अन्याय नहीं करेंगे लेकिन अन्याय का प्रतिकार जरूर करेंगे-कुलश्रेष्ठ, राष्ट्रवादी चिंतक और प्रखर वक्ता पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ ने सनातनी हिन्दु जाग जायें तो देश बन जाये हिन्दु राष्ट्र

बालाघाट. राष्ट्रीय विचार मंच द्वारा 9 जनवरी को देश के प्रसिद्ध राष्ट्रवादी चिंतक और प्रखर वक्ता पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ के व्याख्यान माला का कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जिसमें जनप्रतिनिधियों सहित हिन्दुवादी संगठनांे के पदाधिकारी, शिक्षाविद सहित उन्हें सुनने बड़ी संख्या में जनता पहुंची थी.  

व्याख्यान माला कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रवादी चिंतक और प्रखर वक्ता पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ, कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. बी. एम. शरणागत, गायत्री मंदिर प्रबंध ट्रस्टी महेश खजांची, राष्ट्रीय विचार मंच संयोजिका श्रीमती लता एलकर और कार्यक्रम प्रभारी रमेश रंगलानी उपस्थित थे. दीप प्रज्जवलन और वंदेमातरम गायन के साथ कार्यक्रम की शुरूआत की. जिसके बाद अतिथियों देवो भवः की परंपरा का निर्वहन करते हुए मुख्य अतिथि प्रखर वक्ता पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ का राष्ट्रीय विचार मंच संयोजिका श्रीमती लता एलकर और कार्यक्रम प्रभारी रमेश रंगलानी द्वारा शॉल, श्रीफल से सम्मान किया गया. जिसके बाद बारी-बारी से समाजसेवी किरणभाई त्रिवेदी, कोष प्रमुख अभय सेठिया, व्यवस्था प्रभारी अभय कोचर, राजेश प ाठक, गोपाल आडवानी, अमरसिंह ठाकुर, संजय श्रीवास्तव, चारूदत्त जोशी, राजकुमार रायजादा, अशोक सागर मिश्रा, मीना राहंगडाले, कृष्णा सिंह द्वारा पुष्पगुच्छ से स्वागत किया गया. इसके अलावा मंच के नीचे कार्यकम की अग्र पंक्ति में बैठे आयोग अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन, मंत्री रामकिशोर कावरे, सांसद डॉ. ढालसिंह बिसेन, भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष वैभव पंवार, भाजपा अध्यक्ष रमेश भटेरे, पूर्व अध्यक्ष गोपालराव एलकर, हर्षदभाई पटेल, पूर्व विधायक नरेश दिवाकर का बारी-बारी से स्वागत किया गया.

2018 से राष्ट्रीय विचार मंच जन-जागरण का कर रहा कार्य-श्रीमती लता एलकर

व्याख्यान कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन देते हुए राष्ट्रीय विचार मंच संयोजिका श्रीमती लता एलकर ने कहा कि जिले में राष्ट्रीय विचार मंच वर्ष 2018 से जनता के बीच राष्ट्रवादी विचारधारा को लेकर भागीदारी निभा रहा है. विभिन्न ज्वलंत मुद्दो और घटनाओं में जनता के बीच जाकर विचार, मंथन करते चला आ रहा है. फिर वह सीए का मुद्दा हो या फिर धारा 370 और 35 ए सहित पूर्वोत्तर के विषयो पर मंच, जनजागरण कर रहा है. हालिया सीडीएस विपिन रावत के हेलिकाप्टर क्रेश में असामायिक शहीद होने पर श्रद्वाजंली कार्यक्रम आयोजित किया गया था. उन्होंने बताया कि पहले पूरा भारत एक था लेकिन कालांतर में देश के टुकड़ो में बंट गया.

अन्याय नहीं करेंगे लेकिन अन्याय का प्रतिकार जरूर करेंगे-कुलश्रेष्ठ

व्याख्यान माला के मुख्य अतिथि राष्ट्रवादी चिंतक और प्रखर वक्ता पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ ने बालाघाट को शेरो और टाईगर की नगरी के संबोधन से शुरूआत कर देश की राष्ट्रवादी सोच की सरकार से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और एक संप्रदाय विशेष पर अपने विचार रखते हुए कहा कि हम यह संकल्प ले कि हम अन्याय नहीं करेंगे लेकिन यदि अन्याय होता है तो इसका प्रतिकार करेंगे.

