शॉर्टकट से नेता बनने वाले षडयंत्र रचकर कर रहे विधायक जायसवाल को बदनाम, सर्वसमाज ने की गंदी राजनीति की निंदा, शहर की खराब हो रही छवि को बचाने एकमंच पर आया सर्वसमाज

बालाघाट. 29 नवंबर की रात्रि जो कुछ हुआ वह ठीक नहीं था. बिना साक्ष्य के साथ केवल और केवल निगम अध्यक्ष और विधायक प्रदीप जायसवाल को बदनाम करने और शहर की छवि को खराब करने की मंशा से जो घटिया और बेबुनियाद आरोप लगाकर व्हाट्सअप यूनिवर्सिटी के माध्यम से भ्रामक प्रचार किया जा रहा है, उससे शहर के सर्वसमाज आहत है और ऐसी गंदी राजनीति की निंदा करता है.  

गौरतलब हो कि 29 नवंबर को कथित रूप से निगम अध्यक्ष और सैनिक युगल ठाकरे के बीच मारपीट और एक बाहुल्य समाज को अपमानित करने को लेकर पूरे जिले मंे राजनीतिक और सामाजिक माहौल गर्म है. दोनो ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है और हर कोई पुलिस से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहा है लेकिन इस विवाद में जिस तरह वारासिवनी शहर और समाज को लेकर एक डर सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले, व्यापारियों, दुकानदारों को सताने लगे है कि क्या पता, अपने अधिनस्थ काम करने वाले किसी कर्मचारी को यदि उसकी गलती पर डांट दिया जायें या कुछ कह दिया जायें तो वह इसे सामाजिक मुद्दा तो नहीं बना लेगा. यह तो निगम अध्यक्ष और विधायक जायसवाल का मामला है, जिसमें अभी मामला जांच में है अन्यथा किसी अन्य के खिलाफ सामाजिक दबाव में अब तक मामला दर्ज हो गया था. यह एक डर भी शहरवासियों को सता रहा है. शहर के नाम और किसी समाज के नेता नहीं होकर क्षेत्र के सर्वसमाज का लंबे समय से प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक जायसवाल के विवाद से हटकर किये जा रहे चरित्र हनन को लेकर क्षुब्ध सर्वसमाज के लोगों ने एकमंच पर आकर मीडिया के समक्ष अपनी बात रखते हुए जिले के संस्कारधानी में शॉर्टकट से नेता बनने षडयंत्र रचकर विधायक प्रदीप जायसवाल की छवि को बदनाम करने की जा रही गंदी राजनीति की निंदा की और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा गया.

इस दौरान राजपूत समाज, सर्व ब्राह्मण समाज, पंजाबी समाज, सिंधी समाज, दिगंबर जैन समाज, अग्रवाल समाज, मुस्लिम समाज, कलार समाज, लोधी समाज, मरार समाज से अशोक मरार, बौद्ध समाज सहित अन्य समाज के प्रतिनिधि उपस्थित थे.  

मीडिया से चर्चा करते हुए वारासिवनी जनपद पंचायत अध्यक्ष चिंतामन नगपुरे ने कहा कि व्यक्तिगत और राजनीतिक तौर से 25 सालों से वह विधायक प्रदीप जायसवाल से जुड़े है, हर जगह उनके साथ वे जाते है, लेकिन आज तक उन पर ऐसा कलंक और दाग नहीं लगा था. जो आज पंवार समाज के नाम पर गंदी राजनीति करने वाले लगा रहे है. व्यक्तिगत तौर से बदनाम करने का काम किया जा रहा है, यह जान ले कि उससे उन्हें कुछ हासिल नहीं होने वाला है. जब उस दिन उस घटना के दौरान विधायक जायसवाल उन्हें पहचानते नहीं है तो कैसे उन्हें जातिगत रूप से अपमानित करते. यह जिले की फिजा खराब करने की साजिश है और हम इसकी निंदा करते है.

वरिष्ठ नागरिक आनंद ताम्रकर ने कहा कि जब से व्हाट्सअप यूनिवर्सिटी का दौर आया है, तब से अनर्गल और बेबुनियाद बातों को परोसा जा रहा है, यह भी नहीं देखा जा रहा है कि इसका क्या असर होगा और यह वे लोग कर रहे है, जिन्हें ज्ञान नहीं है, जो बहुत चिंतनीय है, हमने वारासिवनी की राजनीति में वह भी दौर देखा है, जब राजनीति का एक स्तर हुआ करता था. जो कभी नहीं गिरा, जबकि राजनीतिक प्रतिद्वंदिता आज से कहीं ज्यादा थी. नगर का भाईचारा पूरे जिले में पहचाना जाता है, लेकिन आज नगर की अलग तासीर नजर आ रही है, यह नई और गंदी राजनीति की शुरूआत है, ऐसी स्थिति में कोई भी समाजसेवा और राजनीति के क्षेत्र में आगे नहीं आयेगा और शहर का वातावरण खराब हो जायेगा.  

