पिछड़े वर्ग की सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक स्थिति का होगा सर्वे, पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग अध्यक्ष बिसेन ने अधिकारियों की बैठक लेकर दिये सर्वे के निर्देश

बालाघाट. मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन की अध्यक्षता में 28 दिसंबर को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में अधिकारियों की बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में आयोग के सदस्य विधायक प्रदीप पटेल भी उपस्थित थे. बैठक कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा, अपर कलेक्टर शिवगोविंद मरकाम, सहायक संचालक पिछड़ा वर्ग कल्याण श्रीमती अंजना जैतवार एवं अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे.

आयोग के अध्यक्ष बिसेन ने बैठक में कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग को लेकर पूरे देश में इन दिनों चर्चा है. प्रदेश में पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण क्यों मिले इसका आधार प्रस्तुत करना है. इसके लिए अन्य पिछड़ा वर्ग की सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक स्थिति का सर्वे कर डाटा एकत्र करना है. यह कार्य अधिकारियों को शीघ्र पूर्ण कर डाटा उपलब्ध कराना है. बजट के अभाव में पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति नहीं मिल पायी है, यह आयोग के संज्ञान में है और इसके निदान के लिए शीघ्र ही कदम उठाये जायेंगें.

बैठक में बताया गया कि अन्य पिछड़े वर्ग की सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक स्थिति का डाटा एकत्र करने के लिए हर विभाग के कार्यालय में नियमित, संविदा, आऊटसोर्स कर्मचारियों की संख्या पता करना है. शैक्षणिक संस्थाओं में अन्य पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं को मिल रहे लाभ एवं ड्राप आउट का कारण, युवाओं के लिए रोजगार के अवसर एवं कंपनियों में चयन होने के बाद युवा छोड़कर क्यों आ रहे हैं इसकी जानकारी सर्वे में एकत्र करना है. आर्थिक सर्वेक्षण के लिए आयकर देने वाले पिछड़ा वर्ग के लोगों की संख्या पता करना है. इसके साथ ही जिले में निवास करने वाली अन्य पिछड़ा वर्ग की सभी जातियों की संख्या एवं उनके सामाजिक संगठनों की सूची तैयार करना है.

आयोग के सदस्य विधायक पटेल ने बैठक में अधिकारियों से कहा कि जिले में कौशल उन्नयन के कार्यक्रम को बढ़ायें. इससे अधिक से अधिक पिछड़ा वर्ग के लोगों को रोजगार मिलेगा. उन्होंने जिले के प्रत्येक विकासखंड में ऐसे दो बड़े ग्रामों का चयन करने कहा जहां पर अधिकतम जातियों के लोग रहते हैं और वहां पर शिविर लगाकर सुनवाई करने कहा.

बैठक में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए संचालित योजनाओं की जानकारी में बताया गया कि शैक्षणिक वर्ष 2020-21 में जिले में पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति के लिए 25 हजार 541 आवेदन पंजीकृत है. इनमें से 17 हजार 649 में छात्रवृत्ति स्वीकृत है और 11 हजार 310 प्रकरणों में 07 करोड़ 42 लाख 86 हजार 916 रुपये की छात्रवृत्ति वितरित कर दी गई है. सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत 57 आवेदनों में से 54 में 08 लाख 10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि का भुगतान कर दिया गया है और 03 प्रकरणों में 45 हजार रुपये का भुगतान शेष है. विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति के अंतर्गत वर्ष 2020-21 में वारासिवनी तहसील के ग्राम मंगेझरी के शुभम कटरे को लिसेस्टर विश्वविद्यालय लंदन में अध्ययन के लिए 20 लाख 82 हजार रुपये का भुगतान कर दिया गया है. पिछड़ा वर्ग प्राविण्य छात्रवृत्ति के अंतर्गत 05 प्रकरणों में 35 हजार रुपये का भुगतान कर दिया गया है. जिले में कक्षा 01 से 08 तक के ओबीसी छात्र-छात्राओं की संख्या 98 हजार 890 है और उन्हें निःशुल्क गणवेश, पाठ्य पुस्तक, साकल, मध्यान्ह भोजन का लाभ मिल रहा है. जिले में पंजीकृत बेरोजगारों में ओबीसी के 25 हजार 954 पुरूष एवं 25 हजार 840 महिला शामिल है.

बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज पांडेय, लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री राजीव श्रीवास्तव, उप संचालक कृषि राजेश खोब्रागढ़े, जिला आपूर्ति अधिकारी श्रीमती ज्योति बघेल, जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक अशोक मेश्राम, जिला शिक्षा अधिकारी अश्विनी उपाध्याय, सहायक संचालक उद्यान सी. बी. देशमुख, जिला आयुष अधिकारी डॉ. शिवराम साकेत, मुख्य नगर पालिका अधिकारी सतीश मटसेनिया, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के प्रभारी महाप्रबंधक राजीव सोनी, उपायुक्त सहकारिता श्रीमती हंसा टेंभरे एवं अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे.  


Web Title : SURVEY ON SOCIAL, EDUCATIONAL AND ECONOMIC STATUS OF BACKWARD CLASSES TO BE CONDUCTED, BACKWARD CLASSES WELFARE COMMISSION CHAIRMAN BISSEN MEETS OFFICIALS AND DIRECTS SURVEY