बालाघाट. ऐसी गर्भवती महिलायें जो कोरोना पॉजिटिव है, उनके प्रसव एवं सीजेरियन आपरेशन के लिए कठिन समस्या पैदा हो गई थी. लेकिन जिला प्रशासन ने इस समस्या का निदान निकाल लिया है. कलेक्टर श्री दीपक आर्य द्वारा इस संबंध में डॉक्टर्स से चर्चा कर इस समस्या का हल निकालने कहा गया था. ऐसे में तीन चिकित्सकों ने मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए स्वप्ररेणा एवं स्वैच्छा से इस कठिन समय में कोरोना पाजेटिव गर्भवती महिलाओं के प्रसव एवं सीजेरियन आपरेशन कराने के लिए अपनी सहमति प्रदान की है. इस प्रकार अब जिला चिकित्सालय बालाघाट में प्रसव के लिए आने वाली कोविड पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं का व्यवस्थित रूप से प्रसव कराया जा सकेगा और जरूरत पड़ने पर सीजेरियन आपरेशन भी किया जा सकेगा.
डॉ. ममता डोंगरे एवं डॉ. श्रुति बिसेन करायेंगी प्रसव
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि कोरोना संकट के इस काल में कोविड पॉजिटिव गर्भवती माताओं का प्रसव कराने एवं सीजेरियन आपरेशन कराने में समस्या आ रही थी. लेकिन अब इस समस्या को दूर कर लिया गया है. कोरोना पॉजिटिव ऐसी गर्भवती मातायें जिनकी स्थिति सामान्य है और जिनका आक्सीजन लेवल सामान्य है, उनका प्रसव एवं सीजेरियन आपरेशन जिला चिकित्सालय बालाघाट में कराया जायेगा. ऐसी गर्भवती माताओं के प्रसव एवं सीजेरियन आपरेशन करने के लिए जिला चिकित्सालय की डॉ. ममता डोंगरे एवं डॉ. श्रुति बिसेन ने अपनी सहमति प्रदान की है. इसके साथ ही प्रायवेट एनेस्थिया चिकित्सक डॉ. दीक्षानंद डोंगरे ने भी ऐसी गर्भवती माताओं के सीजेरियन आपरेशन में सहयोग करने की सहमति प्रदान की है.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव ऐसी गर्भवती मातायें जिनकी स्थिति सामान्य नहीं होगी और जिनका आक्सीजन लेवल सामान्य नहीं रहेगा उन्हें प्रसव एवं सीजेरियन आपरेशन के लिए मेडिकल कालेज छिंदवाड़ा रेफर किया जायेगा. लेकिन सामान्य स्थिति एवं सामान्य आक्सीजन लेवल वाली कोविड पॉजिटिव गर्भवती माताओं का प्रसव एवं सीजेरियन आपरेशन अब जिला चिकित्सालय बालाघाट में ही किया जायेगा.
तीन डॉक्टर्स का निर्णय स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बना प्रेरणा
कोरोना पॉजिटिव गर्भवती माताओं का प्रसव एवं सीजेरियन आपरेशन कराने के लिए जिला चिकित्सालय बालाघाट की डॉ. ममता डोंगरे एवं डॉ. श्रुति बिसेन एवं प्रायवेट एनेस्थिया चिकित्सक डॉ. दीक्षानंद डोंगरे ने जिस साहस एवं मानवीय दृष्टिकोण के साथ अपनी सहमति प्रदान की है वह अपने आप में एक मिसाल है. उनका यह निर्णय स्वास्थ्य सेवा से जुड़े हर व्यक्ति को इस गंभीर संकट के समय मरीजों के प्रति संवेदनशीलता और मानवीयता के साथ कार्य करने की प्रेरणा दे रहा है. जिसकी जितनी प्रशंसा की जाये वह कम है.