बालाघाट. जिले में घटिया चांवल घोटाला सप्लाई किये जाने की जद में आये राईस मिलर्स हो रही कार्यवाही को लेकर नाराज है और उनका कहना है कि कोरोना कॉल में विपरित स्थिति के बावजूद गरीबों तक चांवल पहुंचाने मिलिंग करने वाले मिलर्स पर की जा रही कार्यवाही मिलिंग अनुबंध नियमों के विपरित है, जिस पर प्रषासन उनका सहयोग करें. उन्होंने प्रषासनिक जांच में सहयोग का भरोसा भी दिलाया.
4 सितंबर को घटिया चांवल सप्लाई की जद में आये मिलर्स के अलावा अन्य मिलर्स साथी भी मौजूद थे. जिन्होंने बालाघाट राईस मिल एषोसिएषन की ओर से एक ज्ञापन जिला प्रषासन को सौंपा. जिसमें उन्होंने अपनी समस्या बताते हुए वर्तमान में घटिया चांवल सप्लाई के नाम से मिल को सील किये जाने, विद्युत कनेक्षन विच्छेद किये जाने की कार्यवाही को स्थगित किये जाने की मांग की. मिलर्स ने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि जिले के मिलर्स द्वारा अप्रैल माह में कोरोना कॉल में भी जिला प्रषासन के आदेषानुसार एवं सरकार की मंषा अनुरूप कस्टम मिलिंग का कार्य प्रारंभ किया. जो मिलिंग के लिए हमारे लिए धान प्रदाय किया गया उसकी गुणवत्ता खराब होने के कारण मिलिंग नियमों के तहत एक क्विंटल में 67 किलो चांवल संभव नहीं होने के बावजूद मिलर्स ने नियमों के तहत मिलिंग कर सहयोग किया गया. चूंकि वर्तमान में सभी मिलर्स को कस्टम मिलिंग के चांवल के लाट देना बाकी है, ऐसी परिस्थिति में सभी मिलर्स भयभीत है कि किस तरह यह बकाया चांवल के लॉट जमा करें. जिसे देखते हुए प्रषासन मिलर्स का सहयोग करें.
मिलर्स का पक्ष रखते हुए युवा नेता जितेन्द्र मोनु भगत ने कहा कि साल 2019-20 में जो धान मिलर्स का मिलिंग के लिए दिया गया था. वह धान काफी खराब थी और बारिष में पूरी तरह से भीगी थी. जिस धान को प्रषासन द्वारा नई बोरियो में भरकर मिलिंग करने दिया गया. जिसमें कुछ अच्छा तो कुछ चांवल खराब निकला होगा. लेकिन उसे खाने योग्य नहीं होना बताया जाना पूर्णतः गलत है. उन्होंने केन्द्रीय टीम द्वारा की गई सैंपलिंग पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि टीम द्वारा जो सैंपल लिये गये वह मिलर्स की अनुपस्थिति में लिये गये और उसकी जांच कहां की गई, हमंे नहीं पता. जिसके बाद उस चांवल को खाने लायक नहीं बताया जाना, समझ से परे है, उन्होंने कहा कि वह चांवल हम खाते है और यदि फिर कोई मर गया तो हम पर कार्यवाही की जायें. उन्होंने कहा कि किसी भी त्रुटि में मिलिंग अनुबंध के तहत मिलर्स पर एफआईआर का कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए मिलर्स पर एफआईआर के आदेष को तत्काल रोक लगाई जायें.