आज अनूठा संयोग, रोहिणी नक्षत्र जब भगवान श्रीकृष्ण पैदा हुए थे, घर-घर मे विराजेगी भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा, यहां दो दिनों में होता है प्रतिमा का विसर्जन

बालाघाट. आज बड़ा ही अनूठा संयोग है, आज भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पर्व के साथ ही रोहिणी नक्षत्र भी आज रात 11. 52 बजे लगेगा. जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, उस दिन अष्टमी तिथि होने के साथ ही रोहिणी नक्षत्र था. जिससे आज की तिथि भगवान श्रीकृष्ण के जन्माष्टमी रोहिणी नक्षत्र पर जन्म के विधान को बयां करती है.  

भाद्र पक्ष की कृष्ण अष्टमी को मनाया जाने वाला कृष्णा जन्माष्टमी का पर्व आज 22 सितंबर को मनाया जायेगा. बालाघाट नगर के अधिकांश घरो में भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा को स्थापित कर उसकी पूजा अर्चना की जाती है. जिसके चलते मूर्तिकारों द्वारा भगवान श्रीकृष्ण की मनोहारी प्रतिमा का निर्माण किया गया है. आज मूर्तिकारों के यहां से यह प्रतिमा ले जाकर भक्तगण घरो में भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा स्थापित कर घर में विधि-विधान से भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अर्चना करेंगे.  

जिले के सबसे पुराने श्रीकृष्ण मंदिर में आज मनाई जायेगी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी

नगर के कृष्ण मंदिर रोड पर स्थित लगभग सवा सौ पुराने भगवान श्रीकृष्ण मंदिर में आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जायेगा. भगवान श्रीकृष्ण मंदिर में आज 2 सितंबर को श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जायेगा. चूंकि रात में रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ होने वाला है और भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव रोहिनी नक्षत्र में हुआ था, इसलिए आज की तिथि भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व की शुभ तिथि है. जिसके लिए मंदिर में आकर्षक साजसज्जा की गई है.

मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर प्रातः भगवान श्रीकृष्णक का अभिषेक, भगवान श्रीकृष्ण का श्रृंगार, भोग और आरती, उपरांत सायंकाल भक्तगण भगवान श्रीकृष्ण की झांकियों के दर्शन कर सकेंगे. इस दौरान रात में सुमधुर भजन गाये जायेंगे और रात 12 बजे भगवान का जन्मोत्सव मनाया जायेगा. जिसके बाद आरती एवं भक्तों में महाप्रसाद का वितरण किया जायेगा. जिसके उपरांत जय जवान, जय किसान के युवा गोपालो द्वारा गोपाल काला उत्सव (दही हांडी) फोड़ी जायेगी.  

कल निकालेगी गोपालो की टोली

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दूसरे दिन शनिवार को नगर में जगह-जगह भक्तगण गोपाल काला उत्सव (दही हांडी) का आयोजन करते है. नगर के मेनरोड से लेकर नगर के प्रमुख चौराहो पर उंचाई पर मटकी रखी जाती है, जिसे जय जवान, जय किसान के युवाओं द्वारा फोड़ा जाता है, इसके अलावा वार्ड में चौक स्तर पर भी स्थानीय युवा दही हांडी का उत्सव मनाते है.  

यहां दो दिनों बाद होता है प्रतिमाओं का विसर्जन

जहां बालाघाट नगर सहित अन्य क्षेत्रो में भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर प्रतिमाओं को विराजित किया जाता है और दूसरे दिन पवित्र जल में विसर्जित कर दिया जाता है, लेकिन बालाघाट जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत लिंगा में सालों से घर में विराजित भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमाओं को दो दिनों तक घरो में रखते है और तीसरे दिन उसका विसर्जन सार्वजनिक रूप से किया जाता है. गांव के घरो में विराजित प्रतिमाओं को परिवावार वाले घर से लेकर निकलते है और गुजरी चौक में एकत्रित होते है. जहां गोपाल काला उत्सव (दही हांडी) का आयोजन कर भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमाओं को सामूहिक रूप से गांव से बहने वाली नदी में विसर्जित किया जाता है.  


Web Title : TODAY, THE UNIQUE COINCIDENCE, THE ROHINI NAKSHATRA, WHEN LORD KRISHNA WAS BORN, THE STATUE OF LORD SRIKRISHNA, IS BORN IN THE HOUSE AND THE IMMERSION OF THE STATUE TAKES PLACE HERE IN TWO DAYS.