रक्षाबंधन: बहनों ने भाईयों की कलाई में बांधा रक्षासूत्र तो भाईयों ने रक्षा का दिया वचन

बालाघाट. भाई-बहन के अटूट प्रेम और बंधन का पर्व रक्षाबंधन 3 अगस्त को आस्था, विश्वास और श्रद्वाभाव से मनाया गया. इस वर्ष श्रावण सोमवार औ पूर्णिमा का योग होने से रक्षाबंधन का पर्व विशेष लाभकारी रहा. इस बार रक्षा बंधन पर शताब्दी में पहली बार चतुर्योग में रक्षा बंधन आया. जो सर्वार्थ-सिद्धि योग, आयुष्मान योग के चलते दीर्घायु का वर प्रदान करेगा. इस योग से भाई-बहन की सभी इच्छाएं पूरी होंगी.  

पुराणों में ऐसी कथा प्रचलित है कि एक समय जब इंद्र युद्ध में दानवों से पराजित होने लगे तो उनकी पत्नी इन्द्राणी ने एक रक्षा सूत्र इंद्र की कलाई पर बांधा था, जिससे इंद्र को विजय प्राप्त हुई थी. देवासुर संग्राम में देवी भगवती ने देवताओं के मौली बांधी थी. तभी से रक्षा सूत्र बंधने की यह परंपरा चली आ रही है.  

3 अगस्त को सुबह 9 बजकर 29 मिनट तक भद्रा काल समाप्त होने के बाद पूरे दिन शुभ मुहुर्त में बहनों ने अपने भाईयों के हाथो में रक्षासूत्र बांधा. सुबह से ही रक्षाबंधन को लेकर घरो में बहनों और भाईयों के चेहरे पर रक्षाबंधन की खुशियां दिखाई दी. शुभ मुहुर्त में बहनों ने भाईयों की कलाई में रक्षासूत्र बांधकर उसके दीर्घायु और सुख-समृद्ध होने की कामना की तो भाईयों ने भी बहनों को रक्षा का वचन देकर उसे भेंट दी.  

हालांकि कोरोना कॉल के कारण इस वर्ष रक्षाबंधन का पर्व उन बहनों और भाईयो के लिए निराशाजनक रहा, जो कोरोना के कारण बहनों और भाईयों से मिलने नहीं पहुंच सके. चूंकि इस वर्ष कोरोना कॉल के कारण लॉक डाउन के कारण घर से बाहर रहने वाले बहनें और भाई घर नहीं पहुंच सके. हालांकि इससे पूर्व ही बहनों द्वारा भाईयों के लिए डाक और विभिन्न माध्यम से राखी भेज दी गई थी और रक्षाबंधन पर मोबाईल से विडियो कॉल कर बहनों ने भाईयों को रक्षाबंधन की बधाई देकर उन्हें राखी बांध लेने का निवेदन किया. जिससे आंखो मंे नहीं मिलने का दुःख भी देखा गया.

जेल में भाईयों को राखी नहीं बांध सकी बहने

कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव के चलते पूरे प्रदेश में 31 अगस्त तक जेलो में बंदी कैदियो से मिलने पर रोक है. जिसके चलते इस वर्ष जेलो में बंद भाईयों को उनकी बहने राखाी नहीं बांध सकी. जेलो में बंद भाईयों की कलाई में नहीं बांध सकी, बहनों का दर्द उनकी आंखो में दिखाई दिया. हालांकि जेल प्रबंधन ने कहा कि जिन बहनों की राखियां आई है, उन्हें जेल में बंदी भाईयों तक पहुंचा दिया जायेगा, लेकिन वर्ष में यह एक दिन ऐसा होता था, जब जेल में बंद कैदी भाईयों से मिलने उनकी बहनें राखी बांधने पहुंचती थी.


Web Title : RAKSHABANDHAN: SISTERS TIED RAKSHASUTRA IN THE WRIST OF BROTHERS AND BROTHERS PROMISED TO PROTECT