पाक को ऐसा सबक सिखाए की दुनिया के नक्शे से मिट जाए, भारत-पाक सीजफायर पर बोले पूर्व सैनिक, धोखेबाज है पाकिस्तान, सीजफायर का फैसला जल्दी

बालाघाट. जिले में सेना से सेवानिवृत्त हुए पूर्व सैनिकोे में पाकिस्तान को लेकर खासा आक्रोश है, जिन्होंने, पाक से 1965, 1971 और 1999 के कारगिल युद्ध में, मोर्चो पर रहकर, युद्ध में सहभागिता की थी.  दरअसल, बालाघाट में तकरीबन 300 रिटायर्ड सैनिक है, जिसमें अक्षयलाल सिंह, चैतराम बंसोड़ और सुनील पालेवार जैसे, सैनिक है, जिन्होंने, पाक से हुए युद्ध में ना केवल लड़ा है बल्कि उस विजयगाथा के साक्षी भी रहे है.

वर्तमान में इन पूर्व सैनिको का एक पूर्व सैनिक कल्याण संघ है, जिसके माध्यम से, जिले के सैनिक, आपस में जुड़े है. पूर्व सैनिक में अक्षयलालसिंह, वह सैनिक है, जो 1965 और 1971 में पाक से हुए युद्ध में सेना का हिस्सा रहे है. आर्मी सर्विस कोर में बतौर, हवलदार वह जम्मु कश्मीर बैजपुर सेक्टर में वाहन चालक के पद पर कार्यरत थे. वह बताते है कि युद्ध के दौरान हथियार से लेकर ईधन, भोजन और सैनिकों को ले जाने का काम था. 1965 के युद्ध में हम, लाहौर तक पहंुच गए थे लेकिन फिर समझौता हो गया. 1971 में भी युद्ध के हालातो के बाद फिर ऐसी ही स्थिति बनी और आज फिर, हम, समझौते पर राजी हो गए. वह बताते है कि पाकिस्तान, अपनी नापाक हरकतो से सुधरने वाला नहीं है. आज उससे एक-एक हाथ हो जाता तो वह दुनिया के नक्शे से ही पाकिस्तान गायब हो जाता. आज कम से कम, हम, पाक अधिकृत कश्मीर पर अपना कब्जा जमा सकते थे.  

1971 के युद्ध में महार रेजिमेंट की 9 वीं बटालियन में रहे चैतराम बंसोड़ बताते है कि सियालकोट के शंकरगढ़ में उनकी पदस्थापना थी. 18 साल में सेना में भर्ती होने के बाद 19 वें वर्ष में जम्म कश्मीर में हो गई. युवा जोश के चलते, उनमें युद्ध के दौरान एक अलग ही जोश था. उस युद्ध में भी भारतीय सेना ने पाक को करारा जवाब दिया था और आज भी हम, पाक को करारा जवाब दे सकते है, लेकिन जितनी जल्दी सीजफायर किया गया है, उससे निराशा हुई हैं. अभी जवानो में जोश है, लेकिन हुक्मरान, सैनिकों को जोश के साथ लड़ने नहीं देते है. पाकिस्तान, धोखेबाज है.  कारगिल युद्ध में सेना में रहे सुनील पालेवार, सेना के तोपखाना में पदस्थ थे. वह कारगिल युद्ध का वाक्या बयान करते हुए जोश में आकर कहते है कि यदि आज भी भारत सरकार हमें, जंग में लड़ने के लिए बुलाती है तो, जिले का हर सैनिक, सीमाओं पर जाकर पाक से सीधे युद्ध करने तैयार है.

भारतीय सेना से सेवानिवृत्त सैनिकों के साथ पूर्व सैनिक कल्याण संघ के माध्यम से सैनिकों को एकजुट करने वाले पूर्व सैनिक संजीव धुवारे बताते है कि जिले का हर सैनिक, भारतीय सेना के पराक्रम और शौर्य को नमन करता है और उसे विश्वास है कि वह पाक के नापाक हरकतों पर करारा जवाब दे सकता है. वह भी कहते है कि सीजफायर ना होकर सीधे युद्ध कर पाक को नेस्तानबूद करना था. पूर्व सैनिक कल्याण संघ विगत लंबे समय से बालाघाट में प्रशासनिक और जनप्रतिनिधियों से संघ के लिए एक भवन की मांग कर रहा है लेकिन देश की सीमाओं में रहकर लड़ने वाले पूर्व सैनिकों को संघ के लिए भवन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है.  दरअसल, पहलगाम में आतंकियों ने निर्दोष पर्यटकों की धर्म पूछकर हत्या की. जिसका जवाब भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर से दिया लेकिन तीन दिन बाद ही सीजफायर का ऐलान हो गया. जिसे पूर्व सैनिक सही नही मानते है.


Web Title : TEACH PAKISTAN SUCH A LESSON THAT IT SHOULD BE ERASED FROM THE MAP OF THE WORLD, EX SOLDIERS SAID ON INDO PAK CEASEFIRE, PAKISTAN IS DECEITFUL, CEASEFIRE DECISION SOON