बालाघाट. बालाघाट नगरीय क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने को लेकर हर वक्त प्रशासन सवालो के घेरे में रहता है, खासकर व्यस्ततम मार्ग मेनरोड में अतिक्रमण को न हटाकर शहर की सड़को के किनारे अपनी दुकान लगाकर जीविकोपार्जन कर रहे छोटे दुकानदारों पर ही अतिक्रमण का बुलडोजर चलाया जाता है जिसको लेकर प्रशासन पर हर अतिक्रमण कार्यवाही के दौरान सवाल खड़े होते रहे है. प्रशासन के आदेश पर पूर्व में नपा ने शहर में अतिक्रमण कार्यवाही बड़े ही जोरो से चलाई थी लेकिन समय के साथ वह कार्यवाही सुप्त पड़ गई. एक बार फिर वरिष्ठ आदेश पर फ्लेक्स और अतिक्रमण हटाने की जा रही नपा की कार्यवाही दूसरे दिन सवालों के घेरे में आ गई. जिसके बाद अब नपा अमला प्रशासनिक आदेश के बाद ही आगे कार्यवाही करने की बात कर रहा है.
मिली जानकारी अनुसार बीते गुरूवार की रात, नपा का अमला शहर के अतिक्रमण और फ्लेक्स को हटाने पहुंचा था. इस दौरान स्टेडियम मार्ग में सर्किट हाउस की दिवाल से लगकर रखे गये टीन के ठेलों को नगरपालिका अमले द्वारा गलत तरीके से हटाये जाने का जागरूक लोगों द्वारा विरोध किया गया और जब विरोध बढ़ने लगा तो वहां नपा सीएमओ और पुलिस का अमला भी पहुंचा. जागरूक लोगों का कहना था कि नगरपालिका आखिर दिन की रोशनी में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही क्यों नहीं कर रही है और रात में जब दुकानदार अपनी दुकान का सामान और विक्रित सामग्री को दुकान में बंद कर चले जाते है, तब नगरपालिका अमला उनकी दुकानांे को अव्यवस्थित तरीके से तोड़ रहा है. जो न्यायसंगत नहीं है, गरीब दुकानदारो की अपनी समस्या है, प्रशासन पहले ऐसे लोगों के विस्थापन की व्यवस्था करें. चूंकि सर्किट हाउस की बाउंड्रीवाल से लगी कुछ टिन से बनी दुकानें है, जिसे हटाने रात में नगरपालिका का अमला पहुंचा था. जहां एक दुकान को नपा की जेसीबी से बुरी तरह से तोड़कर हटाये जाने के बाद जागरूक लोगों ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि नपा ऐसी कार्यवाही दुकानदारो को जानकारी देकर भी कर सकती है, ताकि फुटपाथ दुकानदार की दुकानदारी बर्बाद न हो. जहां इस मामले में जागरूक लोगों की सीएमओ के बाद, सीएमओ दिनेश बाघमारे ने कार्यवाही वहीं रोक दी. हालांकि रात में कार्यवाही को लेकर नपा के पास अपना तर्क का है उनका कहना है कि जो राजस्व अमला कार्यवाही में रहता है वह दिन में वसुली का काम कर करता है, इसलिए दिन में कार्यवाही संभव नहीं हो पा रही है.
इनका कहना है
रात में कार्यवाही शांतिपूर्ण हो जाती है, जिसका सामान जब्त किया जाता है, दूसरे दिन वह दुकानदार की वह सामान जप्ती बनाकर उसे दुकान नहीं लगाने की समझाईश दी जाती है. अब आगे कार्यवाही वरिष्ठ अधिकारी से चर्चा करने के बाद ही प्रारंभ होगी. चूंकि कर्मचारी दिन में व्यस्त रहते है, इसलिए कार्यवाही रात में की जा रही है, आगे कार्यवाही को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों से मार्गदर्शन लिया जायेगा.
दिनेश बाघमारे, सीएमओ, नपा, बालाघाट