लिंगा के सिद्धेश्वर लिंगेश्वर मंदिर में प्रतिदिन हो रहा भगवान शिव का अभिषेक, सावन मास में मंदिर में हो रहे धार्मिक कार्यक्रम

बालाघाट. शिव बरसाने वाले सावन मास में भगवान शंकर का आशीर्वाद पाने के लिए उनके भक्त तमाम तरह से उनकी पूजा-पाठ, जप-तप और व्रत करेंते है. कोई उन्हें दूध तो कोई उन्हें सिर्फ गंगाजल चढ़ाकर प्रसन्न करता है.  

हिंदू धर्मग्रंथों में श्रावण माह की विशेष महिमा बताई गई है. कहा गया है कि ‘‘श्रावणे पूजयेत शिव’’. अर्थात श्रावण मास में शिव पूजा विशेष रूप से फलदाई है. पूरे माह शिवभक्त भोले भंडारी की उपासना एवं सोमवार का व्रत करते हैं. श्रावण में शिव की अर्चना करने से धरती पर भी सभी दुखों का शमन होता है. ऐसा माना जाता है कि इस माह में की गई शिव पूजा तत्काल शुभ फलदायी होती है. इसके पीछे स्वयं शिव का ही वरदान है. इस माह में दैहिक,दैविक और भौतिक तापों का नाश करने वाले शंकरजी की भक्तिपूर्वक पूजा करने से सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती हैं. श्रावण मास में शिव भक्त को ज्योतिर्लिंगों का दर्शन एवं जलाभिषेक करने से अश्वमेघ यज्ञ के समान फल प्राप्त करता है तथा शिवलोक को पाता है. कहा जाता है कि इस माह में जो भी प्राणी भगवान शिव का जल,गंगाजल, बेलपत्र, पुष्प, भांग, धतूरा, दूध आदि अर्पित करता है, उसे संसार के तीनों प्रकार के कष्टों (दैहिक,दैविक,भौतिक)से मुक्ति मिलती है, साथ ही उसे शिवलोक की प्राप्ति भी होती है.

सावन के महीने में जो भी व्यक्ति भोलेनाथ और मां पार्वती की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करता है उसके जीवन में सुख-समृद्धि का वास होने के साथ ही उसकी हर मनोकामना पूरी हो जाती है. शिव जी को सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता माना जाता है. ऐसे में देवों के देव महादेव की सच्चे मन से भक्ति करने पर हर कष्ट से मुक्ति मिल जाती है. सावन के महीने में भगवान शंकर का रूद्राभिषेक करना अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है.

इसलिए सावन मास में भगवान शिव को प्रसन्न और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए शिवभक्त रूद्राभिषेक करते है. बालाघाट मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर दूर परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम लिंगा में सिद्धपीठ लिंगेश्वर शिव मंदिर है, दशकों पुराने इस मंदिर की मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान लिंगेश्वर की उपासना करता है, उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है, प्रतिवर्ष सावन मास मंे, सिद्धपीठ लिंगेश्वर मंदिर में भगवान शिव का अभिषेक, पूजन एवं विविध धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते है.  

इसी कड़ी में पंडित रमाकांत शुक्ला के अनुसार विगत दो वर्षो से सिद्धपीठ लिंगेश्वर शिव मंदिर समिति के सहयोग से सावन मास की एकम तिथि से अंतिम सावन सोमवार तक यहां पर भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता है. विधिविधान से आयोजित जलाभिषेक में प्रतिदिन भगवान शिव का जलाभिषेक, पूरे विधि विधान के साथ करते है. पंड़ित श्री शुक्ला ने बताया कि विधि विधान से किये जाने वाले जलाभिषेक के साथ ही भजन, सत्संग और कांवड़ यात्रा भी निकाली जाती है.


Web Title : LORD SHIVAS ANOINTING TAKING PLACE EVERY DAY AT SIDDHESHWAR LINGESHWAR TEMPLE IN LINGA, RELIGIOUS PROGRAMS TAKING PLACE IN THE TEMPLE IN THE MONTH OF SAWAN