केन्द्रीय डिपो बालाघाट से जरूरतमंदो को नहीं मिल पा रही जलाऊ लकड़ी, हो रहे परेशान, चट्ठा जमाने वाले मजदूर कम राशि में काम करने तैयार नहीं

बालाघाट. वनविभाग के नगर में स्थित केन्द्रीय डिपो से जरूरतमंदो को निजी टाल की दर से कम दाम में, जलाऊ लकड़ी प्राप्त हो जाती है. यही कारण है कि रोजाना 15 से 20 लोग लोग, डिपो से लकड़ी खरीदते है लेकिन विगत दिनों से, लोगों को, डिपो से लकड़ियां नहीं मिल पा रही है. जिससे ना केवल लोग परेशान हो रहे है बल्कि विभाग को भी, लकड़ी विक्रय होने से होने वाली हजारों रूपए की आय का नुकसान हो रहा है. ऐसा भी नहीं है कि यहां लकड़ी नहीं है, जंगल से जलाऊ लकड़ी लाने वाले ठेकेदारों ने डिपो कर्मियों के बताए अनुसार दो दिनों से लकड़ी को डिपो में फिकवा दिया है लेकिन जलाऊ लकड़ी के चट्ठे नहीं बन पाने से विभाग, लकड़ी होने के बावजूद बेच नहीं पा रहा है.  

सोमवार को बुढ़ी निवासी रोहित मुरताम ने शनिवार से आने के बावजूद जलाऊ लकड़ी नहीं मिलने पर नाराजगी जाहिर की. यहां उन्होंने मीडिया से चर्चा में बताया कि आगामी दिनों में घर में फंक्शन है, ऐसे में वह शनिवार को भी लकड़ी लेने आया था और आज भी पहुंचा है लेकिन डिपो से उन्हें लकड़ी नहीं दी जा रही है.  मीडिया ने जब इसका कारण, डिपो सहायक कमला उईके से पूछा तो उन्होंने चर्चा में बताया कि ठेकेदार ने डिपो में लकड़ी तो ला दी है लेकिन उसके चट्ठा नहीं बनने से उसे बेचे नहीं पा रहे है. यहां ठेकेदार और शासकीय वाहनों से आने वाले जलाऊ चट्ठे को जमाने वाले मजदूर राधेश्याम रनगिरे से हमने बात की तो उन्होंने बताया कि पहले प्रति चट्ठा, जमाने के 35 रूपए दिए जाते थे लेकिन अब ठेकेदार 30 रूपए बोल रहा है, हम चाहते है कि समय के अनुसार बढ़ते क्रम में प्रति चट्ठा जानकारी दी जाए.

हालांकि डिपो के विभागीय जिम्मेदार खुलकर तो कुछ नहीं बोल रहे है लेकिन, भी बताते है कि ठेकेदार की हठधर्मिता के कारण, लकड़ी होने के बावजूद चट्ठे नहीं जमने से डिपो से जलाऊ लकड़ी का विक्रय नहीं हो पा रहा है.  डिपो से मिली जानकारी अनुसार प्रतिदिन लगभग 15 से 20 लोग, जलाऊ चट्ठे, खरीदकर ले जाते है, वर्तमान में डिपो से प्रति चट्ठे की दर 1232 रूपए है, ऐसे में डिपो से जलाऊ चट्ठे का विक्रय नहीं होने से रोजाना ही विभाग को 20 से 25 हजार रूपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है. जिसे देखकर भी जिम्मेदारों, मौन साधे है.

मीडिया कैमरे में बयान ना देकर, चर्चा में डिपो प्रभारी उपवन क्षेत्रपाल मनीष कुमार सिन्हा ने बताया कि ठेकेदार और जलाऊ चट्ठे जमाने वाले मजदूरो के बीच रेट का पेंच फंसा है, जिसके सुलझते ही डिपो से चट्ठो का विक्रय प्रारंभ कर दिया जाएगा. हालांकि यह रेट का फिक्ससेशन कब तक होगा, यह अभी तय नहीं है.  फिलहाल यह पहला मामला नहीं है, इससे पूर्व भी बीत साल में 10 फरवरी को यहां से जलाऊ चट्ठो के निर्धारित मात्रा से कम मात्रा में जरूरतमंदों को विक्रय किए जाने का मामला सामने आया था. जिसके बाद केन्द्रीय डिपो, आज भी चर्चा में है.


Web Title : THE NEEDY ARE NOT GETTING FIREWOOD FROM THE CENTRAL DEPOT BALAGHAT, THEY ARE SUFFERING, THE LABORER ARE NOT READY TO WORK FOR LESS AMOUNT