अहंकारी रावण सहित कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतलों का दहन, असत्य पर सत्य की जीत के पर्व दशहरा पर उमड़ा जनसैलाब, प्रतिमाओ के विसर्जन का सिलसिला जारी

बालाघाट. बालाघाट नगर में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी दशहरा चल समारोह का आयोजन बड़े स्वरूप में आयोजित किया गया था. प्रशासन के साथ मिलकर आयोजन समितियों ने दशहरा चल समारोह को पारंपरिक रूप से निकाला. अपरान्ह नगर के नये श्रीराम मंदिर से भगवान श्रीराम शोभायात्रा निकाली गई. जिसके साथ चल झांकियों ने मन मोह लिया.  

श्रीराम शोभायात्रा के सबसे आगे महावीर स्वरूप में अमन महाराज, महावीर के स्वरूप को धारण किये अपनी टोली के साथ आगे चल रहे थे. टोली में शामिल युवा महावीर स्वरूप के साथ जय महावीर के जयकारे लगाते चल थे. शाम लगभग 6. 30 बजे रावण दहन स्थल उत्कृष्ट विद्यालय मैदान में अहंकारी रावण सहित कुंभकर्ण और मेघनाथ का पुतला भी दहन किया गया.

इस वर्ष पहली बार दशहरा चल समारोह का आयोजन प्रशासन के मार्गदर्शन में किया गया. जिसमें बड़ी संख्या में लोगांे के बावजूद दशहरा चल समारोह सुरक्षात्मक और शांतिपूर्ण रहा. नगर में जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के सहयोग से दशहरा चल समारोह के आयोजन को देखते हुए वाहनांे के आवागमन से लेकर उसकी पार्किंग सहित अन्य व्यवस्थायें होने से दशहरा चल समारोह का आयोजन शांतिपूर्ण रहा.  

दशहरा मैदान में बनाये गये रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतलो को देरी से जलने पर रावण दहन देखने पहुंचे, लोगों को निराशा हुई, हालांकि दहन से पूर्व आतिशबाजी के प्रदर्शन से लेकर रावण दहन तक के आयोजन को वहां मौजूद हजारों की संख्या में लोगांे ने अपने मोबाईल कैमरे में कैद किया. इस बार पहली बार समिति के बाहर से बालकों को राम और लक्ष्मण बनाया गया था. अब तक समिति सदस्यों के बच्चे ही श्रीराम और लक्ष्मण बनते थे, लेकिन पहली बार समिति से बाहर के परिवार के बच्चों को इसमें सहभागी होने का अवसर मिला.

प्रतिमाओं के विसर्जन का सिलसिला जारी

नवरात्र की नवमी के समापन के बाद विजयादशमी से नगर के सार्वजनिक स्थानो में विराजित प्रतिमाआंे के विसर्जन का सिलसिला भी प्रारंभ हो गया है. विजयादशमी पर नगर के कुछ स्थानों से दुर्गा प्रतिमाओं को विसर्जित करने धूमधाम से ले जाया गया. वहीं यह सिलसिला बुधवार को भी जारी रहा और अधिकांश स्थानो में विराजित मां दुर्गा की प्रतिमा को मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद मांगने के साथ पुण्य सलीला में विसर्जित कर दिया गया. प्रतिमा विसर्जन का सिलसिला आज भी जारी रहेगा और देरशाम तक जिले के सभी स्थानों की प्रतिमाओं को विसर्जन का सिलसिला खत्म हो जायेगा.


Web Title : THE BURNING OF EFFIGIES OF KUMBHAKARNA AND MEGHNATH, INCLUDING THE ARROGANT RAVANA, CONTINUED THE PROCESS OF IMMERSION OF THE IDOLS ON DUSSEHRA, THE FESTIVAL OF VICTORY OF TRUTH OVER THE UNTRUTH.