दड़कसा पंचायत के तत्कालीन सरपंच और सचिव को कारावास, काम के बदले अनाज योजना में योजना की अफरातफरी में न्यायालय ने माना दोषी

बालाघाट. बिरसा जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्राम पंचायत दड़कसा में वर्ष 2007 में काम के बदले अनाज योजना के अनाज की अफरातफरी करने के मामले में दोषी ग्राम पंचायत दड़कसा पंचायत के तत्कालीन सरपंच छुईटोला निवासी सागनबाई पति सनवतसिंह ताराम और सचिव स्वरूपसिंह पिता जियालाल उइके को तीन-तीन वर्ष के कारावास और 3,3 हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित करने का आदेश बालाघाट न्यायालय के प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश रामजीलाल ताम्रकर की अदालत ने दिया है. मामले में अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक अभिजीत बापट ने पैरवी की थी.

गौरतलब हो कि शासन की काम के बदले अनाज योजना के तहत ग्राम पंचायत दड़कसा में लगभग 5-5 लाख रूपये की लागत से बनने वाले तालाब और स्टॉपडेम निर्माण में मजदूरों को काम के बदले अनाज देना था लेकिन सरपंच और सचिव ने डाबरी निवासी चुन्नीलाल उइके को लगभग 70 क्विंटल गेंहू दे दिया था. जिसकी पंचायत प्रभारी और समाज शिक्षा संगठक के प्रभारी बी. आर. सार्वे ने जांच करते हुए मामले में अपराधिक मामला पाये जाने पर मामला दर्ज करने पुलिस को सौंप दिया था. जिसमें पुलिस ने मामले में विवेचना उपरांत मामला अपराधिक पाते हुए सरपंच, सचिव के साथ ही सह अभियुक्त के रूप में डाबरी निवासी चुन्नीलाल पिता तुलाराम उईके और ट्रेक्टर चालक राजेश पिता मोतीराम बोरकर एवं तिलकसिंह पिता फूलसिंह उइके के खिलाफ धोखाधड़ी और षडयंत्र का मामला बनाया था.

इस पूरे मामले में सरपंच और सचिव द्वारा काम के बदले अनाज योजना के तहत मिले लगभग 180 क्विंटल गेहूं, तालाब और स्टॉपडेम निर्माण में लगे मजदूरों को योजना के तहत दिया जाना था. जिस गेहूं की लगभग 114 बोरी, 59 क्विंटल 10 किलो गेहूं का कोई रिकॉर्ड योजना के काम में दर्शाया नहीं गया था. जिससे साफ था कि सरपंच, सचिव ने लोक सेवक रहते हुए व्यक्तिगत लाभ कमाने पद का दुरूपयोग किया है और इसे बेचने का काम किया है, जो बेईमानी है, जिसके बाद बालाघाट न्यायालय के माननीय न्यायाधीश ने ग्राम पंचायत के दड़कसा के तत्कालीन सरपंच और सचिव को दंडित करने का फैसला दिया है.


Web Title : THE COURT CONVICTED THE THEN SARPANCH AND SECRETARY OF THE DASASA PANCHAYAT IN THE CHAOS OF THE SCHEME IN THE JAIL, FOR WORK GRAIN SCHEME.