खूंखार टाईगर पिंजरे में कैद, वनविभाग ने रेस्क्यु कर टाईगर को जंगल में छोड़ा

बालाघाट. कान्हा नेशनल पार्क के टाईगर रिजर्व क्षेत्र अंतर्गत गढ़ी के धीरी में गत दिनों, टाईगर ने एक ग्रामीण पर हमला कर दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी. टाईगर के हमले से ग्रामीण की मौत के बाद और किसी ग्रामीणो पर टाईगर हमला ना करें और ना ही ग्रामीणों से उसे किसी प्रकार से नुकसान पहंुचे. जिसको लेकर वनविभाग की टीम ने आदमखोर बन चुके टाईगर का सुरक्षित रेस्क्यु कर उसे कान्हा के जंगल में छोड़ दिया है.   इससे पूर्व वनविभाग की टीम ने  गढ़ी क्षेत्र के धीरी के जंगल में टाईगर को कैद करने एक पिंजरा लगाया था. जिसमें टाइगर को कैद करने के बाद उसे ट्रेंकोलाईज किया गया. जिसके बाद सुरक्षित तरीके से टीम ने टाईगर को कान्हा के जंगल में छोड़ दिया.

गौरतलब हो कि विगत 22 सितंबर को कान्हा टाइगर रिजर्व के गढ़ी क्षेत्र के धीरी निवासी ग्रामीण छबिलाल यादव पर टाईगर ने हमला कर दिया था. जंगल में टाइगर ने जब से छबिलाल को उस समय अपना शिकार बनाया था जब वह मवेशी चराने जंगल के निकट गया था. जिसके बाद इस आदमखोर टाइगर से क्षेत्र में दहशत का माहौल था. तब से वन विभाग की टीम ने टाईगर को कैद करने के लिए पिंजरा लगाया था. यही नहीं बल्कि कान्हा की टीम ने सीसीटीवी कैमरे और मूवमेंट को लेकर 4 हाथियों के माध्यम से निगरानी की जा रही थी. आखिरकार जब टाइगर के पिंजरे में कैद होने के बाद वनविभाग की टीम ने कान्हा के विशेषज्ञ की टीम की मदद से ट्रेंकोलाईज किया और कड़ी सुरक्षा के बीच जंगल में छोड़ दिया. इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे.  

ग्रामीण पर हमला के बाद मवेशियों का शिकार करने लगा था टाईगर

गढ़ी वनक्षेत्र अंतर्गत ग्रामीण पर हमला करने के बाद खूंखार टाईगर, और भी आदमखोर बन गया था, वह लगातार मवेशियों को अपना शिकार बना रहा था. वनअमले से मिली जानकारी अनुसार, टाईगर ने ग्रामीण पर हमले के बाद कई मवेशियों को अपना निशाना बनाया. जिससे ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ने लगा था, यदि वनविभाग गंभीरता दिखाकर खूंखार टाइगर को नहीं पकड़ता तो टाइगर और ग्रामीणो के बीच खूनी संघर्ष होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.


Web Title : THE DREADED TIGER WAS TRAPPED IN A CAGE, THE FOREST DEPARTMENT RESCUED AND RELEASED THE TIGER IN THE FOREST.