नगर में बढ़ रहा पॉलिथिन का उपयोग, नगरीय क्षेत्र में पॉलीथिन उपयोग पर नहीं लग पा रही लगाम, जिम्मेदार एकदूसरे पर डाल रहे जिम्मेदारी

बालाघाट. बालाघाट नगरपालिका क्षेत्र में पॉलीथिन पर प्रतिबंध कागजो में ही दिखाई दे रहा है, दरअसल, नगरीय क्षेत्र में इसका उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है. नगरीय क्षेत्र में सिंगल यूज पॉलिथीन का उपयोग होने की वजह से इसका प्रतिकूल परिणाम भी देखने को मिल रहा है. ना केवल सिंगल यूज पॉलिथीन कचरे में संग्रहित हो रही है, बल्कि यह पशुओं के लिए भी नुकसानदायक है. नगरपालिका ने पॉलिथीन पर रोक लगाने का आदेश जारी तो किया था और यह भी दावा किया था कि नगरीय क्षेत्र में  सिंगल यूज पॉलिथीन का उपयोग पूरी तरह बंद हो जाएगा, लेकिन नगरपालिका का यह दावा, नगरीय क्षेत्र में पॉलीथिन के बढ़ते उपयोग से खोखला दिखाई देता है.  

एक जानकारी के अनुसार प्रतिदिन बालाघाट नगरीय क्षेत्र में 20 टन कचरा नगरपालिका एकत्रित करती है, जिसमें लगभग आधे से एक टन पॉलीथिन निकलने की बात, नगरपालिका स्वास्थ्य शाखा से जुड़े लोग कहते है. जिससे साफ प्रतित होता है कि नगर में किस तरह धड़ल्ले से हानिकारक पॉलीथिन का उपयोग किया जा रहा है. जिसको लेकर नगरपालिका के जिम्मेदार, उदासीन है.  

शहर के सब्जी बाजार से लेकर हॉटल, मिठाई, दूध-डेयरी, जनरल स्टोर, किराना दुकान और कपड़े की दुकान सहित अन्य दुकानों में खुलेआम पॉलीथिन का उपयोग किया जा रहा है. नगर में पॉलीथिन को प्रतिबंध करने के बाद नगरपालिका की कार्यवाही भी दिखाई दी, लेकिन विगत महिनों से यह कार्यवाही पूरी तरह से बंद है, इस मामले में नगरपालिका के स्वास्थ्य विभाग प्रभारी और उप-पर्यवेक्षक एकदूसरे पर जिम्मेदारी डालकर जानकारी देने से बच रहे है. स्वास्थ्य शाखा प्रभारी प्रिती घरते बताती है कि हम नागरिकों को पॉलीथिन उपयोग नहीं करने पर जागरूक कर रहे है और पॉलीथिन के उपयोग पर कार्यवाही भी कर रहे है लेकिन की गई कार्यवाही का कोई आंकड़ा वह नहीं बताती है. जिसके लिए वह स्वास्थ्य विभाग के उप-पर्यवेक्षक काजल डोंगरे का कहना है कि पॉलीथिन पर कार्यवाही का लेकर स्वास्थ्य प्रभारी ही पूरी जानकारी दे सकती है.  

दुकानदारों का कहना है कि यदि पॉलीथिन प्रतिबंधित है तो उसका निर्माण रोका जाए या फिर, इसका विकल्प निकाला जाए, चूंकि हर दुकानदार के लिए, ग्राहको को थैला देना संभव नहीं है और यदि उन्हें पॉलीथिन नही देते है तो वह अन्य दुकानदार से सामान लेते है, जो पॉलीथिन देता है, जिससे उन्हें व्यापार में नुकसान होता है. प्रकृति, मानव जीवन और पशुओं के लिए खतरनाक पॉलीथिन के उपयोग को लेकर आम लोगों को भी जागरूकता दिखानी होगी और उन्हें सामान लेने जाते समय, साथ में थैला ले जाना होगा, तभी सभी की सहभागिता से नगर में बढ़ते पॉलीथिन के उपयोग को रोका जा सकता है.  


Web Title : THE USE OF POLYTHENE IS INCREASING IN THE CITY, THE USE OF POLYTHENE IN THE URBAN AREA IS NOT BEING CONTROLLED, THE RESPONSIBLE ARE PUTTING THE RESPONSIBILITY ON EACH OTHER