प्राचीन गणेश मंदिर में भगवान गणेश की नवप्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा 1 को,6 दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम प्रारंभ

बालाघाट. जयहिंद टॉकीज मैदान से लगे देवी तालाब किनारे स्थित प्राचीन गणेश मंदिर में एक हजार साल पहले प्राचीन निर्मित प्रतिमा और लगभग 100 साल पहले देवी तालाब से मिली गणेश प्रतिमा को आज से 80 वर्ष पूर्व नगर के सबसे प्राचीन गणेश मंदिर में स्थापित किया गया था. जहां कालांतर से प्रथम पूज्य भगवान गणेश के भक्तगण आकर पूजा अर्चना करते थे, लेकिन समय के साथ प्रतिमा का क्षरण प्रारंभ हो गया था. जिसके कारण श्री गणेश मंदिर समिति ने निर्णय लिया कि प्राचीन गणेश की प्रतिमा के स्थान पर भगवान गणेश की मार्बल से बनी प्रतिमा स्थापित की जायें. मंदिर समिति के इस निर्णय पर पूरी समिति और भक्तों ने भी अपनी स्वीकृति दी. जिसके बाद तय किया गया कि 27 जून से 2 जुलाई तक 6 दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के तहत भगवान गणेश की नवप्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा की जायेगी.

जिसके लिए मंदिर समिति और भक्तों के सहयोग से नक्काशी के पत्थरों से निर्मित भगवान गणेश की मनोहारी प्रतिमा को लाया गया. जिसकी प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व, मंदिर में पूर्व में स्थापित प्राचीन प्रतिमा की विधि विधान से पूजा अर्चना कर उसे पुरातत्व विभाग को सौंपा गया. जिसके बाद भगवान गणेश की नवप्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की शुरूआत 27 जून को प्रातः 8. 30 बजे जलयात्रा दश विध स्नान, पंचांग पूजन, प्राश्चित संकल्प, पंचानन पूजन, इंद्रध्वज पूजन, नंदीमुख श्राद्धदेव दर्शन, मंडप प्रवेश, देव आवाहन, श्री विग्रह जलाधिवास के साथ किया गया.  

श्री गणेश मंदिर समिति सेवानिवृत्त बैंक कर्मी एवं समिति अध्यक्ष रमेश राठी ने बताया कि 6 दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम मंे 28 जून को प्रातः आवाहित देवमंडल पूजन, अग्नि स्थापन, श्री विग्रह एवं अन्नाधिवास अग्निहोत्र निराजन, 29 जून को प्रातः देवपूजन गणपति मोदक दुर्वा सहस्रार्चन, श्री विग्रह पुष्पाधिवास, फलाधिवास, अग्निहोत्र, शयाधिवास, 30 जून को प्रातः देवपूजन, श्री विग्रह मंगला शासन, देव अंगादिलेपन, औषधि लेपन, अभृत्य स्नान, अग्निहोत्र, आरती की जायेगी. जबकि 1 जुलाई को भगवान गणेश की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के तहत प्रातः देवपूजन, श्री विग्रह न्यासमर्चन शतंकुभादि, महाभिषेक, आदित्य दर्शन, प्राण-प्रतिष्ठा, सर्वोउपचार, विधि पूजन, देव दिक्षा, नेत्रोमिलान, अग्निहोत्र और महाआरती तथा 2 जुलाई को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के समापन पर देवपूजन यज्ञ पूर्णहुति, विप्र दक्षिणा, देवमंडल विसर्जन, महाप्रसाद एवं भंडारे के साथ प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का समापन किया जायेगा.  

गौरतलब हो कि 6 दिसवीय प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के तहत विभिन्न धार्मिक आचार्य पं. जनार्दन द्धिवेदी एवं पं. जयरामप्रसाद पांडे द्वारा पूजन संपन्न कराया जा रहा है.


Web Title : NAVPRATIMA PRAN PRATISHTHA OF LORD GANESHA BEGINS AT ANCIENT GANESH TEMPLE ON 1ST, 6 DAY PRAN PRATISHTHA PROGRAMME