राष्ट्रवादी चिंतक और प्रखर वक्ता पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ ने राष्ट्रीय विचार मंच के मंच से अपनी बात रखते हुए कहा कि सरकारों के निर्णय देशहित में होते है, देश छोटा होता है, विगत 6-7 सालों से वह अपने सफर में वह यह बताने का प्रयास कर रहे है, निज स्वार्थ के कारण वह राष्ट्र के प्रति नहीं सोच रहे है, दुनिया में एकमात्र भारत ऐसा देश है, जहां सत्ता, जनता को मुर्ख बना रही है. उन्होंने कहा कि इस देश में देश का पहला प्रधानमंत्री ऐसा बना, जिसे पार्टी का ही समर्थन नहीं मिला था. 15 अगस्त 1947 को जिस आजादी की बात हमें बताई जाती है, वह तथाकथित आजादी है, जबकि सही मायनो में हमें आजादी 21 अक्टूबर 1943 को ही मिल गई थी, जिसे 11 राष्ट्रो ने मान्यता दी थी, लेकिन स्वार्थ के कारण, हम उसे नहीं बता पाये. आज हम स्वार्थ में इतने अंधे हो गये है कि चाटुकार को हम अपना हीरो मानने लगे है. जो समाज अपने सही हीरो को नहीं पहचान पाता है वह कभी आगे नहीं बढ़ सकता है. सत्ता से बदलाव नहीं आता है, सत्ता के बाहर से बदलाव आता है. जिस दिन देश का 90 करोड़ सनातनी हिन्दु अपना सामूहिक रूप से प्रदर्शन कर अपनी ताकत दिखायेंगे, उस दिन हर कोई आपकी चौखट पर नाक रगड़ेगा, आप इतना मजबूर कर दे.  

उन्होंने कहा कि तथाकथित आजाद भारत में जब सनातनियों की चेतना जागी तब 2014 पैदा हुआ है. देश को लोग थोपे गये राष्ट्रपिता से नहीं बल्कि आचार्य चाणक्य और चित्रगुप्त से जानती है. जो अच्छा दिखने की चाह मंे अपनी पहचान मिटा देते है, इतिहास भी उनकी पहचान मिटा देता है. उन्होंने कहा कि हमें बताया जाता है कि सारे धर्म बेकार है, लेकिन यह दुनिया का सबसे बड़ा झूठ है. आज राजनीति में निजी स्वार्थो ने इतना कायर बना दिया कि 90 प्रतिशत लोगों से ज्यादा सरकार शाहिन बाग, 1984 मंें सिक्खों को जलाने, कश्मीरी पंडितो को जलाने वालों की सुनती है. हमें समान अधिकार चाहिये. सरकार से जनता अधिकार चाहती है लेकिन हमारी क्या भूमिका है यह नहीं जानती है. वर्ष 2014 में 70 साल बाद जनता ने वोट देने की तमीज 2014 मंे सीखी. कभी सत्ताओं के बदलने से राष्ट्र नहीं बदलता, राष्ट्र के बदलने से सत्ता बदल जाती है. जब सनातनी हिन्दु ने अपनी शक्ति को पहचाना तो एक बार फिर देश में 2019 मंे एक बड़ा बदलाव देखने को मिला. हमें कुछ नहीं चाहिये, हम इतना दबाव बनायेंगे और दबाव बनाकर ताकत दंेगे की सोच सनातनी समझ ले, तो देश को हिन्दुराष्ट्र बनाने से कोई नहीं रोक सकता. उन्होंने कहा कि आदर्शवाद से घर चलता है, राष्ट्र नहीं. जिसे घर चलाना है, वह रामायण पढ़े और जिस देश चलाना है वह गीता पढ़े. गुलाम भारत के तथाकथित प्रधानमंत्री के जन्मदिवस पर बाल दिवस मनाया जाता है लेकिन यह कभी बताने का प्रयास नहीं किया गया कि गुरू गोविंदसिंह के दो पुत्रो ने धर्मांतरण न स्वीकार कर अपनी जान दे. जिसे देखते हुए देश की सरकार ने अब 26 दिसंबर को बाल वीर दिवस मनाने की घोषणा की है. आज देश में दिये जाने वाले पुरस्कारों का मान बढ़ गया है, जो वास्तविक लोगों को मिल रहा है, जो नंगे पाव पुरस्कार लेने आ रहे है. जो बदलाव देश नहीं देख पा रहा है.  