राजपूत समाज जिलाध्यक्ष संजयसिंह कछवाहा ने कहा कि 29 को घटनाक्रम के कोई साक्ष्य नहीं है, उसके बाद षडयंत्रपूर्वक योजनाबद्व तरीके से विधायक जायसवाल को बदनाम करने और शहर की छवि को खराब करने का प्रयास किया गया. जिसमें वह नेता दिखाई दे रहे है, जो शार्टकट से नेता बनना चाहते है. घटना के 24 घंटे बाद शिकायत ही पूरे मामले को संदेहास्पद बनाती है. जो शहर अपनी संस्कारों से संस्कारधानी के रूप में पहचाना जाता तो उसकी छवि को खराब करने और समाज के नाम पर राजनीति करने का काम करने वालो को शहर की जनता कभी माफ नहीं करेगी. यह समाज में विघटन पैदा करेगा और इससे फंसाने की राजनीति शुरू हो जायेगी. इसलिए आज सर्व समाज शहर की खराब होती फिजा और निगम अध्यक्ष एवं विधायक जायसवाल के खिलाफ की जा रही गंदी राजनीति की पुनर्रावृत्ति न हो, इसके लिए आज एकजुट होकर इसकी निंदा करने यहां पहुंचे है.

सर्व ब्राम्हण समाज अध्यक्ष शैलेन्द्र तिवारी ने कहा कि वारासिवनी शहर संस्कारधानी के रूप में पहचाना जाता है, जहां सदियो से भाईचारा देखा गया है. राजनीति में मतभेद और मनभेद हो सकते है, लेकिन हर किसी के सुख-दुःख में सभी बराबर के सहभागी रहे है. आज से नहीं वर्षो से जायसवाल परिवार अपने संस्कार के साथ सामाजिक दायित्वों को निभा रहा है. शहर में हर कोई आपस में रिश्ते के रूप में एकदूसरे से मिलते है, लेकिन हालिया घटना में शहर की फिजां को खराब करने का जो काम षडयंत्र के साथ किया गया है. कुछ विघ्नसंतोषी विधायक जायसवाल का चरित्र हनन कर रहे है. व्यक्तिगत द्वेष में अपमानित करने का काम कर रहे है वह बहुत ही निंदनीय है और हर समाज को आगे आकर शहर के संस्कार को बचाने की जरूरत है.  

सिंधी समाज के जिलाध्यक्ष लख्मीराम चंदानी ने कहा कि विधायक जायसवाल सेवा के भाव से क्षेत्र के विकास में जुटे है, जिसका हमें स्वागत करना चाहिये, लेकिन समाज के नाम पर वे लोग जो चुनाव जीतने की मंशा से घृणित राजनीति कर विधायक जायसवाल पर आरोप लगा रहे है, वह निंदनीय है, जातिगत रूप से भ्रमित कर विधायक जायवाल को बदानम करने की साजिश की जा रही है, जिसे समाज को भी समझना चाहिये.

वरिष्ठ नागरिक विनय सुराना ने कहा कि कोई एक अनजान व्यक्ति हमारे पास आता है और उससे बहस होती है, और हम उसे जानते नहीं है तो उसे कैसे जातिगत रूप से अपमानित कर सकते है. वारासिवनी बेहद शालीन और सभ्य लोगों की बस्ती है, वह जानती है कि बीज लगाने के बाद पौधा होगा तभी फल मिलेंगे. लेकिन कुछ लोगों ने फिजा बिगड़ने का प्रयास किया है, हम उसकी निंदा करते है. राजनीति में जिले में जो भी है वह जानता है कि पंवार समाज महत्वपूर्ण, वजनदार और अच्छा समाज है, वह जानता है कि पंवार समाज को कुछ बोलुगा तो वह घाटे का सौदा है, जबकि विधायक जायसवाल अच्छे से जानते है कि पंवार समाज एक महत्वपूर्ण समाज है तो वे गाली-गल्लौज करेंगे ही नहीं फिर उन पर जातिगत रूप से अपमानित करने का सवाल ही खड़ा नहीं होता है लेकिन कुछ लोग जो समाज के माध्यम से अपनी राजनीति को आगे बढ़ाने में लगे है, उन्हें विधायक जायसवाल को बढ़ता कद हजम नहीं हो रहा है और वह षडयंत्र कर उनकी छवि को धूमिल करना चाह रहे है लेकिन क्षेत्र का हर समाज यह अच्छे से जान गया है.

बौद्ध समाज जिलाध्यक्ष प्रवीण डोंगरे ने कहा कि 29 नवंबर की घटना जंगल में मोर नाचा किसने देखा की कहावत की तरह नजर आ रही है, चूंकि जिस तरह से कथित रूप से विधायक जायसवाल द्वारा मारपीट और जातिगत रूप से अपमानित करने का आरोप लगाया है, उसके कोई साक्ष्य नहीं है. जिसे देखकर समाज के लोगों को सोचना था कि ऐसा हुआ भी है कि नहीं. जैसे की मंत्री बिसाहुलाल सिंह ने राजपूत समाज को लेकर बयान दिया था, वह रिकॉर्ड था. जिसका राजपूत समाज ने विरोध दर्ज किया. राजनीति क्षेत्र में रहने वाले सभी इस बात को सोचे की सबके घर शीशे के होते है, यदि पत्थर पड़ेगा तो दरार तो आयेगी ही, लेकिन इसके सहारे जो राजनीति क्षेत्र में माहौल को खराब करने और गंदी राजनीति करने का प्रयास किया जा रहा है, वह निंदनीय है.


Web Title : SARVA SAMAJ CONDEMNS DIRTY POLITICS, SARVA SAMAJ COMES ON ONE PLATFORM TO SAVE CITYS DETERIORATING IMAGE