910 में किया गया है. इस बांध की अधिकतम उंचाई 10. 60 मीटर एवं लंबाई 720 मीटर है. इस जलाशय की सिंचाई क्षमता खरीफ सीजन में 338 हेक्टेयर है. 110 वर्ष पुराना जलाशय होने के कारण इसके सुदृढ़ीकरण एवं मरम्मत के लिए शासन से जून में 63 लाख 59 हजार रुपये की राशि स्वीकृत की गई है. नाला पोर्सन पर केवल फिल्टर का कार्य आंशिक रूप से करने के उपरांत वर्षा ऋतु प्रारंभ हो जाने के कारण सुधार कार्य रूका हुआ था. इस जलाशय के सुधार कार्य के लिए धीरे-धीरे पानी की निकासी की जाना था और इसके लिए वेस्टवियर के साईड से कटिंग कर पानी की निकासी के लिए रास्ता बनाया जा चुका था. लेकिन पिछले तीन-चार दिनों में भारी वर्षा होने के कारण पानी की निकासी के लिए बनाये गये रास्ते से अत्यधिक प्रवाह होने लगा है.

डोंगरबोड़ी जलाशय के पानी की निकासी के लिए बनाये गये रास्ते से अत्यधिक पानी का प्रवाह होने से कोई नुकसान नहीं हुआ है. जलाशय का पानी सोनबिहरी नदी में चला गया है. कुछ लोगों के खेत में जरूर पानी गया है, लेकिन गांवों में दहशत जैसी कोई स्थिति नहीं है. इस तालाब का पानी किसी गांव में नहीं आता है. खेतों की सिंचाई के लिए इस तालाब का पानी उपयोग किया जाता है लेकिन इस वर्ष अच्छी बारिश हो जाने के कारण तालाब के पानी का सिंचाई के लिए उपयोग नहीं किया जा रहा था. जबकि सुबह मीडिया तक यह खबर आई थी कि डोंगरबोड़ी का जलाशय फूटने से उसमें मत्स्य पालन करने वाले मछुआरों की लाखों रूपये की मछलियां बह गई है. वहीं आसपास के खेतो में पानी भर गया है.  


Web Title : IN THE MORNING, THE NEWS OF THE DONGARBARI RESERVOIR BURST, BY THE EVENING, THE IRRIGATION DEPARTMENT CLARIFIED THE SITUATION