उन्होंने कहा कि जिस अंग्रेज से हम आजादी मांग रहे थे, उसी अंग्रेज ए. ओ. ह्रयूम ने कांग्रेस की स्थापना 1885 में की थी. जिसके बाद 1904 तक अंग्रेज उसमें अध्यक्ष रहे. ?

उन्होंने युवाओं से देश के इतिहास से जुड़ी किताबों को पढ़ने का आव्हान करते हुए कहा कि इससे उन्हें गौरव की अनुभूति होगी. उन्होंने कहा कि एक ओर गांधी पर बोलने वालों का जेल भेज दिया जाता है, तो दूसरी ओर महाविद्यालय में भगवान राम से जुड़ी कई कहानियों को गलत तरीके से पेश कर पढ़ाया गया, उस पर कभी किसी ने कोई आपत्ति नहीं ली. आज हमें डरपोक डरा रहे है, पहले मंदिर आस्था और ज्ञान के केन्द्र थे. जो कभी गुरूद्वारे, मस्जिद और चर्च नहीं रहे. भगवान राम ने त्याग किया तो वह पूजे जाने लगे. यदि सनातनी हिन्दु आचार्य चाणक्य हो जायें तो देश हिन्दुराष्ट्र बन जायेगा. नेताओं ने आज झूठ बोलने और झूठ सुनने की आदत डाल दी है, लेकिन समाज में जो ताकत है, वह नेताओं में भी नहीं है. सनातनी हिन्दुओं को अपनी भूमिका तय करनी पड़ेगी. एक-एक सनातनी एक-एक काम करें.

उन्हांेने कहा कि 1958 में स्थापित नासा हमें नहीं बताता कि आज ग्रहण है, इससे पहले हमें घर की दादी बता देती थी कि आज ग्रहण है, क्योंकि सनातन एक शुद्ध साईंस है. हम हिन्दु पैदा हुए है और हिन्दु ही जायेंगे, लेकिन वह हिन्दु पैदा हुए है और.. . बनकर जायेंगे.

उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री बुजुर्गो को तीर्थ यात्रा कर रहा है, जिसके लिए उन्होंने जनता ने नहीं चुना था, लेकिन धार में वह सरकार को बचाने के लिए समझौता करके बैठे है. उन्होंने कहा कि हमारी सहनशीलता को हमारी कायरता न समझा जायें. जिस दिन हमारी सहनशीलता को कायरता समझे तो हथियार उठा लो. उन्होंने कहा कि हमें माध्यम अर्थात रोजगार के लिए नहीं बल्कि लक्ष्य के लिए जीना है. उन्होंने कहा कि हम संकल्प ले कि अन्याय नहीं करेंगे और अन्याय करने पर उसका प्रतिकार करेंगे.

महात्मा गांधी, पत्नी कस्तुरबा बेन से उठावाते थे अंग्रेजी की पोटी

अपनी व्याख्यान माला के दौरान कई बार देश के राष्ट्रपिता को तथाकथित राष्ट्रपिता संबोधित करते दक्षिण अफ्रीका महात्मा गांधी के रहने के दौरान की घटना का हवाला देते हुए कहा कि महात्मा गांधी अपनी पत्नी कस्तुरबा से अंग्रेजो की पोटी उठवाते थे. जब पत्नी कस्तुरबा ने यह करने से मना किया तो वह उसका हाथ पकड़कर घर से बाहर निकाल दिया.  


Web Title : THEY WILL NOT DO INJUSTICE, BUT THEY WILL CERTAINLY RESIST INJUSTICE KULSHRESTHA, NATIONALIST THINKER AND ELOQUENT SPEAKER PUSHPENDRA KULSHRESTHA WILL BECOME A COUNTRY IF ORTHODOX HINDUS WAKE UP